राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और अपने बड़े़ बेटे विधायक तेजप्रताप के बीच चल रहे विवाद को लेकर राजद सुप्रीमो मंझधार में फंस गये हैं। लालू तेजप्रताप को बहुत स्नेह देते हैं। तेजप्रताप भी अपने पिता के विरुद्ध कोई कदम नहीं उठाते हैं। हालिया विवाद में अब जगदानंद के साथ ही विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह और तेजस्वी के करीबी संजय यादव का नाम भी जुड़़ गया है। तेजप्रताप ने ऐलान कर दिया है कि जब तक जगदानंद सिंह को पार्टी से नहीं हटाया जाता तब तक उनका राजद से कोई नाता नहीं है। पिता लालू यादव के रविवार की शाम पटना पहुंचने के साथ ही तेजप्रताप ने तेजस्वी और जगदानंद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। पटना एयरपोर्ट पर खुद को ढकेले जाने का आरोप जगदानंद सिंह पर लगाते हुए तेजप्रताप ने कहा था कि जब तक जगदानंद सिंह पार्टी में रहेगें तब तक राजद से उनका कोई मतलब नहीं है। तेजप्रताप यादव ने जगदानंद सिंह को आरएसएस का एजेंट बताते हुए पार्टी से नाता तोडने का ऐलान कर दिया। जगदानंद को पार्टी से बाहर निकालने की मांग को लेकर देर रात तेजप्रताव अपने आवास के बाहर धरने पर बैठ गए थे। रविवार रात साढे नौ बजे के करीब राबडी देवी और लालू प्रसाद के पहुंचने पर ही तेजप्रताप माने और धरना खत्म किया।
भाई पर भी हमला बोला
तेजप्रताप ने अपने ‘अर्जुन’ (भाई तेजस्वी यादव) पर भी खुलकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि यही रवैया रहा तो अर्जुन गद्ी पर नहीं बैठ पाएंगे। उनके निशाने पर जगदानंद सिंह के साथ तेजस्वी यादव के सलाहकार संजय यादव भी हैं। दिल्ली से चलने के पहले लालू ने दोनों भाइयों में किसी तरह के विवाद से इनकार किया था और कहा था कि दोनों एक हैं। पटना हवाई अड्डे पर लालू की अगवानी के लिए गए तेजप्रताप ने जगदानंद सिंह और विधान परिषद सदस्य सुनील कुमार सिंह पर आरोप लगाया कि उनके लोगों ने उन्हें धक्का दिया था। देर रात अपने समर्थकों के साथ धरना पर बैठे तेजप्रताप अपने भाई तेजस्वी के खिलाफ खुलकर बोले। उन्होंने कहा कि तेजस्वी अपना रवैया सुधारें‚ नहीं तो संघर्ष होगा। उन्होंने कहा कि मैं संघर्ष की उपज हूं लगातार बोलता रहा हूं कि मुझे अपने अर्जुन को मुख्यमंत्री बनाना है‚ किंतु अब दुख हो रहा है। तेजस्वी और संजय पर आरोप लगाया कि पार्टी का अपहरण कर लिया है। बीच में तेजप्रताप ने अपने पिता को घर में बंद करने का आरोप लगाया था। इस बात की बिहार के सियासत में खासी चर्चा रही। उन्होंने कहा कि संजय को साथ लेकर चलिएगा तो पार्टी का भला नहीं होगा।
रोहिणी के ट्वीट ने लालू और जगतानंद को ‘दुख–सुख’ का साथी बताया
परिवार अब दो गुटों में बंट गया है। इसमें एक तरफ अकेले लालू के बडे बेटे तेज प्रताप हैं‚ वहीं दूसरी तरफ लालू के साथ राबडी देवी‚ तेजस्वी यादव हैं। इसी कडी में अब लालू के परिवार के एक और सदस्य का नाम जुड रहा है। वह नाम कोई और नहीं बल्कि रोहिणी आचार्य का है। रोहिणी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। हाल ही में उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक तस्वीर शेयर की है। इस तस्वीर में लालू के साथ जगदानंद सिंह नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर के कैप्शन में उन्होंने लिखा है ‘दुख–सुख’ के दोनों साथी।
हालिया जिस तरह का ड्रामा लालू परिवार में देखने को मिल रहा है उसके बाद इन तस्वीरों के मायने ही बदल गए। यह बात सभी को पता है कि लालू के बडे बेटे तेज प्रताप और जगदानंद सिंह की आपस में नहीं बनती है। कल तेज प्रताप ने खुलेआम ऐलान कर दिया कि जब तक जगदानंद राजद में हैं‚ तब तक उन्हें पार्टी से कोई मतलब नहीं है। ऐसे में जो लोग जगदानंद सिंह को लालू का साथी मानते हैं‚ वे अब तेज प्रताप के विरोध में खडे हो गए हैं। रोहिणी ने तस्वीर के जरिए साफ कर दिया है कि‚ राजद में लालू–जगदानंद की जोडी को नहीं तोडा जा सकता है। यह भी स्पष्ट हो गया कि वे जगदानंद सिंह के साथ हैं। ऐसे में तेज प्रताप यादव से राबडी आवास छूटने के बाद धीरे–धीरे परिवार के सदस्यों का साथ भी छूटता नजर आ रहा है।