समाज सुधार अभियान पर निकले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर शराबबंदी की आवश्यकता पर जोर देते हुए जनता से बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों के खिलाफ गोलबंद होने की अपील की है। गोपालगंज के मिंज स्टेडियम में शुक्रवार को समाज सुधार अभियान के तहत आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज सुधार अभियान सिर्फ मेरा काम नहीं है। इसे सभी लोगों को मिल–जुलकर चलाना होगा। अगर समाज सुधार नहीं‚ तो विकास का कोई मतलब नहीं। विकास के साथ समाज सुधार होगा‚ तभी राज्य और देश आगे बढेगा। उन्होंने कहा कि उम्मीद करता हूं कि आप अपने गांव और इलाकों में जाकर इस अभियान को चलाइये। इससे नई पीढी को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने साफ कहा कि गडबड करने वालों से सजग और सतर्क रहने की जरूरत है। गडबडी करने वाले पुलिस और अधिकारियों को नौकरी से निकाल दिया जायेगा। वे जेल जायेंगे और उनपर कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों से कहा कि आपलोगों की मांग पर राज्य में शराबबंदी लागू की गयी। मेरी आप सभी से अपील है कि अपने–अपने इलाकों में घूम–घूमकर शराबबंदी के पक्ष में और बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान चलाते रहिये। जो लोग शराब के धंधे में लिप्त हैं‚ यदि वैसे लोगों के बारे में पता चलता है‚ तो आपको नंबर बता दिया गया है। आप उस फोन नंबर कर कॉल करें‚ तुरंत कार्रवाई होगी। उन्होंने जीविका दीदीयों को सलाह देते हुए कहा कि यदि कोई गड़बड़ी करता है तो उसके खिलाफ घेर–घेर कर शराबबंदी के पक्ष में नारे लगायें। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल विवाह करने से तरह–तरह की परेशानी होती है‚ बेटियों की जिंदगी बर्बाद हो जाती है। जो बच्चे पैदा होते हैं‚ वे कुपोषण के शिकार होते हैं। दहेज प्रथा और भी खराब है। सभी लोगों से आग्रह है कि प्रचार कीजिये की दहेज प्रथा बहुत खराब काम है। हमने कहा था कि निमंत्रण–पत्र में लिखना होगा कि दहेजमुक्त शादी हो रही है‚ तभी जाना है। जिस कार्ड पर दहेजमुक्त लिखा होगा‚ उसी शादी में हम जायेंगे। समाज में एक–दूसरे की इज्जत का भाव रखना चाहिए। प्रेम–सौहार्द का भाव रखें। इससे ही समाज का विकास होगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में बाहर से आने वाले लोगों के लिए कठोर शराबबंदी कानून से राहत देने की मांग को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा‚ ‘मैंने प्रदेश में शराबबंदी की इसलिए काफी संख्या में लोग मुझसे नाराज हैं। कुछ लोग कहते हैं कि कम से कम उन लोगों को छूट देनी चाहिए जो बाहर से आते हैं। मैं पूछता हूं कि क्या लोग बिहार में शराब पीने आते हैंॽ’ उन्होंने इन सुझावों को भी खारिज कर दिया कि शराब के आदी लोगों को चिकित्सीय आधार पर छूट दी जाये। सीएम ने कहा कि कुछ लोगों ने शराब पीकर अपना स्वास्थ्य खराब कर लिया है‚ न कि उन्हें शराब पीने से रोकने के कारण उनका स्वास्थ्य खराब हुआ है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को समझना चाहिए कि शराब कितनी खराब चीज है। आप देख लीजिये इस शराब के पीने से कितने लोग मर गये। हम तो हमेशा इसके प्रति सजग रहते हैं। आपको सजग और सचेत रहने के लिए हमलोग अभियान चला रहे हैं।
मुख्यमंत्री का मानना है कि राज्य में शराबबंदी के बावजूद टूरिज्म बढ़ा है। उन्होंने कहा कि बहुत लोग कहते हैं कि शराबबंदी के कारण पर्यटक बिहार नहीं आएंगे। कोरोना काल में इसमे थोडी कमी आयी‚ लेकिन शराबबंदी के बाद २ करोड से ज्यादा पर्यटक बिहार आये हैं। बापू ने कहा था कि अगर एक घंटे के लिए भी मैं देश का तानाशाह बन जाए‚ तो सभी शराब की दुकानें बंद करवा दूंगा। बापू ने कहा था– शराब न सिर्फ आदमी का पैसा‚ बल्कि बुद्धि भी हर लेता है। शराब पीने वाला इंसान हैवान हो जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पूरी दुनिया का वर्ष २०१६ में शराब पर आकलन किया‚ सर्वेक्षण कराया और २०१८ में ही उसकी रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के अनुसार‚ एक साल में शराब पीने से दुनिया में ३० लाख लोग मरते हैं। २० से ३९ आयु वर्ग के लोगों में १३.५ प्रतिशत मृत्यु जो होती है‚ उसमें शराब पीने के कारण होती है। शराब के सेवन से २०० प्रकार की बीमारियों को बढावा मिलता है। कैंसर एवं टीबी जैसी बीमारियों को बढाता है‚ जबकि १८ प्रतिशत लोग शराब पीने से आत्महत्या कर लेते हैं। शराब पीने के कारण १८ प्रतिशत आपसी झगडÃे होते हैं। शराब पीने से दुनियाभर में २७ प्रतिशत सडक दुर्घटनाएं होती हैं।