उत्तर प्रदेश: बहुजन समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मांग की है कि चुनाव से छह महीने पहले होने वाले ओपिनियन पोल पर चुनाव आयोग द्वारा बैन लगाया जाए। पार्टी के महासचिव और राज्य सभा सांसद सतीश चंद्र मिश्र ने बीएसपी की तरफ़ से ग्यारह पन्नों की चिट्ठी लिखकर आयोग से यह अपील करते हुए कहा है कि ओपिनियन पोल से वोटर भ्रमित होते हैं और सत्तारूढ़ पार्टी को जान बूझ कर फ़ायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया जाता है। हाल की में कुछ एजेंसियों द्वारा सर्वे किया गया जिसमें बीएसपी को बहुत पीछे दिखाया गया था लेकिन ऐसा है नहीं, जबकि बीजेपी के खाते में बहुमत का आंकड़ा पेश किया गया था। पार्टी महासचिव ने चुनाव आयोग को पत्र साझा करने के साथ ही सोशल मीडिया पर भी शेयर किया है।
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ओपिनियन पोल की बात की जाए तो मायावती शुरूआत से ही ओपिनियन पोल के ख़िलाफ़ रही हैं. वे कहती रही हैं कि ये सब पैसा वाली पार्टियों का हथकंडा है। दलितों और वंचितों की लड़ाई लड़ने वाली बीएसपी के ख़िलाफ़ साज़िश है। लेकिन यह पहली बार है की बीएसपी ने इस मामले में चुनाव आयोग से लिखित शिकायत कर अपनी मांग रखी है।
पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्र कहते हैं सितंबर के महीने में कुछ मीडिया प्लेटफ़ार्म पर सर्वे दिखाया गया। जिसमें बीएसपी को बहुत कम सीटें दी गई हैं।
पार्टी की तरफ से उनका आरोप है कि राज्य में क़रीब 15 करोड़ वोटर हैं, लेकिन सर्वे एजेंसियां कुछ हज़ार लोगों के बीच सर्वे कर अपने आंकड़े पेश कर देती है। ऐसा करना संदेह पैदा करता है। बीएसपी ने निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए इलेक्शन कमीशन से मतदान से छह महीने पहले इस तरह के सर्वे पर रोक लगाने की मांग की है।