मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समाज सुधार यात्रा पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि 16 वर्षों के मुख्यमंत्री नीतीश, बिहार को समाज सुधार से अधिक व्यवस्था सुधार यात्रा की आवश्यकता है। व्यवस्था के दुरुस्त होने से अधिकांश सामाजिक समस्याएं स्वतः दूर हो जाएंगी। प्रदेश में प्रशासनिक अराजकता व्याप्त है। मानिए, आपका ‘SYSTEM’ पूर्णतः ध्वस्त हो चुका है।
16 वर्षों के आदरणीय मुख्यमंत्री नीतीश जी,
बिहार को 'समाज सुधार' से अधिक 'व्यवस्था सुधार' यात्रा की आवश्यकता है क्योंकि व्यवस्था दुरुस्त होने से अधिकांश सामाजिक समस्याएँ स्वतः दूर हो जाएंगी। प्रदेश में प्रशासनिक अराजकता व्याप्त है। मानिए, आपका “SYSTEM” पूर्णतः ध्वस्त हो चुका है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 22, 2021
तेजस्वी यादव ने कहा है कि मुख्यमंत्री जी, क्या बिहार की बदहाल शिक्षा,स्वास्थ्य व विधि व्यवस्था, महंगाई, भ्रष्टाचार, गरीबी, पलायन और बेरोजगारी सरकार की व्यवस्था संबंधित सबसे बड़ी सामाजिक समस्याएँ नहीं है? आप इन सामाजिक खामियों, समस्याओं और प्रशासनिक विफलताओं पर यात्रा कर इन्हें दूर क्यों नहीं करना चाहते?
मुख्यमंत्री जी, क्या बिहार की बदहाल शिक्षा,स्वास्थ्य व विधि व्यवस्था, महंगाई, भ्रष्टाचार, गरीबी, पलायन और बेरोजगारी सरकार की व्यवस्था संबंधित सबसे बड़ी सामाजिक समस्याएँ नहीं है?
आप इन सामाजिक खामियों, समस्याओं और प्रशासनिक विफलताओं पर यात्रा कर इन्हें दूर क्यों नहीं करना चाहते?
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 22, 2021
लोगों को व्यवस्था सुधार का एहसास है- JDU
तेजस्वी यादव के ट्वीट पर JDU के प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार ने जब सत्ता संभाली, तब सुशासन, सुशासन, सुशासन को प्राथमिकता बताई थी और लालू ने जब शपथ ली थी तब तीन प्राथमिकता बताई थी- भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन, शिक्षा और रोजगार और पलायन को रोकना। 15 वर्षों के शासन का एहसास लोगों को है कि लालू ने क्या काम किया। दूसरी तरफ नीतीश कुमार के शासन में व्यवस्था के सुधार का एहसास लोगों को है, इसलिए तो उपमुख्यमंत्री पद से तेजस्वी यादव को विदा होना पड़ा। RJD के नेता को अपराध के कारण सरकार में रहते हुए भी जेल जाना पड़ा। समाज सुधार राजद के एजेंडे से बाहर हैं।