चर्चित बुल्ली बाई ऐप मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने असम से एक और गिरफ्तारी की है. गुरुवार को गिरफ्त में आए नीरज बिश्नोई नाम के इस शख्स पर ही विवादित ऐप को क्रिएट करने का आरोप है. इस ऐप के जरिए मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें पोस्ट करके ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म गिटहब पर उनकी बोली लगाई जाती थी. असम के जोरहाट निवासी नीरज बिश्नोई के बारे में पता चला है कि डीसीपी (स्पेशल सेल) केपीएस मल्होत्रा के नेतृत्व वाली एक टीम ने उसे पकड़ा है. तीन राज्यों की पुलिस टीम उसकी तलाश में लगी थी.
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑप्स (IFSO) यूनिट एक जनवरी से इस मामले की जांच कर रही थी. एक महिला पत्रकार की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज किया था. पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने ऐप क्रिएटर की पहचान के बाद बुधवार सुबह मामले को आधिकारिक तौर पर आईएफएसओ इकाई को ट्रांसफर कर दिया था. ऑपरेशन के लिए डीसीपी मल्होत्रा के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम का गठन किया गया. इसी टीम ने ऐप क्रिएटर नीरज को असम से गिरफ्तार किया.
पहले हो चुकी है तीन गिरफ्तारी
इससे पहले इस मामले में मुंबई पुलिस ने उत्तराखंड से एक छात्र को गिरफ्तार किया था. बुधवार सुबह 21 साल के मयंक रावल को पकड़ा गया था. मुख्य आरोपी श्वेता सिंह को उत्तराखंड से और इंजिनियरिंग के छात्र विशाल कुमार झा को बेंगलुरु से पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस के मुताबिक मयंक रावल और श्वेता सिंह दोस्त हैं. दरअसल, उन्होंने किसी महिला की ‘बोली’ नहीं लगाई थी, बल्कि उनका मकसद महिलाओं को अपमानित करना और उन्हें डराना था. खालिस्तान और साजिश के एंगल से भी पुलिस जांच जारी है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, विवादित ऐप बुल्ली बाई पर बिना अनुमति के सौ से अधिक चर्चित मुस्लिम महिलाओं की तस्वीर अपलोड की गई और उसके साथ प्राइस टैग लगा कर लिखा गया- Deal of The Day. आरोप है कि इस ऐप के जरिए इंटरनेट पर संगठित और सुनियोजित तरीके से मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया गया और उनकी बोली लगाई गई. मामला सामने आने के बाद केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ऐप बनाने वाले यूजर को ब्लॉक कर दिया गया और कार्रवाई की जा रही है.
क्या है Sulli Deals और Bulli Bai ऐप कनेक्शन? साजिशों की पूरी डिटेल्स
विवादित बुल्ली बाई ( Bulli Bai) ऐप बनाने वाले यूजर को गिटहब (GitHub) पर ब्लॉक कर दिया गया है. केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी दी. दूसरी ओर देश के कई शहरों में इस ऐप के खिलाफ केस दर्ज कर जांच की शुरुआत कर दी गई है. माइक्रोसॉफ्ट के मालिकाना हक वाले कंटेंट शेयरिंग प्लेटफॉर्म गिटहब को भी पुलिस ने नामजद किया है. अगली कार्रवाई को लेकर भी पुलिस और CRT सक्रिय है. इसके बावजूद मामला थमता नहीं दिख रहा है. सवाल यह उठ रहा है कि इंटरनेट पर इस तरह मुस्लिम महिलाओं की बोली लगवा कौन रहा है? साल 2020 में भी सुल्ली डील्स (Sulli Deals) के नाम से ऐसी ही विवादित ऑनलाइन हरकत को अंजाम दिया गया था.
दरअसल, विवादित ऐप बुल्ली बाई पर बिना अनुमति के सौ से अधिक चर्चित मुस्लिम महिलाओं की तस्वीर अपलोड की गई और उसके साथ प्राइस टैग लगा कर लिखा गया- Deal of The Day. आरोप है कि इस ऐप के जरिए इंटरनेट पर संगठित और सुनियोजित तरीके से मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया गया और उनकी बोली लगाई गई. मामला सामने आने के बाद केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ऐप बनाने वाले यूजर को ब्लॉक कर दिया गया और कार्रवाई की जा रही है. वहीं विपक्षी दलों की मांग है कि दोषियों को जल्दी गिरफ्तार किया जाए.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान
इससे पहले गिटहब पर ही सुल्ली डील्स का मामला साल 2020 में सामने आया था. सोशल मीडिया पर आरोप लगाया गया कि इसके पीछे दक्षिणपंथी ताकतें हैं, मगर इस तरह का कोई आधिकारिक तथ्य फिलहाल सामने नहीं आया है. दिल्ली और तेलंगाना पुलिस ने महिला पत्रकारों की शिकायत पर और मुंबई पुलिस ने शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच टीम बनाई है. वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है और सख्त कार्रवाई की बात कही है. कई प्रदेशों में राज्य महिला आयोग के पास भी शिकायतें भेजी गई हैं.
कैसे सामने आया पूरा मामला
नए साल के मौके पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर कुछ महिलाओं ने स्क्रीनशॉट्स शेयर करते हुए दावा किया कि बुल्ली बाई नाम का एक विवादित ऐप पर उनकी बोली लगाई जा रही है. आरोप के मुताबिक ऐप का नाम एक भद्दा टर्म है जिसे एक तबका मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाने और फब्तियां कसने के लिए इस्तेमाल करता है. इस ऐप पर सैकड़ों लड़कियों और महिलाओं की तस्वीरें मौजूद हैं. सामने आए स्क्रीनशॉट्स के आधार पर एक महिला पत्रकार ने पुलिस में शिकायत की. कई राजनीतिक पार्टियों की महिला नेताओं ने भी इस मामले को जोर शोर से उठाया और कार्रवाई की मांग की. इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने तुरत जरूरी कदम उठाया.
चोरी किए फोटोज और पर्सनल डिटेल्स
सुल्ली डील्स और बुल्ली बाई दोनों ही ऐप्स का मकसद मुस्लिम महिलाओं को मानसिक और शारीरिक तौर पर परेशान करने की नीयत से निशाना बनाया जाना है. दोनों ही ऐप्स के नाम मुस्लिम महिलाओं के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले आपत्तिजनक शब्द हैं. इन दोनों विवादित ऐप्स पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें और उनसे जुड़ीं जानकारियां अपलोड की गईं थी. ये फोटो और जानकारियां उन महिलाओं के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर, इंस्टाग्राम या फेसबुक जैसे अकाउंट से चोरी कर ली गई थीं. माइक्रोसॉफ्ट के ओपनसोर्स सॉफ्टवेयर कंटेंट शेयरिंग प्लेटफॉर्म है गिटहब पर कोई भी ऐसे डेवलपमेंट ऐप को अपलोड और शेयर कर सकता है. गिटहब पर लोग अपने ऐप को बेच भी सकते हैं.
क्या कहती हैं पीड़ित महिलाएं
सुल्ली डील्स ऐप का निशाना बनी एक युवती ने कहा कि आमतौर पर पुरुषों को आगे बढ़कर बात करती हुई महिलाओं से डर लगता है. खुलकर बोलना ही महिलाओं पर हमला करने के लिए काफी है. वहीं खुलकर बोलने वाली मुस्लिम औरत तो मर्दों के लिए सबसे बड़ा खतरा है. वहीं एक दूसरी महिला ने कहा कि उस ऐप पर हमारी जानकारी के बिना हमें नीलाम करने की घटिया कोशिश हुई. उनके पीछे जरूर कुछ ताकतवर लोग हैं, हमारे पास कोई ताकत नहीं है. ऐसी हरकतों से बेहद तनाव होता है, रातों को नींद नहीं आती. कई पीड़ित महिलाओं का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि आगे ऐसी हरकत दोबारा न हो. वहीं कुछ महिलाओं ने इसके पीछे सुनियोजित साजिश होने का आरोप लगाया है.