मोदी सरकार में गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेता अमित शाह आज से दो दिन के बंगाल दौरे पर रहेंगे. यह अलग बात है कि उनके बंगाल पहुंचने से पहले ही राजनीति तेज हो गई है. तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने उनके प्रवास पर तीखा हमला बोला है, तो सूबे की बीजेपी ईकाई में अंदरूनी स्तर पर इसको लेकर हलचल तेज हो गई है. गौरतलब है कि पिछले साल पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव के बाद अमित शाह (Amit Shah) पहली बार राज्य का दौरा कर रहे हैं. शाह का बंगाल दौरा कई मायनों में अहम है. यह ऐसे समय हो रहा है जब पार्टी राज्य में अपने संगठनात्मक तंत्र को मजबूत करने का प्रयास कर रही है. 2021 के विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद से पार्टी आंतरिक कलह और दलबदल से त्रस्त है.
बीएसएफ की तैरती चौकी के उद्घाटन से होगी शुरुआत
सूत्रों के मुताबिक अमित शाह इस दौरान सभी सांसदों और विधायकों सहित अपनी पार्टी की पश्चिम बंगाल ईकाई के नेताओं से मिलेंगे. उन्होंने बताया कि शाह का पश्चिम बंगाल में एक जनसभा को संबोधित करने और भारत-बांग्लादेश सीमा से लगे अग्रिम इलाकों का दौरा करने का भी कार्यक्रम है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्री बृहस्पतिवार सुबह हिंगलगंज में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की ‘तैरती सीमा चौकी’ का उद्घाटन करेंगे और हरिदासपुर में मैत्री संग्रहालय की आधारशिला रखेंगे. इसके बाद शाम को केंद्रीय मंत्री सिलीगुड़ी में एक जनसभा को संबोधित करेंगे.
कल करेंगे भारत-बांग्लादेश सीमा का दौरा
सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री शुक्रवार को भारत-बांग्लादेश सीमा के तीन बीघा क्षेत्र का दौरा करेंगे और वहां पर बीएसएफ जवानों के साथ संवाद करेंगे. केंद्रीय मंत्री शुक्रवार को कोलकाता स्थित विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में कार्यक्रम में शामिल होने के बाद प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. शाह का पश्चिम बंगाल का दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब पार्टी राज्य में अपने संगठनात्मक तंत्र को मजबूत करने का प्रयास कर रही है, जो 2021 के विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद से आंतरिक कलह और दलबदल से त्रस्त है. भाजपा सूत्रों ने बताया कि वह वहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कार्यालय भी जाएंगे.