देश आज संविधान दिवस मना रहा है लेकिन सियासत इस समारोह को भी लेकर भी कम नहीं हो रही। संसद के सेंट्रल हॉल में प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति और स्पीकर तक इस गौरवशाली दिन के समारोह में शिरकत कर रहे हैं तो वहीं, देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने खुद को इससे अलग रखा है। कांग्रेस ने कहा है वो पीएम मोदी के काल में शुरू किए गए संविधान दिवस समारोह का बहिष्कार कर रही है। कांग्रेस की तरह आम आदमी पार्टी ने भी संविधान दिवस समारोह में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। बीजेपी ने संविधान दिवस समारोह के बायकॉट को अंबेडकर का अपमान बता दिया है। बीजेपी ने कहा है कि नेहरु की जयंती धूमधाम से मनाने वाली कांग्रेस बायकॉट की अगुवाई कर रही है। संसद के सेन्ट्रल हॉल में ये कार्यक्रम सुबह 11 बजे से शुरू हुआ है। इस मौके पर पीएम मोदी संबोधित किये ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का दिवस इस सदन को प्रणाम करने का है। आज पूज्य बापू को भी नमन करना है। आजादी के आंदोलन में जिन-जिन लोगों ने बलिदान दिया, उन सबको भी नमन करने का है। आज 26/11 हमारे लिए एक ऐसा दुखद दिवस है, जब देश के दुश्मनों ने देश के भीतर आकर मुंबई में आतंकवादी घटना को अंजाम दिया। देश के वीर जवानों ने आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया। आज उन बलिदानियों को भी नमन करता हूं।
उन्होंने कहा कि हमारा संविधान ये सिर्फ अनेक धाराओं का संग्रह नहीं है, हमारा संविधान सहस्त्रों वर्ष की महान परंपरा, अखंड धारा उस धारा की आधुनिक अभिव्यक्ति है। इस संविधान दिवस को इसलिए भी मनाना चाहिए, क्योंकि हमारा जो रास्ता है, वह सही है या नहीं है, इसका मूल्यांकन करने के लिए मनाना चाहिए। बाबासाहेब अम्बेडकर की 125वीं जयंती थी, हम सबको लगा इससे बड़ा पवित्र अवसर क्या हो सकता है कि बाबासाहेब अम्बेडकर ने जो इस देश को जो नजराना दिया है, उसको हम हमेशा एक स्मृति ग्रंथ के रूप में याद करते रहें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि भारत एक ऐसे संकट की ओर बढ़ रहा है, जो संविधान को समर्पित लोगों के लिए चिंता का विषय है, लोकतंत्र के प्रति आस्था रखने वालों के लिए चिंता का विषय है और वो है पारिवारिक पार्टियां। योग्यता के आधार पर एक परिवार से एक से अधिक लोग जाएं, इससे पार्टी परिवारवादी नहीं बन जाती है। लेकिन एक पार्टी पीढ़ी दर पीढ़ी राजनीति में है। संविधान की भावना को भी चोट पहुंची है, संविधान की एक-एक धारा को भी चोट पहुंची है, जब राजनीतिक दल अपने आप में अपना लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो देते हैं। जो दल स्वयं लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो चुके हों, वो लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकते हैं।
#WATCH आज 26/11 हमारे लिए एक ऐसा दुखद दिवस है, जब देश के दुश्मनों ने देश के भीतर आकर मुंबई में आतंकवादी घटना को अंजाम दिया। देश के वीर जवानों ने आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया। आज मैं उन बलिदानियों को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/12baI8FlPF
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 26, 2021
26 जनवरी 1950 को जब संविधान लागू किया गया था, उसे देश गणतंत्र दिवस के रूप में मनाता है लेकिन नरेन्द्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने, तब उन्होंने उस दिन को समारोह के रूप में मनाना शुरू किया, जिस दिन संविधान के प्रारूप को कांस्टीट्यूएंट असेंबली ने मंजूर किया था। इस तरह पहला संविधान दिवस समारोह 26 नवंबर 2015 को मनाया गया। पीएम मोदी की तरफ से उस दिन को यादगार बनाया गया जब 26 नवंबर 1950 को संविधान सभा ने संविधान के प्रारूप को मंजूरी दी थी। आज का कार्यक्रम संसद के सेंट्रल हॉल में है, जिसमें देश का पूरा शीर्ष नेतृत्व मंजूर होगा। कार्यक्रम 11 बजे राष्ट्रगान के साथ शुरू होगा उसके बाद लोकसभा के स्पीकर कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।
पीएम मोदी का संबोधन सुबह 11.11 बजे शुरू होगा। सेंट्रल हॉल में कार्यक्रम दोपहर 12 बजे के करीब खत्म हो जाएगा उसके बाद पीएम विज्ञान भवन जाएंगे जहां शाम साढ़े पांच बजे से सुप्रीम कोर्ट का संविधान दिवस पर दो दिनों का समारोह है। पीएम उस समारोह का उद्घाटन करेंगे।
‘संविधान दिवस’ पर कांग्रेस का बहिष्कार
संविधान दिवस पर कांग्रेस ने कुछ और ही प्लान बनाया है। कांग्रेस की तरफ संविधान के साथ किसानों का मुद्दा उठाया गया है। कांग्रेस की तरफ से ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर लिखा गया है, ”संविधान हो या फिर चाहे किसान। भाजपा कर रही दोनों का अपमान।”
संविधान दिवस को AAP ने कहा नौटंकी
कांग्रेस की तरह आम आदमी पार्टी ने भी संविधान दिवस का बहिष्कार किया है। AAP नेता संजय सिंह ने कहा, ”BJP एक तरफ़ तो संविधान की धज्जियां उड़ा रही है, किसानों नौजवानों के अधिकारों को गैरसंवैधानिक तरीके से कुचल रही है और “संविधान दिवस” मनाने की नौटंकी कर रही है। आम आदमी पार्टी इस नौटंकी का हिस्सा नही बनेगी।”