बिहार की राजनीति में सक्रिय होने के लिए तैयारी कर रहे प्रशांत किशोर को पहली बार बिहार के किसी नेता की तारीफ मिलती दिख रही है। बिहार के प्राय: तमाम राजनीतिक दलों ने प्रशांत किशोर को कमतर जताने जैसे संदेश दिए हैं। तेजस्वी यादव ने साफ कह दिया कि पीके उनके लिए कोई मायने ही नहीं रखते। जदयू और भाजपा के बयान भी लगभग ऐसे ही रहे। इस बीच बिहार में एक वक्त दबंग नेता के तौर पर शुमार रहे पूर्व सांसद पप्पू यादव ने पीके के आने को अच्छा संकेत बताया है।
जन अधिकार पार्टी सुप्रीमो पप्पू यादव ने कहा है कि बिहार राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है। भाजपा-जदयू और राजद में आपसी खींचातान चल रही है। भाजपा में दो गुट, जदयू में दो गुट और राजद में कई गुट बन गया हैं जो सत्ता के लिए आपसी खींचातानी कर रहे हैं। बिहार के अधिकारी लूटने में व्यस्त हैं। पप्पू रविवार को पटना में प्रेस से बात कर थे।
पप्पू यादव ने कहा कि राजद एक जाति विशेष को लुभाकर सत्ता पर काबिज होना चाहता है। वह पहले बिहार के इतिहास को पलट कर देखे। उस समाज पर सबसे ज्यादा आघात इसी पार्टी ने किया है। लालू परिवार कन्हैया और प्रशांत किशोर (पीके) से डरता है। पीके संघर्ष में उतर रहे हैं। ये अच्छी बात है। आने वाले दिनों में नए और अच्छे लोग ही आएंगे। लालू की पार्टी में कार्यकर्ताओं की कोई जगह नहीं है।
उन्होंने कहा कि बिहार में अपराध बेलगाम है। डीजीपी बिहार को संभालने में विफल साबित हुए हैं। बंदूक की नोक पर हत्या, रंगदारी और लूट मानो बिहार में आम बात हो गई है। देश में बढ़ती महंगाई और बेरोजगार के सवाल पर पप्पू यादव ने कहा कि भाजपा की नीतियों ने देश में महंगाई और बेरोजगारी की सर्वाधिक बढ़ाया है। प्रेस कान्फ्रेंस में राघवेन्द्र कुशवाहा और राजेश रंजन पप्पू भी मौजूद थे।