लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आज फिर लोकसभा में भारी हंगामा हुआ। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने की मांग की। वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा- ये मंत्री क्रिमिनल है, तुरंत पद से हटाया जाए। भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
गुरुवार को संसद की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने फिर से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग पर हंगामा किया जिसके चलते सदन की कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।
– लोकसभा में राहुल गांधी ने कहा कि हमें लखीमपुर खीरी में हुई हत्या के बारे में बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए। इसमें सरकार के मंत्री की संलिप्तता थी और जिसके बारे में कहा गया है कि यह एक साजिश थी। किसानों की हत्या करने वाले मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए और सजा मिलनी चाहिए। बुधवार को भी उन्होंने सदन की कार्यवाही स्थगित किए जाने के बाद कहा था कि विपक्ष टेनी का इस्तीफा लेकर ही दम लेगा।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जब प्रश्नकाल के दौरान राहुल गांधी को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय से संबंधित उनका सूचीबद्ध पूरक प्रश्न पूछने के लिए कहा तो कांग्रेस सांसद ने लखीमपुर खीरी की हिंसा का मामला उठाया और आरोप लगाया कि मिश्रा इस घटना में शामिल हैं। केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी ने कहा, ‘‘लखीमपुर खीरी में जो हत्या हुई है, उसमें मंत्री शामिल हैं। उस बारे में चर्चा होनी चाहिए। सजा होनी चाहिएमंत्री को सरकार से निकाल देना चाहिए।’’
इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने राहुल से अपील की कि वह विषय से संबंधित प्रश्न ही पूछें। उन्होंने कहा, ‘‘आप वरिष्ठ सदस्य है। आप कहते हैं कि आपको बोलने का मौका नहीं मिलता। आपको पूरा मौका दे रहा हूं, आप विषय पर सवाल पूछिए।’’ दूसरी तरफ, कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस मामले को लेकर आज भी नारेबाजी जारी रखी जिस कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई और प्रश्नकाल नहीं चल सका। राहुल गांधी ने लखीमपुर खीरी मामले पर बुधवार को लोकसभा में कार्य स्थगन का नोटिस दिया था।
नोटिस में उन्होंने सदन में नियत कामकाज स्थगित करने की मांग की थी और कहा था कि एसआईटी रिपोर्ट को लेकर सदन में चर्चा होनी चाहिए। गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अब तक की छानबीन और साक्ष्यों के आधार पर दावा किया है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के पुत्र और उसके सहयोगियों द्वारा जानबूझकर, सुनियोजित साजिश के तहत घटना को अंजाम दिया गया।
एसआईटी के मुख्य जांच निरीक्षक विद्याराम दिवाकर ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में दिये गये आवेदन में आरोपियों के विरुद्ध उपरोक्त आरोपों की धाराओं के तहत मुकदमा चलाने का अनुरोध किया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा मोनू और कुछ अन्य लोगों पर लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहे किसानों को जीप से कुचलने का आरोप है। इस घटना में और इसके बाद भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की मुश्किलें कम नहीं हो रही है। जहां एक ओर विपक्ष लगातार सरकार पर टेनी से इस्तीफा लेने का दबाव बना रहा है वहीं कल मीडियाकर्मियों के साथ बदसलूकी की शिकायतें भी पार्टी आलाकमान तक पहुंच गई हैं। टेनी को आज पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने को कहा गया है। अजय मिश्रा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलकर अपना पक्ष रखेंगे जिसके बाद यह तय होगा कि उनपर क्या फैसला लिया जाता है।
पत्रकारों से बदसलूकी
हालांकि अजय मिश्रा का जो पहले से तय प्रोग्राम है उसके मुताबिक आज उन्हें एक सरकारी कार्यक्रम के लिए डिब्रूगढ़ रवाना होना है। इस बीच संसद से लेकर सड़क तक विपक्ष अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग को लेकर सरकार को घेर रहा है। एसआईटी की जांच में लखीमपुर खीरी हिंसा को एक सोची समझी साजिश बताए जाने के बाद अजय मिश्रा पर इस्तीफे का दबाव और ज्यादा बढ़ गया है। वहीं कल पत्रकारों के सवाल पूछने पर पत्रकारों के साथ बदसलूकी का वीडियो सामने आने के बाद उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैंष
लखीमपुर-खीरी हिंसा पर संसद में हंगामा
लखीमपुर-खीरी हिंसा मामले से जुड़े एसआईटी जांच में सामने आए तथ्यों को लेकर बुधवार को लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा मचाया था। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिन भर लिए स्थगित कर दी गई थी। राहुल गांधी ने लखीमपुर-खीरी मामले पर बुधवार को लोकसभा में कार्यस्थगन का नोटिस दिया था। नोटिस में उन्होंने सदन में नियत कामकाज स्थगित करने की मांग की थी और कहा था कि एसआईटी रिपोर्ट को लेकर सदन में चर्चा होनी चाहिए।
‘किसानों की हत्या की गई-राहुल
सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद राहुल गांधी ने संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया, ‘‘किसानों की हत्या की गई। कहा जा रहा है कि इसमें मंत्री में शामिल हैं। वह प्रधानमंत्री के मंत्रिमंडल में हैं। प्रधानमंत्री एक तरफ किसानों से माफी मांगते हैं और दूसरी तरफ जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा तक नहीं देते। उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति को अपनी मंत्रिपरिषद में रखा है जो हत्यारा है, जिसने (किसानों को) मारा है।’’ उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे को संसद में उठाना चाहते थे, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के इस बयान को अतार्किक करार दिया जिसमें उन्होंने कहा है कि लखीमपुर खीरी मामले पर संसद में चर्चा नहीं हो सकती क्योंकि यह अदालत में विचाराधीन है।
मंत्री को भी इस्तीफा देना पड़ेगा-राहुल
राहुल गांधी ने जोर देकर कहा, ‘‘हमने किसानों के परिवार से वादा किया था कि दबाव डालकर न्याय दिलवाएंगे। हमने कृषि कानूनों को लेकर कहा कि इनको वापस लेना पड़ेगा, आपने देखा कि इनको वापस लिया गया है। इसी तरह मंत्री को भी इस्तीफा देना पड़ेगा और जेल जाना होगा। हम नहीं छोड़ेंगे। पांच साल, 10 साल या 15 साल लग जाएं, मंत्री को जेल जाना होगा।’’