आज मद्य निषेध और उत्पाद संशोधन विधेयक-2022 को बिहार विधानसभा पेश किया जाएगा। इसे लेकर बिहार सरकार पहले से तैयार कर ली है। हंगामा होने और इसको लेकर एक मत बनाने को लेकर इसे बजट सत्र के अंतिम एक दिन पहले पेश किया जा रहा है। हालांकि, बिहार सरकार की कैबिनेट से इस संशोधन विधेयक को पहले ही मंजूरी मिल गई है।
सुप्रीम कोर्ट की सलाह के बाद बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून में संशोधन की तैयारी की है। इस संशोधन विधेयक पर हंगामा ना हो इसको लेकर सभी विधायकों को संशोधन की एक-एक प्रति पहले ही पढ़ने के लिए दी जा चुकी है। बिहार सरकार की शराबबंदी कानून को लेकर हो रही फजीहत के बाद ये फैसला लिया गया है।
जानिए, बिहार सरकार सदन में क्या संशोधन विधेयक पेश करेगी…
- पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने पर पुलिस और उत्पाद पदाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर कार्यपालक मजिस्ट्रेट कार्रवाई करेंगे और जुर्माने की राशि सरकार तय करेगी।
- पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने पर मजिस्ट्रेट के द्वारा जुर्माना लेकर छोड़ा जा सकता है। जुर्माना नहीं चुकाने पर एक महीने का साधारण कारावास हो सकता है। लेकिन, बार-बार शराब पीकर पकड़े जाने वालों के लिए यह नियम लागू नहीं होगा।
- ऐसे मामले की सुनवाई एक साल के अंदर पूरी करनी होगी।
- पुलिस अगर भारी मात्रा में अवैध शराब पकड़ती है तो पुलिस को अधिकार होगा कि शराब का सैंपल रखकर बाकी की शराब नष्ट कर दे। इसके लिए कलेक्टर से अनुमति की जरूरत भी नहीं होगी।
- नए संशोधन में दंडनीय सभी अपराध धारा- 35 के अधीन अपराधों को छोड़कर सुनवाई विशेष न्यायालय द्वारा की जाएगी। इसकी अध्यक्षता सत्र न्यायाधीश, अपर सत्र न्यायाधीश, सहायक सत्र न्यायाधीश या न्यायिक मजिस्ट्रेट कर सकेंगे।
- ऐसे मामलों के अधीन गिरफ्तार व्यक्ति अभी भी जेल में हैं तो उसे छोड़ दिया जाएगा, यदि वह धारा 37 में उल्लिखित कारावास की अवधि पूरी कर चुका हो।
- नए संशोधन में राज्य सरकार तलाशी, जब्ती, शराब नष्ट करने आदि से संबंधित निर्देश या मार्गदर्शन जारी करेगी।
बिहार में शराबबंदी कानून बनने और उसके बाद राज्य के सभी कोर्ट में ज्यादा मामले लंबित होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट में शराब वाले मामले को लेकर सुनवाई जल्द हो इसके लिए राज्य सरकार ने संशोधन विधेयक का प्रस्ताव दिया था।