बिहार विधान सभा से 23 मार्च को विकासशील इंसान पार्टी (VIP) पूरी तरह साफ हो गई। इनके तीनों विधायक BJP में शामिल हो गए। ऐसे में अब मुकेश सहनी का मंत्री पद भी उनसे छीना जाना तय है। खुद को सन ऑफ मल्लाह कहने वाले सहनी 16 महीने में ही अर्श से फर्श पर पहुंच गए।
2020 के विधानसभा चुनाव में RJD के साथ बीच कान्फ्रेंस में गठबंधन छोड़ कर BJP के साथ हाथ मिलाने वाले VIP सुप्रीमो को उसी BJP ने आज सदस्यविहीन बना दिया। हालांकि सहनी का सफर हमेशा से ही संघर्षों भरा रहा है। यहां हम आपको सहनी के जीवन से जुड़ कुछ अहम किस्सों की जानकारी दे रहे हैं…
19 साल की उम्र में घर छोड़कर मुंबई पहुंच गए थे
दरभंगा के सुपौल बाजार के रहने वाले सहनी 19 साल की उम्र में घर छोड़कर मुंबई चले गए थे। वहां जाकर उन्होंने एक कॉस्मेटिक शॉप में बतौर सेल्समैन काम करना शुरू किया। कुछ समय बाद वह बॉलीवुड में सेट डिजाइनर का काम करने लगे।

नितिन देसाई की फिल्म देवदास के लिए डिजाइन किया गया उनका सेट ने उन्हें बॉलीवुड में एक नई पहचान दिलाई। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने अपनी कंपनी भी खोल ली। जिसका नाम मुकेश सिनेवर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड रखा। सहनी ने मुंबई में रहते हुए खूब शोहरत और दौलत कमाई।
अखबारों में विज्ञापन देकर बिहार की राजनीति में रखा कदम
VIP सुप्रीमो का राजनीतिक सफर की शुरुआत ज्यादा पुरानी भले न हो लेकिन दिलचस्प जरूर है। कहा जाता है कि मुकेश सहनी ने पैसों के दम पर बिहार की राजनीति में एंट्री मारी थी। 2013 की एक सुबह बिहार में लोगों ने अपने हाथों में अखबार (अंग्रेजी-हिंदी दोनों) उठाया तो उनका सामना ‘सन ऑफ मल्लाह- मुकेश सहनी’ के चेहरे से हुआ। उस विज्ञापन के बाद अखबारों में मुकेश का एक और विज्ञापन छपा जिसमें उनका मोबाइल नंबर भी शेयर किया गया था। इसके बाद अखबारों, सोशल मीडिया और बिहार की जनता के बीच ‘सन ऑफ मल्लाह’ का बोलबाला बढ़ता चला गया।

2014 में मोदी के लिए प्रचार किया, 2019 में अपनी पार्टी बनाई
मुकेश ने 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को समर्थन दिया और उनके लिए प्रचार भी किया। लेकिन बाद में BJP से अलग हो गए। 2018 में मुकेश ने बनाई अपनी पार्टी मुकेश सहनी ने 2019 के लोकसभा चुनावों की घोषणा से कुछ महीने पहले ही नवंबर 2018 में अपनी अलग पार्टी की घोषणा की थी। राजनीति में VIP तरीके से एंट्री लेने वाले मुकेश ने अपनी पार्टी का नाम विकासशील इंसान पार्टी (VIP) रखा।

2020 का विधानसभा चुनाव हार कर भी बिहार में मंत्री बने
2020 में बिहार चुनाव से पहले मुकेश सहनी महागठबंधन का हिस्सा थे लेकिन सीट बंटवारे में असहमति के बाद वह NDA के साथ चले गए थे। मुकेश सहनी की पार्टी को NDA से 11 सीटें दी गई थी। इसमें 4 सीटों पर जीत दर्ज की थी । खुद सिमरी बख्तियारपुर से हार गए लेकिन NDA की तरफ से उन्हें मंत्री बनाया गया।
मुकेश सहनी से बोली BJP- थोड़ी सी भी नैतिकता बची है तो मंत्री पद से दें त्यागपत्र
विधानसभा उपचुनाव और MLC चुनाव से ठीक पहले बिहार का राजनीतिक पारा चढ़ गया है. विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी का सियासी भविष्य अचानक से हिचकोले खाने लगा है. बुधवार शाम को वीआईपी के 4 में से 3 विधायकों ने BJP का दामन थाम लिया. ऐसे में अब मुकेश सहनी के पास अब सिर्फ 1 विधायक बचे हैं. भाजपा में शामिल होने वाले तीनों विधायकों ने पार्टी का विलय भी करने की मांग की है, ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि अब मुकेश सहनी का क्या होगा? इस बीच, BJP ने वीआईपी चीफ मुकेश सहनी पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है. भाजपा ने नैतिकता और आत्मसम्मान की दुहाई देते हुए मुकेश सहनी को मंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग की है. अब सबके मन में यही सवाल है कि अब मुकेश सहनी क्या करेंगे? उनका अगला कदम क्या होगा?
भाजपा के प्रवक्ता राम सागर सिंह ने मुकेश सहनी पर जोरदार हमला बोला है. BJP प्रवक्ता ने कहा, ‘मुकेश सहनी विधायक दल के नेता के तौर पर मंत्रिमंडल में शामिल थे. अब जबकि विधायक ही नहीं बचे तो वह विधायक दल के नेता भी नहीं रहे. अगर मुकेश सहनी में थोड़ी सी भी नैतिकता और आत्मसम्मान बचा हो तो वह (मंत्री पद से) इस्तीफा दे दें. मुकेश सहनी को इस्तीफा देकर जनता के बीच जाना चाहिए.’ बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में VIP ने विधानसभा की 4 सीटों पर जीत हासिल की थी. मुकेश सहनी को विधानपरिषद के रास्ते बिहार विधानमंडल में भेजा गया. इसके बाद मुकेश सहनी को नीतीश कैबिनेट में भी जगह दी गई. उनके विधानपरिषद का कार्यकाल 21 जुलाई में समाप्त हो रहा है.