आज बुद्ध पूर्णिमा है तो साल का पहला चंद्र ग्रहण भी है। हालांकि, आज का चंद्रग्रहण भारत में नहीं लगा है। पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भगवान बुद्ध कर पूजा की है। उधर, बोधगया के महाबोधि मंदिर में बुद्ध पूर्णिमा पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राज्यपाल फागू चौहान पहुंच गए हैं।
बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर पटना के बुद्ध स्मृति पार्क में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद एवं मंत्री अशोक चौधरी ने भगवान बुद्ध को पूजा की। इसके पहले मुख्यमंत्री ने प्रदेश तथा देशवासियों को बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। कहा कि उनका जीवन हम सभी के लिए आदर्श है।
भगवान बुद्ध का अवतरण दिवस बुद्ध पूर्णिमा आज पूरे बिहार में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इस मौके पर बोधगया के महाबोधि मंदिर सहित तमाम मंदिरों और मठों, पटना जंक्शन के सामने स्थित बुद्ध स्मृति पार्क में विशेष इंतजाम किए गए हैं। वैशाली और राजगीर जिलों में भी भी भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों पर विशेष आयोजन हो रहे हैं। इस मौके पर राज्यपाल फागू चौहान, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने देश-प्रदेश वासियों को शुभकामना दी है।
राज्यपाल ने कहा है कि भगवान बुद्ध का संदेश हमें सत्य, अहिंसा, प्रेम, करुणा और शांति के मार्ग पर चलकर मानवता की सेवा करने की प्रेरणा देता है। हम सब बुद्ध के सिद्धांतों को जीवन में आत्मसात कर सामाजिक समरसता का संकल्प लें। विजय कुमार सिन्हा ने प्रदेशवासियों को शुभकामना देते हुए भगवान बुद्ध को अहिंसा, करुणा और सहिष्णुता की प्रतिमूर्ति बताया।
मुख्यमंत्री ने बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामना दी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेशवासियों को बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामना दी है। मुख्यमंत्री ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि भगवान बुद्ध का जीवन हर किसी के लिए प्रेरणादायी है। उनके जीवन-दर्शन से हमें प्रेम, शांति, सद्भाव, त्याग, अङ्क्षहसा एवं संयम जैसे गुणों को अपनाने की प्रेरणा मिलती है। उनका जीवन हम सभी के लिए आदर्श है। भगवान बुद्ध के बताए हुए अष्टांगिक मार्ग पर चलकर मनुष्य सम्यक और संतुलित जीवन यापन करने में सक्षम हो सकता है। उन्होंने कामना की है कि भगवान बुद्ध की शिक्षा को आत्मसात कर हम प्रेम और सद्भाव की भावना और मजबूत करें।
तेजस्वी यादव ने कहा कि भगवान बुद्ध का अङ्क्षहसा का मार्ग प्रसांगिक बना हुआ है और सदा रहेगा। बुद्ध के मध्यम मार्ग को अपना कर ही विश्व में बढ़ते भेद-भाव एवं नफरत को समाप्त कर सकेंगे। मेलजोल एवं भाईचारा के रिश्ते को मजबूत करेंगे। कोरोना खत्म होने पर इस वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु बोधगया आए हैं। सबका भव्य स्वागत करें और प्रार्थना करें कि प्राकृतिक आपदाओं से भगवान हमारी रक्षा करें।
बुद्ध जयंती समारोह में थाइलैंड के कोलकाता स्थित दूतावास से काउंसूल जेनरल भी शिरकत करेंगी. बौद्ध भिक्षुओं द्वारा सूत्तपाठ किया जायेगा व भगवान बुद्ध से विश्व शांति के लिए कामना की जायेगी.
महात्मा बुद्ध की 2566वीं जयंती के अवसर पर सोमवार को बुद्ध की ज्ञानस्थली महाबोधि मंदिर में आयोजित समारोह का उद्घाटन राज्यपाल फागू चौहान करेंगे. सुबह 10 बजे राज्यपाल महाबोधि मंदिर पहुंचेंगे व दीप प्रज्वलित कर जयंती समारोह का उद्घाटन करेंगे. इसके बाद राज्यपाल का संबोधन होगा. जयंती समारोह में थाइलैंड के कोलकाता स्थित दूतावास से काउंसूल जेनरल भी शिरकत करेंगी. बौद्ध भिक्षुओं द्वारा सूत्तपाठ किया जायेगा व भगवान बुद्ध से विश्व शांति के लिए कामना की जायेगी.
जयंती समारोह में बोधगया स्थित विभिन्न देशों के बौद्ध मठों में प्रवास करने वाले बौद्ध भिक्षुओं के साथ ही महाराष्ट्र व अन्य प्रदेशों से यहां पहुंचे श्रद्धालु भी शामिल होंगे. कार्यक्रम के समापन पर बौद्ध भिक्षुओं को संघदान व श्रद्धालुओं को कालचक्र मैदान में भोजन कराने की व्यवस्था की गयी है. इस बीच बोधगया टेंपल मेनेजमेंट कमेटी द्वारा बुद्ध जयंती समारोह का फेसबुक पर लाइव स्ट्रीमिंग भी की जायेगी. इससे देश-विदेश में मौजूद बौद्ध श्रद्धालु भी महाबोधि मंदिर में आयोजित समारोह को देख सकेंगे. आयोजन को लेकर मंदिर परिसर व आसपास की सुरक्षा सख्त कर दी गयी है.
बुद्ध जयंती के अवसर पर श्रीलंका बौद्ध मठ द्वारा रविवार की शाम को श्रीलंका बौद्ध मठ से महाबोधि मंदिर तक शोभायात्रा निकाली गयी. इसमें भगवान बुद्ध व उनके दो शिष्यों के यहां रखे धातु अवशेषों को भी शामिल किया गया. पालकी पर बौद्ध भिक्षुओं ने बुद्ध व उनके शिष्यों के धातु अवशेष को रख कर बुद्धं शरणम गच्छामि का मंत्रोच्चार करते हुए भिक्षु व श्रद्धालु महाबोधि मंदिर पहुंचे.
मंदिर परिसर की परिक्रमा करते हुए मंदिर के गर्भगृह में पूजा-अर्चना की गयी और उसके बाद धातु अवशेष के साथ वापस श्रीलंका बौद्ध मठ लौट आये. अब सोमवार की सुबह से शाम तक यहां स्थित जयश्री महाबोधि विहार में बुद्ध व उनके शिष्यों के धातु अवशेष काे आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ रखा जायेगा. सूचना है कि राज्यपाल फागू चौहान भी बुद्ध व उनके शिष्यों के धातु अवशेष का दर्शन करने जायेंगे.
भगवान बुद्ध की 2566 त्रिविध पावन जयंती (जन्म, संबोधि प्राप्ति और महा परिनिर्वाण दिवस) उनकी ज्ञान स्थली महाबोधि मंदिर परिसर में आज मनाई जाएगी। जयंती तैयारी पूरी कर ली गई है। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल फागू चौहान दस बजे आएंगे। वहीं जयंती समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में थाईलैंड के कोलकाता स्थित दूतावास में प्रतिनियुक्त काउंसिल जेनरल अचारापन यावारापास भी शिरकत करेंगी। कोरोना की वजह से यह जयंती दो वर्ष बाद मनाई जा रही है।
जयंती का शुभारंभ सुबह 6:30 बजे बोधगया स्थित 80 फीट बुद्ध की मूर्ति के पास से महाबोधि मंदिर तक बौद्ध भिक्षुओं व श्रद्धालुओं एक शोभायात्रा के साथ की जाएगी। सभी महाबोधि मंदिर में पवित्र बोधिवृक्ष के नीचे एकत्रित होरक पंचशील का पाठ करते हुए भगवान बुद्ध की पूजा अर्चना करेंगे। इसके बाद दस बजे जंयती समारोह का उद्घाटन राज्यपाल फागू चौहान दीप प्रज्जवलित कर करेंगे। इसके बाद थेरोवाद व महायान पंथ के बौद्ध भिक्षुओं व लामाओं द्वारा सूत्तपाठ किया जाएगा।
इंटरनेशन बुद्धिस्ट काउंसिल बोधगया के जेनरल सेक्रेटरी भिक्खु प्रज्ञादीप का संबोधन होगा। और फिर बीटीएमसी के सचिव एन दोरजे धन्यवाद ज्ञापन करेंगे। कार्यक्रम के समापन के बाद बिरला धर्मशाला में बौद्ध भिक्षुओं को संघदान यानी भोजन कराया जाएगा।
इंटनेशनल बुद्धिस्ट काउंसिल बोधगया के जेनरल सेक्रेटरी भिक्खु प्रज्ञादीप ने बताया कि महात्मा बुद्ध की त्रिविध पावन जयंती समारोह का देश-विदेश में व्यापक असर पड़ा है। महात्मा बुद्ध के संदेश का न केवल विदेशों में बल्कि भारत में भी खासा असर हुआ है।
लोगों में बुद्ध के प्रति जागरूकता बढ़ी है। बुद्ध जंयती के मौके पर ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। बुद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार के साथ ही बोधगया आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी इजाफा होने लगा है। महाराष्ट व यूपी से बड़ी संख्या में श्रद्धालु बोधगया पहुंचने लगे हैं।