भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव राम नरेश पाण्डेय ने बिहार के विश्वविद्यालयों में एक के बाद एक बडे घोटाले की खबर पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और बिहार के राज्यपाल से इन घोटालों की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा किबिहार के कुछ शिक्षण संस्थाओं में इतने बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार की खबरें पहली बार सुनाई दे रही हैं। शिक्षण संस्थाएं समाज के युवक और युवतियों को एक योग्य और आदर्श नागरिक बनाने के लिए होती हैं लेकिन विश्वविद्यालयों में उचे स्तर पर घोटालों के काले धंधों ने शिक्षा के आदर्शों और पवित्रताओं पर कठोर कुठाराघात किया है।
श्री पाण्डेय ने कहा है कि बिहार के शिक्षा मंत्री ने अपने एक बयान में कहा है कि विश्वविद्यालयों में घोटालों की घटनाओं से राज्य सरकार के शिक्षा विभाग का कोई संबंध नहीं है। शिक्षा मंत्री का यह बयान हास्यास्पद है। विश्वविद्यालयों में बडे घोटालों की जो खबर आ रही है उनमें अकेले कुलपति नहीं हो सकते। उनके साथ विश्वविद्यालयों में कार्यरत कनीय अधिकारी और कर्मचारी भी हो सकते हैं। ये कनीय अधिकारी और कर्मचारी राज्य सरकार के ही अधीन है। विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार की घटना कोई अलग–थलग घटना नहीं है। ऐसी घटनाओं की खबरें महाविद्यालयों‚ विद्यालयों और राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के कार्यालयों में प्रकाशित होती रही है। टॉपर घोटाला बिहार की ही चर्चित घटना थी। हाल के भ्रष्टाचार की घटनाओं से यह स्पष्ट है कि बिहार की शिक्षा अत्यन्त चिंताजनक स्थिति में पहुंच गई है। सरकारी खजाने के पैसे शिक्षा के लिए लिये जाते हैं लेकिन ये पैसे घोटालेबाज अधिकारियों की जेब भरने लगे हैं। उन्होंने राज्यपाल फागू चौहान से अपील की है कि विश्वविद्यालयों में हाल में घोटालों की घटना की जो खबर है उसकी उच्चस्तरीय जांच करावें। राज्यपाल विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के साथ–साथ बिहार के राज्यपाल भी हैं। इसलिए बिहार की शिक्षा के क्षेत्र की दुर्दशा को ध्यान में रखते हुए इसकी उच्चस्तरीय जांच आवश्यक है।