मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मानना है कि स्मार्ट प्री–पेड मीटर से बिजली का दुरुपयोग नहीं हो सकेगा। बिजली के उपभोक्ताओं को भी इससे फायदा होगा। लोग जितनी बिजली की खपत करेंगे‚ उस एवज में उन्हें उतने ही शुल्क देने पडेंगे। मुख्यमंत्री ने यह बात बुधवार को ऊर्जा प्रक्षेत्र की ३४५२.११ करोड रुपये की लागत वाली विभिन्न योजनाओं के शुभारंभ के मौके पर कही। उन्होंने कहा कि देश में बिहार ऐसा पहला राज्य है‚ जहां स्मार्ट प्री–पेड मीटर लगाया जा रहा है। वर्ष २०१९ से बिहार में स्मार्ट प्री–पेड मीटर लगना शुरू हो चुका है। पहली बार बिहार में ऐसा हो रहा है। यह हमलोगों का कॉन्सेप्ट है। हम चाहते हैं कि राज्य सरकार के पैसे से ही इस काम को पूरा किया जाये। उन्होंने कहा कि बिहार में हर घर में स्मार्ट प्री–पेड मीटर लगाया जायेगा। विद्युत विभाग ने लक्ष्य निर्धारित किया है कि पांच चरणों में मार्च २०२५ तक हर घर तक स्मार्ट प्री–पेड मीटर लगा दिया जायेगा। मेरी इच्छा है कि इसे निर्धारित समय से पहले पूरा किया जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली उपभोक्ताओं को राज्य सरकार अपनी तरफ से सब्सिडी देती है। खरीद से कम दर पर उपभोक्ताओं को बिजली उपलब्ध करायी जा रही है । कुछ लोग मुफ्त में बिजली देने की मांग करते रहते हैं। यह भावना गलत है। उन्होंने कहा कि पहले बिजली बिल को लेकर सबसे ज्यादा शिकायतें आती थीं। हमने इसको लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम में शामिल किया‚ ताकि लोगों की शिकायतों का समाधान हो सके। सीएम ने कहा कि राज्य में बिजली के क्षेत्र में काफी काम हो रहे हैं। पहले बिहार में बिजली की क्या स्थिति थी‚ यह सभी लोग जानते हैं। वर्ष २००५ में बिहार में मात्र ७०० मेगावाट बिजली की आपूर्ति होती थी। आज यहां ६‚६२७ मेगावाट बिजली की खपत हो रही है। उन्होंने कहा कि हमने हर घर में बिजली पहुंचा दी है। यह लक्ष्य दिसम्बर २०१८ तक निर्धारित किया गया था‚ जिसे दो माह पूर्व यानी अक्टूबर २०१८ में ही पूरा कर लिया गया। उन्होंने कहा कि बिहार में बिजली की जरूरत और ज्यादा बढ रही है। इसके लिए हमलोग बिजली की आपूर्ति की सारी व्यवस्था कर रहे हैं। पावर प्लांट से लोगों के घर तक बिजली पहुंचाने के लिए कई चरणों में काम करना पडता है‚ जिसे ऊर्जा विभाग बेहतर ढंग से क्रियान्वित कर रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार पहला ऐसा राज्य है‚ जहां सभी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के १९ किलोवाट भार क्षमता तक के कनेक्शन सुविधा ऐप के माध्यम से लोगों को ऑनलाइन बिजली का कनेक्शन दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी काफी काम हो रहे हैं। २०० मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र बिहार में लगने जा रहा है। जमुई और बांका में १००–१०० मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र पर काम शुरू होगा। सतलज जल विद्युत निगम लिमिटेड संयंत्र लगाने जा रहा है। इस पर १००० करोडÃ रुपये की राशि खर्च की जायेगी। इस पर तेजी से काम चल रहा है। कहा–प्री–पेड मीटर लग जाने से नहीं होगा बिजली का दुरुपयोग ॥ लोग जितनी खपत करेंगे उतने ही शुल्क का करना होगा भुगतान॥