मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतने का निर्देश देते हुए बुधवार को कहा कि अपराध अनुसंधान कार्य में तेजी लाएं ताकि दोषियों पर शीघ्र कार्रवाई की जा सके। नीतीश ने आज यहां विधि–व्यवस्था एवं मद्य निषेध के क्रियान्वयन से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि विधि–व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है‚ अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कोताही न हो। उन्होंने कहा कि अपराध अनुसंधान कार्य में तेजी लाएं और इसे ससमय पूर्ण करें ताकि दोषियों पर जल्द कार्रवाई हो सके। रात्रि गश्ती एवं पैदल गश्ती में किसी प्रकार की लापरवाही न हो‚ वरीय पदाधिकारी भी इसकी अपने स्तर पर मॉनिटरिंग करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन से संबंधित आपसी विवाद को खत्म करने के लिए महीने में एक बार जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक‚ १५ दिनों में एक बार अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) तथा सप्ताह में एक दिन अंचल अधिकारी एवं थानाध्यक्ष की नियमित रूप से होनेवाली बैठकों में समस्याओं के त्वरित निष्पादन के लिए कार्य किये जाएं। उन्होंने कहा कि प्रशासन और पुलिस ने पूरी मुस्तैदी के साथ राज्य में सांप्रदायिक घटनाओं को निंयत्रित रखा है‚ आगे भी इसी तरह सक्रियता बनाए रखें। रात्रि गश्ती सहित अन्य विधि–व्यवस्था से संबंधित कार्यों का वरीय पदाधिकारी रात्रि में औचक निरीक्षण करें। नीतीश ने कहा कि राजधानी पटना में शराबबंदी के क्रियान्वयन पर विशेष नजर रखें। गड़बड़ी करने वालों को चिह्नित कर उन पर कार्रवाई करें। जहरीली शराब की रोकथाम के लिए भी जिलाधिकारी विशेष चौकसी बरतें‚ इसमें लिप्त लोगों को चिह्नित कर कड़ी कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि ड्रोन‚ मोटर बोट‚ स्वान दस्ता एवं आधुनिक तकनीकों का प्रयोग कर सधन छापेमारी कार्य को योजनाबद्ध ढंग से अंजाम देते रहें ताकि कोई भी धंधेबाज बच नहीं पाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब्त शराब के विनष्टीकरण के लिए तेजी से काम करें। उन्होंने कहा कि विशेष लोक अभियोजकों के कार्यों की समीक्षा करें और शिथिलता बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें। नीतीश ने कहा कि बिहार के लोगों की मानसिकता अच्छी है‚ सीमित लोग गड़बड़ी करने वाले हैं। उन पर विशेष नजर रखें ताकि वह किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं कर पाएं।
उन्होंने कहा कि शराबबंदी से राज्य के लोगों को काफी फायदा हो रहा है। राज्य में शराबबंदी के बाद दूध‚ सब्जी‚ मिठाई‚ फल आदि चीजों की खपत बढ़ी है। नीरा उपयोगी है इसे प्रचारित करें तथा इसके उत्पादन को बढ़ाने के लिए तेजी से काम करें। मुख्यमंत्री को अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जेएस गंगवार ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से गश्ती वाहन‚ पैदल गश्ती‚ क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला का निर्माण कार्य‚ स्पीडी ट्रायल में तेजी‚ भूमि विवाद निपटारा‚ कब्रिस्तान की घेराबंदी आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। अपर पुलिस महानिदेशक (विशेष शाखा) सुनील कुमार ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी एवं पोस्ट पर कार्रवाई‚ सांप्रदायिक घटनाओं पर नियंाण‚ साइबर क्राइम पर कार्रवाई आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। नीतीश को अपर पुलिस महानिदेशक (विधि–व्यवस्था) संजय सिंह ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से भूमि विवाद के निपटारे हेतु बैठकों की कार्रवाई‚ अनुसंधान कार्य‚ पिछले दिनों आपराधिक घटनाओं की जॉच की प्रगति रिपोर्ट आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
मुख्यमंत्री को मद्य निषेध‚ उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से शराब के धंधों में लिप्त लोगों के यहां छापेमारी‚ गिरफ्तारी‚ वाहन जब्ती‚ शराब की जब्ती‚ शराब विनष्टीकरण‚ ड्रोन‚ मोटर बोट‚ स्वान दस्ता आदि के माध्यम से छापेमारी अभियान‚ कॉल सेंटर में आने वाले कॉलों को लेकर हो रही कार्रवाई‚ जहरीली शराब से होने वाली मृत्यु को लेकर दोषियों पर कार्रवाई के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन औसतन १८०० छापेमारी‚ ३५० गिरफ्तारियां और ५० वाहन तथा १३ हजार लीटर शराब पकड़े जा रहे हैं। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार‚ मुख्य सचिव आमिर सुबहानी‚ पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल‚ अपर मुख्य सचिव गृह चैतन्य प्रसाद‚ अपर मुख्य सचिव मद्य निषेध‚ उत्पाद एवं निबंधन केके पाठक‚ सचिव गृह के सेंथिल कुमार‚ सचिव गृह जितेंद्र श्रीवास्तव‚ मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार‚ अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जेएस गंगवार‚ अपर पुलिस महानिदेशक (विशेष शाखा) सुनील कुमार‚ अपर पुलिस महानिदेशक (विधि–व्यवस्था) संजय सिंह‚ मुख्यमंाी के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह‚ आईजी मद्य निषेध अमृत राज एवं विशेष सचिव गृह विकास वैभव उपस्थित थे जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी प्रमंडलीय आयुक्त‚ रेंज के पुलिस महानिरीक्षक‚ उप महानिरीक्षक‚ जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक‚ पुलिस अधीक्षक जुड़े हुए थे।