2020 के बिहार विधानसभा चुनाव को जीत कर सत्ता में बने रहने वाले नीतीश कुमार अपनी इस पारी में सुशासन को लेकर खासे सख्त नजर आ रहे हैं. यही कारण है कि शराबबंदी से लेकर भ्रष्टाचार तक के मामलों में सरकार की तरफ से जीरो टॉलरेंस की नीति न केवल दिखाई जा रही है बल्कि इसके तहत भ्रष्ट सरकारी बाबूओं के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई भी की जा रही है. बालू, शराब और भ्रष्टाचार ये तीन ऐसे मुद्दे हैं जिन पर बिहार में IPS से लेकर ASI तक जद में आ रहे हैं तो कार्यपालक अभियंता से लेकर क्लर्क तक के ठिकानों पर छापेमारी की जारी है.
इसी का नतीजा है कि इस साल अब तक तीन आईपीएस अधिकारी अवैध संपत्ति रखने के आरोप में निलंबित किये जा चुके हैं. शफीउल हक, सुधीर पोरिका और राकेश दुबे ये तीनों IPS अधिकारियों को गैर कानूनी ढंग से सम्पति अर्जित करने के मामले में सरकार ने निलंबित कर दिया है. बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की तीन एजेंसियां, आर्थिक अपराध इकाई (EOU), स्पेशल विजिलेंस यूनिट (SVU) और निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम लगातार कड़ी कार्रवाई कर रही है.
एक्शन में निगरानी की टीम
पिछले दो हफ्तों के दौरान निगरानी की टीम ने विभिन्न विभागों में कार्यरत भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ जबरदस्त कार्रवाई की है. लगभग हर दिन भ्रष्ट अधिकारियों के ठिकाने पर छापेमारी की जारी जा रही है. छापे में अकूत संपत्ति का खुलासा हो रहा है. हालत यह हो जा रही है कि नोटों को गिनने के लिए मशीन लानी पड़ रही है तो कहीं चांदी की ईंटें मिल रही है. पिछले दिनों हाजीपुर के श्रम परिवर्तन पदाधिकारी दीपक कुमार शर्मा के पटना, मोतिहारी और हाजीपुर के ठिकानों पर छापे के दौरान पटना स्थित उनके आवास से करीब सवा दो करोड़ रुपये मिले थे. नोट गिनने के लिए निगरानी ब्यूरो की टीम को मशीन मंगवानी पड़ी थी. एसवीयू ने समस्तीपुर के सब रजिस्ट्रार मणि रंजन के पटना, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर के तीन ठिकानों पर छापेमारी कर करीब 60 लाख रुपए नकद बरामद करने के साथ ही कई प्लॉट-फ्लैट्स, लग्जरी गाड़ियों और करोड़ों के होटल निर्माण की जानकारी जुटाई.
रेड में खुल रही धनकुबेरों की पोल
ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता अजय कुमार सिंह के पटना में इंद्रपुरी स्थित आवास पर जब निगरानी की टीम ने छापा मारा तो कैश के साथ चांदी की ईंटें भी मिली. छापेमारी में 95 लाख रुपए नगद, एक किलो 295 ग्राम सोने के आभूषण, 66 लाख 51 हजार रुपए की चांदी, राष्ट्रीय बचत प्रमाण-पत्र में 81 लाख रुपए के निवेश का पता चला. अजय कुमार सिंह ग्रामीण कार्य विभाग के मसौढ़ी डिवीजन में लंबे समय से तैनात हैं. बीते मंगलवार को ही आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने MVI मृत्युंजय कुमार सिंह और सीओ वकील प्रसाद सिंह के अलग अलग ठिकानों पर छापेमारी कर आय से अधिक संपत्ति का खुलासा किया.
वीसी के आवास पर छापेमारी
17 नंवबर 2021 को मगध विश्वविद्यालय के कुलपति राजेन्द्र प्रसाद के बिहार और यूपी के तीन ठिकानों पर स्पेशल विजिलेंस यूनिट की टीम ने छापेमारी कर कई दस्तावेज बरामद किया. वीसी राजेंद्र प्रसाद पर लगभग 30 करोड़ के गबन का आरोप है. इसी मामले में 21 दिसंबर को मगध विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. पुष्पेन्द्र प्रसाद वर्मा समेत चार पदाधिकारयों को एसवीयू ने गिरफ्तार कर लिया है. एसवीयू के अनुसार मगध विवि में उत्तर पुस्तिका, पुस्तक और गार्ड की प्रतिनियुक्ति आदि के नाम पर 30 करोड़ से अधिक की गड़बड़ी पाई गई है. जांच में इन अधिकारियों की भागीदारी के साक्ष्य मिलने पर इन्हें गिरफ्तार किया गया.
बालू माफियाओं से साठगांठ पर नपे अधिकारी
कुछ महीने पहले बालू माफिया से संबंध और अवैध खनन मामले में दो एसपी, चार डीएसपी, एक एसडीओ समेत 18 अधिकारियों को एक साथ निलंबित कर दिया गया था. दो एसपी में आरा के पूर्व एसपी राकेश दूबे और औरंगाबाद के एसपी रहे सुधीर कुमार पोरिका शामिल थे. इन अधिकारियों के खिलाफ बालू माफिया के साथ संबंध की शिकायत मिल रही थी. आर्थिक अपराध इकाई से इसकी जब जांच करवाई गयी तब इन अधिकारियों की माफिया से मिलीभगत पाई गयी थी. इसी आधार पर इन पर आय से अधिक संपत्ति रखने का मामला चलाने का भी आदेश हुआ था.इन अधिकारियों के ठिकाने पर छापेमारी भी की गयी जिसमें अवैध अकूत संपत्ति का पता चला.
इन अफसरों के ठिकानों पर पड़ा है छापा
बालू के अवैध खनन मामले में आर्थिक अपराध इकाई की टीम अब तक एक दर्जन अफसरों के ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है। ईओयू सूत्रों के अनुसार, बालू के खेल में अभी दो से ढाई दर्जन अफसर और हैं, जिनके ठिकानों पर छापेमारी हो सकती है। फिलहाल ईओयू के अधिकारी इनके संपत्ति का आकलन कर रहे हैं। अभी तक डेहरी के निलंबित एसडीओ सुनील कुमार सिंह, पालीगंज के निलंबित एसडीपीओ तनवीर अहमद, आरा के निलंबित एसडीपीओ पंकज कुमार रावत, आरा के निलंबित एमवीआइ विनोद कुमार, भोजपुर के निलंबित एसपी राकेश दुबे, खनन विभाग के सहायक निदेशक संजय कुमार, सारण के निलंबित थानाध्यक्ष संजय प्रसाद, कोईलवर के अंचलाधिकारी रहे अनुज कुमार, औरंगाबाद के पूर्व डीटीओ अनिल कुमार सिन्हा, औरंगाबाद के निलंबित एसडीपीओ अनूप कुमार, पटना के एमवीआइ रहे मृत्युंजय कुमार सिंह और बिक्रम के निलंबित सीओ वकील प्रसाद सिंह के ठिकानों पर छापेमारी हो चुकी है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों को जोड़ने की पहल
भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज कराने के लिए सरकार ने टोल फ्री नंबर 1064 भी जारी किया है ताकि लोग बिना डरे बेहिचक जानकारी दे सकते हैं. जो लोग भी जानकारी देंगे उनकी पहचान गुप्त रखी जाएगी. टोल फ्री नंबर के अलावा एक फोन नंबर 0612 2215334 और एक मोबाइल नंबर 7765953261 भी जारी किया गया है. जो व्यक्ति फोन पर शिकायत नहीं दर्ज कराना चाहते, वो ई मेल svccvd@nic.in पर अपनी सूचना निगरानी अफसरों के साथ साझा कर सकते हैं.