जिस खतरे की आशंका के चलते रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दुनिया को ऐसे युद्ध की भूलभुलैया में धकेल दिया जिससे बाहर निकलने की राह उन्हें ही मिल नहीं रही है और युद्ध एक एक करके दुनिया भर के देशों को वित्तीय संकट में डु़बाता जा रहा है वही खतरा पुतिन के दरवाजे पर दस्तक दे रहा है। दशकों तक तटस्थ रहे फिनलैंड़ और स्वीडन ने नाटों से उन्हें तुरंत अपना सदस्य बनाने का निवेदन करने का फैसला किया है। कुल १२ सदस्यों के साथ शुरू हुआ सैन्य गठबंधन नाटो अभी ३० सदस्यों वाला बेहद मजबूत संगठन है। कहां तो रूस यूक्रेन को नाटो का सदस्य बनने से रोकने के लिए जी जान से युद्ध लड़़ रहा है और कहां नाटो को बैठे बिठाए दो और साथी मिलने वाले हैं। रूस के साथ १३०० किमी. लंबी सीमा बांटने वाले फिनलैंड़ के यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से ही नाटो के साथ जुड़ने की संभावना के संकेत मिल रहे थे। फिनलैंड़ में एक हालिया सर्वे में देश के ७६ फीसदी लोग इस कदम के पक्ष में थे। नौर्डिक देशों में डेनमार्क‚ नॉर्वे और आइसलैंड़ १९४९ में नाटो के गठन के समय से ही इसके सदस्य हैं। फिनलैंड़ और स्वीडन इसमें शामिल नहीं हुए थे लेकिन अब ये दोनों भी नाटो में शामिल हो सकते हैं। नाटो शीत युद्ध के दौर में पश्चिमी देशों को सोवियत आक्रमण से बचाने के लिए बनाया गया था। हालांकि समय के साथ इसका प्रभाव कम हो रहा था लेकिन यूक्रेन युद्ध ने अचानक इसे मुख्यधारा में वापस ला दिया है। १९९९ में पहली बार पूर्व कम्युनिस्ट देशों चेक रिपब्लिक‚ हंगरी और पोलैंड़ ने भी नाटो की सदस्यता ली। ९/११ हमले के बाद नाटो देशों ने ‘एक के लिए सब और सबके लिए एक’ शपथ ली। २००४ में बुल्गारिया‚ रोमानिया‚ स्लोवाकिया और स्लोवेनिया भी इसमें शामिल हो गए। उसी साल तीन पूर्व सोवियत देशों एस्तोनिया‚ लातविया और लिथुआनिया ने नाटो का हाथ थामा। २०१० में अल्बानिया और क्रोएशिया और २०१७ में मोंटनेग्रो भी नाटो के सदस्य बन गए। नाटो और रूस के बीच रिश्तों को सबसे ज्यादा चोट तब पहुंची जब रूस ने क्रीमिया को अपने साथ मिला लिया और पूर्वी यूक्रेन में अलगाववादियों को समर्थन दिया। यूक्रेन युद्ध के अत्यंत लंबा खिंच जाने से कमजोर पड़़ रहे रूस की दिक्कतें नाटो की मजबूती से और बढ़ेंगी।
भाजपा नेताओं के साथ BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने सुनी ‘मन की बात’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात की। इस दौरान साल 1975 में देश में इंदिरा सरकार द्वारा...