बिहार विधानसभा में सोमवार को विपक्षी सदस्यों ने तारांकित प्रश्न के एक उत्तर से असंतुष्ट होकर जमकर हंगामा किया। वे लोग पुलिस की कार्यशैली से नाराज थे। हुआ यह कि सोमवार को विस में विपक्षी सदस्यों ने सरकार से पुलिस की कार्यशैली को लेकर जवाब मांगा‚ लेकिन सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया‚ जिसके कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई। दरअसल‚ विधानसभा में सोमवार को रोहतास के डेहरी थाना क्षेत्र से नौ माह पूर्व हुए एक युवक के अपहरण के मामले के संबंध में राजद के फतेह बहादुर सिंह और गोपालगंज के फुलवरिया थाना इलाके के एक मामले में विदेश और बिहार से बाहर दूसरे राज्य में कार्यरत दो लोगों को अभियुक्त बनाए जाने से संबंधित राजद के ही राजेश कुमार सिंह के तारांकित प्रश्न पर प्रभारी गृहमंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष के सदस्यों ने करीब २५ मिनट तक सदन के अंदर हंगामा किया ।
प्रभारी गृहमंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने राजद के फतेह बहादुर सिंह के प्रश्न के उत्तर में कहा कि इस मामले में एक अपहरणकर्ता को गिरफ्तार कर लिया गया है और दूसरे की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। इसके साथ ही अपहृत की बरामदगी के भी प्रयास किए जा रहे हैं। इस पर श्री सिंह ने कहा कि उनका मूल प्रश्न है कि नौ महीने से लापता व्यक्ति कहां है और पुलिस उसे ढूंढ कर कब तक लाएगी। इसका मंत्री कोई जवाब नहीं दे पा रहे हैं।
वहीं श्री यादव ने कहा कि पुलिस को इस मामले में जो भी कार्रवाई करनी है वह कर रही है लेकिन उसे कब तक ढूंढ कर लाया जाएगा यह कोई नहीं बता सकता। वह जिंदा भी है या कहीं और है यह बताना कठिन है । उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया कि यदि उनके पास कोई सूचना है तो वह दें उस पर कार्रवाई की जाएगी या उनके पास कोई ऐसी तकनीक है जिससे उसका पता लगाया जा सके तो वह बता दें जिससे युवक को ढूंढ कर लाया जा सके । इस पर राजद के ललित यादव ने कहा कि मौजूदा सरकार पूरी तरह से अक्षम है । मुख्यमंत्री पर हमला हो जा रहा है और एक व्यक्ति जो नौ महीने से लापता है उसका भी पता पुलिस नहीं लगा पा रही है । इनका पूरा प्रशासनिक तंत्र विफल है । सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है ।
इस पर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि पूरे तंत्र को विफल बताना सही नहीं है । अच्छा काम करने वाले अधिकारियों का मनोबल नहीं टूटना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि कोई विधायिका को कह दे कि वह पूरी तरह विफल है तो कितनी तकलीफ होगी इसलिए सभी को समेटना सही नहीं है । इसके बाद सभाध्यक्ष ने दूसरे तारांकित प्रश्न पूछने के लिए रत्नेश सदा का नाम पुकारा‚ इसी दौरान राजद के फतेह बहादुर सिंह सदन के बीच में आ गए और शोरगुल करने लगे। इस पर सभाध्यक्ष ने कहा कि प्रश्न का जवाब मिलने के बाद भी दबाव बनाने के लिए सदन के बीच में आना सही नहीं है। इसके बाद उन्होंने श्री सिंह को अपनी सीट पर जाने को कहा और भाकपा माले के नेता महबूब आलम को अपनी बात रखने का मौका दिया।
श्री आलम ने कहा कि यह गंभीर विषय है और सरकार अपनी नाकामी को छुपाना चाहती है। हर एक नागरिक की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है लेकिन सरकार हमसे पूछती है कि आप बताएं कि क्या करें। क्या विधायक अब पुलिस का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि इस विषय पर सदन में गंभीर बहस होनी चाहिए। सरकार पूरी तरह से नाकाम है। एक ओर सीएम पर हमले हो रहे हैं तो दूसरी ओर आम लोग भी सुरक्षित नहीं है। इस पर सभाध्यक्ष ने कहा कि पिछले शनिवार को ही सदन में संवैधानिक कर्तव्य और अधिकार की बात की गई थी। सरकार का कर्तव्य है लोगों को सुरक्षा प्रदान करना लेकिन सभी विधायकों और नागरिकों की भी जिम्मेवारी है कि वे सरकार को सहयोग करे।