बिहार में कहा जा रहा था कि केंद्र की सत्ता में जेडीयू हिस्सेदार नहीं बनेगी, लेकिन केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए आतुर दिखाई दिए. इसको लेकर नीतीश कुमार को आखिरकार झुकना पड़ा और दावेदारी कर रहे ललन सिंह की जगह आरसीपी सिंह मंत्री बन गए. इसके बाद से बिहार में जेडीयू का एक गुट सियासी शीतयुद्ध का शिकार है. वो अंदर ही अंदर आरसीपी सिंह के लिए हमेशा गड्ढे खोदता रहा है.
फिलहाल राज्यसभा में आरपीसी के दोबारा जाने को लेकर राजनीतिक चर्चाएं गरम हैं. एक तरफ आरसीपी को पूरी उम्मीद है कि उन्हें पार्टी दोबारा भेजेगी. वो अपने बयानों और हावभाव से ऐसा दिखा भी रहे हैं, लेकिन पार्टी के अंदर सबकुछ ठीक-ठाक नहीं है. जेडीयू नेताओं का सोशल मीडिया अकाउंट और सियासी पंडित ऐसा अनुमान लगा रहे हैं. हालांकि जेडीयू ने इस मामले में पूरी तरह चुप्पी साध ली है. राज्यसभा के मुद्दे पर पार्टी के अंदर गुटबाजी तेज है.
आरसीपी सिंह को जदयू राज्यसभा भेजा जाएगा या नहीं इस बात को लेकर अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी ने इसको लेकर और भी सस्पेंस बना रखा है. शुक्रवार को जब सीएम नीतीश कुमार पटना स्टेशन गोलंबर के निकट भूत पू्र्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की पुण्यतिथि पर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करने पहुंचे तो मीडियाकर्मियों ने उन्हें घेर लिया. आरसीपी सिंह के मामले पर उनसे सवाल पूछा गया तो एक बार फिर सीएम नीतीश ने चुप्पी नहीं तोड़ी. बस सिर्फ इतना कहा कि सबको मालूम है! अब सीएम नीतीश के इस बयान के बाद सियासी शिगूफेबाजी तेज हो गई है. चर्चा यह कि आखिर आरसीपी सिंह को नीतीश कुमार राज्यसभा भेजेंगे या नहीं?
हालांकि, इसी चर्चा के बीच सूत्रों के हवाले से खबर यह भी सामने आ रही है कि 29 मई को JDU अपने राज्यसभा उम्मीदवार के नाम का एलान कर सकता है. इसी संशय की स्थित के बीच आरसीपी सिंह से मिलने समर्थक 7 स्टैंड रोड स्थित उनके आवास पर लगातार पहुंच रहे हैं. जदयू विधायक रत्नेश सदा, जदयू नेता अनिल कुमार सहित कई नेता आरसीपी सिंह से मिलने पहुंचे. रत्नेश सदा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आरसीपी सिंह राज्यसभा जाएंगे या नहीं इसके लिए सभी विधायकों ने नीतीश कुमार को अधिकृत कर दिया है. उम्मीदवार कौन होगा इसकी मुझे जानकारी नहीं.
नीतीश कुमार से अचानक मिलने पहुंचे आरसीपी
बता दें कि गुरुवार की देर शाम केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह अचानक ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करने एक अने मार्ग स्थित सीएम हाउस पहुंचे थे. लगभग एक घंटे तक मुलाकात चली. इसी मीटिंग के बीच जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी पहुंच गए. सबसे खास बात यह रही कि बैठक खत्म होने के बाद नीतीश कुमार और ललन सिंह एक गाड़ी से और आरसीपी सिंह अकेले दूसरी गाड़ी से निकले.
बंद कमरे में मुलाकात की बात अब तक नहीं आई बाहर
इस बीच मीडियाकर्मियों ने आरसीपी सिंह से मामले पर प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया मगर आरसीपी सिंह बिना कुछ बोले ही तेजी से निकल गए. बंद कमरे में हुई इस मुलाकात के बाद इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि क्या जदयू की ओर से आरसीपी सिंह को राज्यसभा भेजे जाने का रास्ता साफ हो गया है या फिर क्या उनका पत्ता कट गया है? यही चर्चा शुक्रवार की सुबह नीतीश कुमार के संक्षिप्त बयान के बाद भी जारी है.
आरसीपी सिंह की उम्मीदवारी को लेकर स्पष्टता नहीं
चर्चा यह है कि गुरुवार की शाम मुख्यमंत्री के साथ आरसीपी सिंह की मुलाकात में राज्यसभा की उम्मीदवारी के बारे में उन्हें दल के स्टैंड से अवगत करा दिया गया है. इधर, खबर है कि नीतीश कुमार से मिलने के पूर्व आरसीपी सिंह ने पार्टी के कुछ लोगों को कहा है कि अब दल को यह तय करना है कि पार्टी के लिए उन्होंने क्या काम किए हैं. बता दें कि आरजेडी की ओर से राज्यसभा प्रत्याशी के नाम की घोषणा के बाद ऐसा माना जा रहा है कि जल्दी ही जदयू भी अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर देगा.
राजद ने कर दिया नाम का ऐलान, भाजपा-जदयू बाकी
यहां यह भी बता दें कि कुछ दिन पहले ही ही जदयू के विधायकों व मंत्रियों की बैठक में प्रत्याशी का नाम चयन किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अधिकृत किया गया था. इसके बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी यही बात दोहराई थी कि प्रत्याशी का नाम पर नीतीश कुमार ही निर्णय लेंगे. गौरतलब है कि आगामी 10 जून को बिहार की राज्यसभा की 5 सीटों के लिए चुनाव होने वाले हैं. समीकरण के नजरिये से 2 सीट बीजेपी को, 1 सीट जदयू को और 2 सीट आरजेडी को मिलना तय माना जा रहा है.
सियासी कयास बाजियों का सिलसिला जारी
हालांकि, सियासी चर्चा यही है कि केंद्र में मंत्री बनने के बाद से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार; आरसीपी सिंह से नाराज हैं. ऐसे में आरसीपी सिंह के नाम को लेकर अभी भी संशय बना हुआ हुआ है कि जदयू उन्हें राज्यसभा भेजेगा या नहीं? बहरहाल, अब नीतीश कुमार पर ही निर्भर है कि आरसीपी सिंह को राज्यसभा भेजे जाने को लेकर वह क्या निर्णय लेते हैं. ऐसे में जब तक अंतिम रूप से पार्टी की ओर से उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की जाएगी सियासी कयासबाजियों का सिलसिला अभी जारी रहेगा.