सामाजिक न्याय के बड़े नेता लालू प्रसाद के चेहरे पर अब वह लाली नहीं दिखती, जो कभी दिखती थी। चेहरे की झूलती चमड़ी और धीमी आवाज उनके बीमार होने का अहसास कराती है। RJD प्रवक्ता चितरंजन गगन कहते हैं कि लालू प्रसाद की सेहत पर मत जाइए, उनकी ताकत पर जाइए। अभी भी वह देशभर में भाजपा विरोधी राजनीतिक धारा की सबसे बड़ी ताकत हैं। लालू प्रसाद गंभीर रूप से बीमार थे, इसके बावजूद उनकी पार्टी बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बनी। विधान परिषद की 24 सीटों पर भी वह पूरी ताकत लगाएंगे।
लालू की पार्टी RJD बदलाव के दौर से गुजर रही है। उन्होंने अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव को तय कर दिया है। वह राष्ट्रीय अध्यक्ष फिर से भले बने, लेकिन पार्टी की असली बागडोर तेजस्वी के हाथ में ही है। कहा जाता है कि लालू के साथ राजनीति करने वाले कई नेताओं को CBI का डर भले लगता है, पर वह कभी नहीं डरे।
पहले लालू के लाल-लाल गाल की होती थी चर्चा
एक समय था जब लालू प्रसाद के लाल-लाल गाल की चर्चा खूब होती थी। जब वह कहते थे कि बिहार की सड़कों को हेमा मालिनी के गाल की तरह बना देंगे तब उनका गाल भी चमक उठता था। अब वह सांवले दिखते हैं। बहुत संभव है कि कई तरह की दवाइयों का यह असर हो। वे हार्ट और किडनी की गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं। उनकी किडनी ठीक से काम नहीं कर रही है। उन्हें लिमिट मात्रा में पानी पीने की सलाह डॉक्टरों ने दे रखी है। परिवार के सदस्य हमेशा उनके आसपास निगरानी में रहते हैं।
RJD को सबकी पार्टी बनाने में लगे हैं तेजस्वी
हर शासक की अपनी खूबियां और खामियां रहती हैं। यह लालू प्रसाद के साथ भी है। वह देश में मंडल कमीशन की सिफारिश लागू कराने और सामाजिक न्याय के बड़े नेता के रूप में जाने जाते हैं। BJP के खिलाफ उनसे बड़ा नेता शायद कोई दूसरा हो। लालू प्रसाद ने ही यह कर दिखाया था कि उन्होंने आडवाणी का राम रथ रोक दिया था और आडवाणी को जेल तक भेज दिया था, लेकिन उनको अपने रिश्तेदारों की वजह से बहुत बदनामी झेलनी पड़ी। ये और बात है कि रिश्तेदार अब राजनीति में अलग-थलग पड़े हुए हैं। जातिवाद फैलाने का भी आरोप लालू पर खूब लगा, लेकिन यही यादव जाति लालू प्रसाद की बिहार में ताकत है। उनके MY समीकरण को बिहार में कोई दूसरी पार्टी अभी तक ध्वस्त नहीं कर पाई है। अब उनके बेटे तेजस्वी यादव राजद को सबकी पार्टी बनाने में लगे हुए हैं।