संयुक्त राष्ट्र के इंटर गवर्नमेंट पैनल ऑन क्लाइमेट (आईपीसीसी) की जलवायु परिवर्तन पर हालिया रिपोर्ट चौंकाती कम ड़राती ज्यादा है। आईपीसीसी की पूरी रिपोर्ट चेतावनियों से भरी हुई है। इसलिए बिना वक्त गंवाए जलवायु परिवर्तन को रोकने के उपाय अमल में लाने होंेगे। आज पूरे भारत में खासकर उत्तर भारत में सूर्य के तीखेपन को लेकर चर्चा है। लोग बढ़ते तापमान को लेकर परेशान हैं और इसे प्रकृति का अन्याय तक बताते हैं। जबकि प्रकृति के साथ तो आम लोगों ने अन्याय किया है। पेड़़ काटे ड़ाले हैं‚ पर्वतों को तोड़़कर समतल कर दिया गया है‚ नदियों के बहाव को बांध दिया गया है और शहर–दर–शहर व गांव–दर–गांव कंक्रीट के जंगल बसाए जा रहे हैं। क्या ऐसे उपक्रम से धरती बचेगीॽ शायद नहीं। वैसे भी अब तो पृथ्वी को बचाने की लड़़ाई अंतिम दौर में है। अगर आने वाले आठ वर्षों में हम कार्बन उत्सर्जन को रोक नहीं सके तो हमारा मिटना तय है। हमें अपनी हर गतिविधियों में व्यापक बदलाव लाना होगा। मसलन; खाने–पीने‚ चीजें खरीदने और उपयोग करने की मौजूद आदतों तक को बदलना होगा। इसके अलावा कोयले से बिजली उत्पादन रोकने को लेकर भी सख्त फैसले लेने होंगे। अगर यह सब उपाय तत्काल प्रभाव से नहीं अपनाए गए तो बढ़ता तापमान शायद कभी नहीं रुक पाएगा। आईपीसीसी के वैज्ञानिकों ने आठ वर्ष बाद यानी २०३० तक पृथ्वी को बचाने के लिए चेतावनियों से भरी कार्ययोजना जारी की है। इस रिपोर्ट में साफ–साफ कहा गया है कि हमें अगले कुछ वर्षों तक ग्रीन हाउस गैसों को बिल्कुल भी नहीं बनने देना होगा। उत्सर्जन में कटौती के बिना ग्लोबल वामिग को १.५ डि़ग्री सेल्सियस तक सीमित करना पहुंच से बाहर हो जाएगा। साफहै कि ऊर्जा क्षेत्र में बड़े़ बदलाव करने होंगे। साथ ही जीवाश्म इधन के इस्तेमाल में भारी कमी लानी होगी। ग्लोबल वामिग को कम करने और धरती को रहने लायक बनाने के वास्ते पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करना ही होगा। यह ‘अभी नहीं तो कभी नहीं’ जैसा है। स्वाभाविक रूप से हर किसी को एक्टिविस्ट बनना होगा। योद्धा बनकर ही हम धरती को फिर से रहने लायक बना सकते हैं। आरामतलबी होने के नुकसान कितने घातक होते हैं‚ यह अब जगजाहिर है। सरकार के साथ ही आम नागरिक को पर्यावरण को बेहतर बनाने की मुहिम अपने हाथों में लेनी होगी। इस भगीरथ प्रयास में हरेक को शामिल होना होगा।
इंदौर लगातार 8वीं बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर, सूरत दूसरे और नवी मुंबई तीसरे नंबर पर
केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर को लगातार आठवीं बार भारत के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब मिला।...