राज्य में कई धार्मिक स्थानों पर अनियमितताओं की शिकायतों के बीच सरकार ने राज्य के सभी ५३४ मंड़लों में सर्किल अधिकारियों (सीओ) से उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले पंजीकृत एवं गैर पंजीकृत मंदिरों और मठों की पहचान तथा उन्हें चिह्नित करने और इसकी सूचना जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे पोर्टल्स पर अपलोड़ करने को कहा है। कानून विभाग द्वारा चलाये जाने वाले बिहार स्टेट रिलिजियस ट्रस्ट काउंसिल (बीएसआरटीसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीओ को मंदिरों और मठों पर जानकारी एकत्रित करने के लिए एक सप्ताह में कम से कम दो बार बाहर निकलना होगा और जिलाधीश इस कवायद पर नजर रखेंगे। अधिकारी ने कहा‚‘जिलाधीश यह सुनिश्चित करेंगे कि मंदिरों‚ मठों और न्यासों के बारे में सभी आवश्यक सूचना नियमित रूप से अपलोड़ की जाये। इसके अलावा वे ये जानकारियां बीएसआरटीसी को भेजेंगे। बिहार में सभी मंदिरों‚ मठों और धर्मशालाओं को बिहार हिंदू धार्मिक न्यास कानून‚ १९५० के तहत बीएसआरटीसी में पंजीकरण कराना होगा।’ मंदिर की देखभाल करने वाले लोगों द्वारा किये जा रहे जमीन के अनैतिक सौदों पर चिंता व्यक्त करते हुए विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि धार्मिक संपत्तियों को अवैध दावों से बचाने के लिए फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा‚‘विभिन्न धार्मिक स्थानों पर बड़़े पैमाने पर अनियमितताओं का पता चलता है‚ जिसमें मंदिरों और मठों के पुजारी मालिकों के तौर पर अचल संपत्तियां बेच और खरीद रहे हैं। धार्मिक संपत्तियों की रक्षा और देखरेख के लिए प्राथमिकता के आधार पर पहचान की यह कवायद पूरी की जानी है।’ सरकारी रिकॉर्ड्स के अनुसार‚ वैशाली में सबसे अधिक ४३८ अपंजीकृत मंदिर और मठ हैं। कैमूर में ऐसे ३३८ मंदिर हैं। मंत्री ने बताया कि मोटे तौर पर अनुमान के अनुसार‚‘करीब २‚२०० अपंजीकृत मंदिर और मठ हैं‚ जिसके तहत करीब ३‚२०० एकड़़ भूमि आती है।
सरकारी रिकॉर्ड्स के अनुसार‚ वैशाली में सर्वाधिक ४३८ और कैमूर में ३३८ अपंजीकृत मंदिर और मठ हैं, जानकारी एकत्र करने के लिए सप्ताह में दो बार बाहर निकलना होगा, जिलाधीश तय करेंगे कि सभी आवश्यक सूचना अपलोड़ की जाये, मंदिरों–मठों से संबंधित सभी सूचनाएं बीएसआरटीसी को भेजनी होंगी, धार्मिक संपत्तियों को अवैध दावों से बचाने के लिए फैसला लिया गया है। विभिन्न धार्मिक स्थानों पर बड़़े पैमाने पर अनियमितताओं का पता चलता है‚ जिसमें मंदिरों और मठों के पुजारी मालिकों के तौर पर अचल संपत्तियां बेच और खरीद रहे हैं। धार्मिक संपत्तियों की रक्षा और देखरेख के लिए प्राथमिकता के आधार पर पहचान की यह कवायद पूरी की जानी है। –प्रमोद कुमार‚ विधि मंत्री