बिहार विधान मंड़ल में सोमवार को वित्तीय वर्ष २०२२–२३ के लिए पेश किये गये २‚३७‚६९१.१७ करोड़ रुपये के बजट में न तो कोई नयी योजना की घोषणा की गयी और न ही नया कोई नया कर लगाया गया। बजट में वर्ष २०१५ में शुरू की गयी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी ७ निश्चय योजना पर विशेष पर बल दिया गया है। बजट में जहां ग्रामीण और शहरी विकास पर ज्यादा जोर दिया गया है‚ वहीं बजट की आधी से अधिक राशि वेतन‚ वेतन अनुदान‚ पेंशन और कर्ज व ब्याज चुकाने पर खर्च होगी। राज्य को प्राप्त होने वाले कुल १‚९६‚७०४.५१ करोड़़ रुपये के राजस्व में से १‚४९‚१८१.८९ करोड़़ रुपये जहां केंद्र से अनुदान एवं सहायता अनुदान के रूप में मिलेंगे‚ वहीं राज्य सरकार विभिन्न मदों से ४७‚५२२.६२ करोड़़ रुपये की राजस्व वसूली करेगी। राज्य सरकार ४०‚७५५.८८ करोड़़ रुपये का ऋण विभिन्न एजेंसियों से लेगी। राज्य का योजना आकार एक लाख करोड़़ रु हो गया है। यदि लोक कल्याणकारी योजनाओं की बात की जाये‚ तो सर्व शिक्षा अभियान पर १५६८३.८६ करोड़़‚ प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) पर ८६८९.१४ करोड़़‚ प्रधानमंत्री ग्राम सड़़क योजना पर ५०१४.३० करोड़़‚ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पर ३१०० करोड़़‚ महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) पर २५०० करोड़़‚ इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना पर १७३८.४० करोड़़‚ मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना पर १४०० करोड़़‚ मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना पर ८१० करोड़‚ मुख्यमंत्री पेयजल योजना पर ७२८ करोड़़‚ बिहार स्टूड़ेंट क्रेडि़ट योजना पर ७०० करोड़़‚ सभी के लिए आवास (शहरी) पर ५२४ करोड़़‚ राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन योजना पर ३८९ करोड़़‚ मुख्यमंत्री पोशाक योजना पर ३५० करोड़़‚ मुख्यमंत्री साइकिल योजना पर २४३ करोड़़ और पटना मेट्रो रेल परियोजना पर १५० करोड़़ रुûपये खर्च किये जायेंगे। उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के शब्दों में कहा जाये‚ तो बिहार के सतत विकास के लिए वर्ष २०१५ में राज्य सरकार द्वारा शुरू की गयी विकसित बिहार की सात निश्चय–१ योजना की उपलब्धियां उत्साहवर्धक रही हैं। वर्ष २०२२–२३ के बजट में ७ निश्चय के लिए भी राशि का प्रबंध किया गया है। राज्य के बहुमुखी विकास के लिए बिहार सरकार संकल्पित है। सरकार द्वारा वर्ष २०२०–२५ के लिए सात निश्चय–२ योजना प्रारंभ की गयी है‚ जिसके लिए वित्तीय वर्ष २०२२–२३ में ५००० करोड रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है। ई–शासन की दिशा में वर्ष २००६–०७ से ही राज्य सरकार ने कार्य प्रारंभ किया है। सरकार की सभी योजनाओं से संबंद्ध लाभुकों की मॉनिटरिंग के लिए पोर्टल बनाया जायेगा। राज्य सरकार द्वारा ‘आधार’ प्रमाणित परिवार केंद्रित कॉमन डाटाबेस तैयार करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए राज्य सरकार कॉमन सोशल रजिस्ट्री पोर्टल विकसित करेगी।
हमारे पास दंगाइयों का इलाज है उनको घुटने के बल चलने पर मजबूर कर देंगे….
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हमारे पास दंगाइयों का इलाज है. हम उनको घुटने के बल चलने...