मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सार्वजनिक रूप से मन की बात कहकर चर्चा में आए सोनू से मंगलवार को राज्यसभा सांसद एवं बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी मिले। उन्होंने सोनू की पढ़ाई में मदद का भरोसा दिया है। मंगलवार को वे हरनौत प्रखंड के नीमाकोल गांव उसके घर पहुंचे और सोनू से लंबी बात की। सांसद सोनू के साथ घर के आगे खलिहान में आम के पेड़ के नीचे चौकी पर बैठे और उसकी पढ़ाई, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात व गांव के स्कूल में शिक्षा की व्यवस्था आदि पर चर्चा की।
सोनू ने सुशील कुमार मोदी के सभी सवालों का बेबाकी से जवाब दिया। बातचीत के दौरान सोनू ने अपनी इच्छा दोहराई। कहा कि किसी अच्छे संस्थान में नामांकन हो जाए तो मैं पढ़-लिख कर आइएएस बनना चाहता हूं। सुशील मोदी ने नवोदय विद्यालय में नामांकन का आप्शन सुझाया। इस पर सोनू सहमत हो गया।
सुशील मोदी ने सोनू को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया और मिठाई खिलाई। वे सोनू की मां लीला देवी से भी मिले। उन्होंने मीडियाकर्मियों के सामने घोषणा की कि वे हर महीने सोनू के बैंक खाते में दो से तीन हजार रुपए भेज दिया करेंगे, जिससे पढ़ाई के अतिरिक्त उसका खर्च जुट सके। उन्होंने अन्य सरकारी लाभ दिलाने का भी भरोसा दिलाया।
इस बीच राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने भी सोनू से फोन पर बात की और उनकी बातचीत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। वीडियो में तेजप्रताप को सोनू की प्रशंसा करते हुए और उसे पटना के एक अच्छे स्कूल में दाखिला दिलाने का वादा करते हुए सुना जा सकता है।
तेजप्रताप के सोनू से यह पूछे जाने पर कि क्या वह डॉक्टर या इंजीनियर बनना चाहता है, सोनू ने कहा कि वह एक आईएएस अधिकारी बनना चाहता है। उधर से तेजप्रताप ने कहा कि अच्छी बात है। आइएएस बनकर मेरे नीचे काम करना। इस पर सोनू ने तपाक से कहा-आपकी सरकार रहेगी तब न आपके नीचे काम करूंगा। सोनू ने जागरण से कहा कि तेजप्रताप सर ने मदद का भरोसा दिया है। वे मंगलवार को आने के लिए कहे थे, लेकिन किसी कारणवश नहीं आ सके।
सोनू पिछले शनिवार को तब सुर्खियों में आया था जब नीतीश नालंदा जिले के हरनौत प्रखंड के अंतर्गत आने वाले अपने पैतृक गांव कल्याण बीघा में थे। बगल के गांव में रहने वाले सोनू ने हाथ जोड़कर मुख्यमंत्री को पुकार कर कहा था, ‘‘सर मुझे पढ़ने के लिए हिम्मत (शिक्षा प्राप्त करने में मदद) कीजिए, मेरे अभिभावक (पिता) नहीं पढ़ाना चाहते।’’
बालक के आग्रह पर मुख्यमंत्री ने अपने साथ आए अधिकारियों को बच्चे की शिकायतों को सुनने का निर्देश दिया था।