नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि नीतीश जी की पार्टी १५ साल से सत्ता में है वो तीसरे नम्बर की पार्टी बन गई‚ और अपने–आपको विश्व की सबसे बडी पार्टी कहने वाली भाजपा तीसरे नंबर की पार्टी के व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाने पर मजबूर हुई। वो लोग तो हमसे डरे हुए थे और डरे हुए हैं। नेता प्रतिपक्ष दिल्ली में एक निजी चैनल से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार‚ प्रधानमंत्री‚ बिहार समेत कई भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री‚ सांसद‚ विधायक‚ केंद्र व राज्य के मंत्री और सब मिलकर भी ३१–३२ साल के लडके से लड रहे थे और तमाम तिकडम करने के बावजूद मात्र १२ हजार वोटों का ही अंतर रहा। बेरोजगारी देश का सबसे बडा मुद्ा है। हमने इस मुद्े को सर्वप्रथम देश में उठाया था। बिहार में ५ लाख से अधिक सरकारी पद रिक्त हैं। इस मुद्े को और अधिक पुरजोर से उठाने के लिए हम जल्द ही ‘बेरोजगारी महारैला’ का आयोजन करेंगे।
तेजस्वी ने जातिगत जनगणना पर कहा कि जातिगत जनगणना से बिना सही आंकडे जुटाए कई वर्ग विशेष के सामाजिक‚ आर्थिक‚ शैक्षणिक और राजनीतिक पिछडेपन को दूर करना संभव नहीं। हिन्दू–मुस्लिम की गिनती होती है। क्यों होती हैॽ पेडों की गिनती क्यों होती हैॽ शेर–बाघ की गिनती क्यों होती हैॽ–योजना बनाने के लिए। इसीलिए जातिगत जनगणना जरूरी है। ये लडाने के लिए नहीं है। सिक्ख–ईसाई की गिनती होती है तो वो तो लडाई नहीं करते। आजकल एक नया ट्रेंड चल रहा है। जो भी हो‚ जो भी देश में गलत चल रहा हो‚ उसका दोष और जिम्मेदारी विपक्ष पर डाल दो। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा है कि टीवी चैनल विभाजनकारी डिबेट्स कर सबसे अधिक प्रदूषण फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार घोटालों और शराबबंदी की जांच के नाम पर दिखावा करती है और बस छोटी मछली का ही शिकार करती है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि दक्षिण भारत में भाजपा मजबूत नहीं है क्योंकि वहां की रीजनल पार्टी ने उसे रोक रखा है। जो भी रीजनल पार्टी जहां मजबूत हो उन्हें वहां ड्राइविंग सीट मिले। बाकी २०० सीटें हैं जहां रीजनल पार्टी नहीं है। वहां एनसीपी और भाजपा आमने–सामने हैं। हमें एकजुट होना होगा। केंद्र सरकार को लगता है कि वो किसान के फायदे की बात कर रहे तो उन्हें बुलाकर बात करिए‚ कन्विंस करिए‚ वार्ता कीजिए‚ पर आप तो बस लाठी चला रहे हैं। महंगाई‚ बेरोजगारी के मुद्े पर प्रदर्शन करने वालों को भी ये लाठी–डंडे से पीटते हैं। तेजस्वी ने कहा कि २०१४ में मोहन भागवत ने कहा था कि कई सौ वर्षों बाद हिंदुओं का राज आया है। अब २०२१ में कह रहे हैं हिंदू पहले से कमजोर हुआ है। वो कहना क्या चाह रहे हैंॽ क्या मोदी राज में वो कमजोर हो गए हैं। मैं चाहता हूं कि जाति‚ धर्म और क्षेत्र की बजाय नौकरी‚ रोजगार‚ महंगाई‚ उद्योग–धंधे‚ गरीबी‚ बेरोजगारी‚ किसान‚ किसानी‚ विकास पर बात हो।
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