विधान परिषद में जदयू के ललन सर्राफा के ध्यानाकर्षण सूचना का दिया जवाब॥ पटना (एसएनबी)। कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मगही पान का क्षेत्र विस्तार कर किसानोंं की आय में वृद्धि के लिए वित्तीय वर्ष २०२१–२२ में विशेष उद्यानिक फसल योजना अन्तर्गत मगही पान का क्षेत्र विस्तार अवयव को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शामिल किया गया है। इसका कार्यान्वयन फार्मर प्रोड¬ूसर कम्पनी के माध्यम से किया जाएगा। एक फार्मर प्रोड¬ूसर कम्पनी में अधिकतम १०० किसानों को अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। इन जिलों के लिए ४०० इकाई का लIय निर्धारित किया गया है। एक इकाई के लिए ३०० वर्ग मीटर क्षेत्र विस्तार निर्धारित की गई है। मंत्री बुधवार को बिहार विधान परिषद में जदयू के ललन सर्राफा के ध्यानाकर्षण सूचना का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि इस अवयव के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन होने के बाद अगले वित्तीय वर्ष में अधिक से अधिक लIय के साथ योजना बनायी जाएगी। राज्य में पान की खेती १७ जिलों में होती है। परन्तु मगही पान की खेती मुख्य रूप से नवादा‚ औरंगाबाद‚ गया एवं नालन्दा जिला में की जाती है।
मगही पान को भारत सरकार द्वारा २८ मार्च‚ २०१८ को भौगोलिक संकेत (जियोग्राफिकल इंडि़केशन ) प्राप्त है। मगही पान के मुलायम‚ चिकना‚ स्वाद में मीठा होने के कारण व्यापारी एवं लोग अधिक पसंद करते हैं। इसकी सेेल्फ लाइफ (१५–२० दिन)‚ बंगला पान (१०–१५ दिन) एवं अन्य प्रभेद से अधिक है। इतना ही नहीं‚ मगही पान के प्रसंस्करण एवं डी–क्लोरोफिलेशन के लिए उपयुक्त होने के कारण इसका इसकी सेेल्फ लाइफ ३०–३५ दिनों तक बढयी जा सकती है। इसे ही बनारसी पान कहते हैं। इसमें औषधीय गुण के कारण सामान्य लोग इसे माउथ फ्रेशनर‚ रोगाणु रोधक एवं खांसी इत्यादि में प्रयोग करते है। ॥ मगही पान के मूल्य संवर्द्धन के तहत तेल निष्कासन के लिए पान अनुसंधान केन्द्र‚ इस्लामपुर‚ नालन्द्रा में तेल निष्कासन यंत्र इकाई की स्थापना की जा रही है।