देश और दुनिया में कोरोना के नए और अधिक संक्रामक वेरिएंट ओमीक्रोन के प्रसार के खतरे के बीच पांच राज्यों में चुनाव प्रचार तेजी पकड़ता जा रहा है। खासकर उत्तर प्रदेश में जहां सभी दल पूरी ताकत के साथ प्रचार में जुटे हैं। रैलियों में भीड़ भी खूब जुटाई जा रही है‚ लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल का पालन न तो नेता कर रहे हैं और न भीड़़ जुटाने के लिए लाई जा रही जनता को इसके लिए कहा जा रहा है। उत्तर प्रदेश‚ पंजाब‚ उत्तराखंड‚ गोवा‚ और मणिपुर में २०२२ में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन चुनावों को २०२४ में होने वाले आम चुनावों के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। चुनाव वाले राज्यों में नेताओं की खूब आमद रफ्त लगी हुई है। बिना कोई एहतियात बरते हजारों की भीड़़ जुटाकर दनादन रैलियां की जा रही हैं। रैलियों की भीड़ और ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों के बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरु वार को प्रधानमंत्री और निर्वाचन आयोग से अपील की है कि यूपी विधानसभा चुनाव से पहले आयोजित की जा रही रैलियां पर रोक लगाएं। कोर्ट ने चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री से चुनाव एक दो महीने टालने पर विचार का अनुरोध भी किया है। चुनाव को टालने वाली कोर्ट की नसीहत विचारणीय है। इसी साल अप्रैल में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भी दलों ने बड़ी–बड़ी रैलियां की थीं‚ जिनका दुष्परिणाम कोरोना की दूसरी लहर में देखने को मिला था। अदालत के रैलियां रोकने और चुनाव टालने के सुझाव से राजनीतिक विशेषज्ञ उलझन में है। उनका मत है कि चुनाव लोकतंत्र का आधार है‚ जनता को अधिकार है कि हर पांच साल बाद अपनी सरकार चुने। अगर आयोग चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत करता भी है तो मतदान का प्रतिशत गिरने की संभावना बनी रहेगी क्योंकि मतदाता बूथों तक पहुंचने से कतरा सकते हैं। गुरु वार को प्रधानमंत्री ने एक बैठक में ओमिक्रॉन के बढ़ते प्रकोप के बीच कोविड–१९ दवाओं और ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता समेत स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे की मजबूती का जायजा लिया। इस बीच मध्य प्रदेश के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने भी रात का कर्फ्यू लगाने की घोषणा कर दी है। यूपी में रात ११ बजे से सुबह ५ बजे तक रात का कर्फ्यू रहेगा जो २५ दिसम्बर की रात से शुरू होगा। शादी और सामाजिक समारोहों में २०० लोगों के ही शामिल होने की इजाजत होगी।
बीजेपी से मुकाबला …………
भले ही कांग्रेस ने दिल्ली में सेवाओं पर अधिकार के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी अध्यादेश के मुद्दे पर अब...