आज बिहार स्टेट उत्पादकता परिषद के द्वारा उत्पादकता दिवस का उद्घाटन वेबिनार के द्वारा किया गया जिसका विषय: “उत्पादकता के माध्यम से निर्भरता” था ।
संस्था के अध्यक्ष डी.के. श्रीवास्तव ने वेबिनार में भाग लेने वाले सभी सदस्यों का स्वागत किया और दुग्ध उत्पादक के क्षेत्र में अपने किए गए कार्यों का उल्लेख किया तथा उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में आवश्यक कदम उठकर क्षेत्रीय लोगो को को आत्मनिर्भर बनाने में अपनी योगदान दी।
उत्पादकता परिषद के महासचिव एडवोकेट बी.के. सिन्हा ने आज के विषय ‘उत्पादकता के माध्यम से ‘ का विषय परिचय कराया तथा भारत सरकार के द्वारा इस दिशा में दिए गए निर्देश एवं उठाए गए कदमों के बारे में विस्तृत जानकारी दी बिहार में उद्योग विभाग के द्वारा आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में 4 जिलों में एथलॉन प्रोजेक्ट की शुरुआत की जानकारी दी तथा इस दिशा में 13 यूनिट और लगाने के बारे में बताया अब तक बिहार में 38906 करोड निवेश आया है जिससे 614 इंडस्ट्रियल यूनिट लगने की संभावना है ।
आत्मनिर्भर भारत बनने की राह में एम एस एम ई की भागीदारी के बिना आगे बढ़ना संभव नहीं है । रोजगार सृजन में एमएसएमई की भूमिका अहम है तथा इसके योगदान की पूरी जानकारी एमएसएमई से आए श्री संजीव आजाद सहायक निर्देश बी सी डी आई एमएसएमई ने विभिन्न आंकड़ों के माध्यम से अब तक के माध्यम से अब तक के कार्यों को बताया आत्मनिर्भर भारत बनाने में एमएसएमई का योगदान लगभग 40% है ।
मुख्य वक्ता के रूप में पुष्पेंद्र सिंह तिवारी ने जीविका में अब तक किए गए कार्यों का उल्लेख किया एवं ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के स्वावलंबी बनाने में संस्था के विभिन्न कार्यों की जानकारी दी उन्होंने बताया कि बिहार में ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की अब तक ऋण की उपलब्धि तकरीबन 40000 करोड़ से अधिक किए गए हैं, जिसमें लगभग 22000 करोड़ ऋण की वापसी भी हो गई है बिहार में लगभग 10 लाख 30,000 हजार स्वयं सहायता समूह है जिसमें तकरीबन एक करोड़ 30 लाख परिवार जुड़े हैं जीविका के माध्यम से लिची, शहद तथा मक्का का व्यापार अच्छे पैमाने पर संभव हुआ है। महिलाओं के आत्मनिर्भर होने से जीविका का संचालन व्यवस्था पर विश्वसनीयता बढ़ी है।
सुधीर कुमार सिंह एमडी. झारखंड मिल्क फेडरेशन ने स्वेत क्रांति की शुरुआत तथा अब तक दूध उत्पादन में हुए प्रगति के बारे में विस्तार से अवगत कराएं शुरू के दिनों में पर कैपिटा दूध की आपूर्ति 104 ग्राम थी जो अब बढ़कर 400 ग्राम हो गई है । आमतौर पर एक गाय से 5-6 लीटर दूध का उत्पादन होता है जिसको 20 लीटर तक बढ़ाने के लिए कार्य प्रगति पर है यदि हम ऐसा कर पाए तो हम अमेरिका को भी पीछे छोड़ सकते हैं और दुनिया को दूध के लिए भारत पर निर्भर बना सकते हैं ।
जनार्दन जी ने ग्लोबल वार्मिंग, बदलते , उद्योगों का आधुनिकीकरण नहीं होना इत्यादि आत्मनिर्भर भारत बनने के रास्ते में बाधक माना इसे दूर करने के लिए उन्होंने आवश्यक कदम उठाने पर बल दिया ।