दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल गिरफ्तार पाकिस्तानी आतंकी अशरफ से पूछताछ कर रही है जिसमें एक बड़ा खुलासा हुआ है। पूछताछ में अशरफ ने बताया कि 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर हुए ब्लास्ट से पहले उसने रेकी की थी। अशरफ ने जांच अधिकारियों को बताया कि उसने दिल्ली हाईकोर्ट की रेकी की थी। अशरफ को जब इस ब्लास्ट में शामिल एक संदिग्ध की फोटो दिखाई गई तब उसने इस बात का खुलासा किया कि खुद उसी ने हाईकोर्ट की रेकी की थी।
हालांकि हाईकोर्ट में हुए इस ब्लास्ट में प्रत्यक्ष तौर पर वह शामिल था या नहीं ये अभी पूछताछ में साफ होगा। क्योंकि इस ब्लास्ट में प्रत्यक्ष तौर पर शामिल होने के सबूत नहीं मिले हैं। अशरफ ने बताया कि उसने वर्ष 2011 में आईटीओ स्थित पुलिस हेडक्वाटर ( पुराना पुलिस हेडक्वाटर ) की रेकी की थी। उसने बताया कि कई बार रेकी की लेकिन ज्यादा जानकारी नही मिल पाई क्योंकि पुलिस हेडक्वाटर के बाहर लोगो को रुकने नही देते थे। साथ ही आईएसबीटी की भी रेकी उसने की थी और सारी जानकारी पाकिस्तान के हैंडलर्स को भेजी थी। फिलहाल जांच एजेंसियां अशरफ से इस बात की पूछताछ कर रही है कि क्या वह दिल्ली के किसी ब्लास्ट में शामिल रहा है या नहीं।
बिहार में सरपंच से बनवाई आईडी
सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी आतंकी ने पूछताछ में इस बात का खुलासा किया है कि उसने फर्जी आईडी बिहार के एक गांव में सरपंच से बनवाई थी। यह आतंकी जब पहली बार साल 2004 में पाकिस्तान से बांग्लादेश और कोलकाता होते हुए भारत में दाखिल हुआ था तो उसके बाद वह सीधे अजमेर शरीफ गया जहां पर उसकी मुलाकात बिहार के कुछ लोगों से हुई। इन लोगों के साथ वह बिहार चला गया वहां जाकर उसने एक गांव में शरण ली। इस गांव में कुछ समय रहकर उसने सरपंच का विश्वास जीता और सरपंच से कागज में लिखवा कर गांव का निवासी होने की आइडेंटिटी बनवा दी।
एक बार फिर आतंकी के साथ बिहार कनेक्शन सामने आया है. दिल्ली में पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद अशरफ का बिहार के साथ नाम जुड़ा है. बताया जा रहा है कि आतंकी अशरफ जिस फर्जी पहचान पत्र के सहारे दिल्ली के लक्ष्मी नगर में रह रहा था, वह बिहार के किशनगंज (Kishanganj) जिले के पते वाला है. आतंकी को दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने सोमवार रात लक्ष्मी नगर इलाके से गिरफ्तार किया है. पुलिस को उसके पास से हथियार और हैंड ग्रेनेड भी मिले हैं.
बताया जा रहा है कि आतंकी मोहम्मद अशरफ पिछले 15 सालों से भारत में रह रहा था. ऐसे में अब बिहार पुलिस के साथ-साथ खुफिया एजेंसियों की चिंताएं बढ़ गई हैं. एजेंसियों को शक है कि भारत में उसके और भी साथी हो सकते हैं.
बिहार पुलिस अलर्ट
दिल्ली में आतंकी पकड़े जाने और उसका बिहार कनेक्शन सामने आने के बाद पुलिस अलर्ट हो गई है. नेपाल सीमा से सटे सभी जिलों के SP को अलर्ट किया है. उन्हें सतर्क रहने और विशेष चौकसी के लिए कहा गया है. इसी के साथ पुलिस इस बात की भी पड़ताल कर रही है कि आखिर बिहार के अंदर पाकिस्तानी आतंकवादी ने फर्जी पहचान पत्र कैसे बनवा लिए थे? आतंकी को पहचान पत्र बनाने में किन लोगों ने मदद की है और किसने उसे संरक्षण दिया था. इसकी जांच पुलिस ने शुरू कर दी है.
बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी आतंकवादी बांग्लादेश और वहां से सिल्लीगुड़ी के रास्ते बिहार आया था. इसके साथ ही बिहार में उसके ठिकाने कहां-कहां थे और वह बिहार के किन-किन इलाकों में कितने दिनों तक रहा और फिर दिल्ली कैसे गया? इसकी पुलिस सघन पड़ताल कर रही है.
बिहार से आतंकी कनेक्शन की लंबी हो रही लिस्ट
बिहार का सीमांचल और मिथिलांचल घुसपैठियों और आंतकियों का सेफ हाउस बनता दिख रहा है. इसके साथ ही पिछले कुछ सालों में गया और छपरा के क्षेत्र में भी आतंकी कनेक्शन सामने आए हैं. बिहार के सीमांचल में घुसपैठियों का मुद्दा लगातार उठका रहता है, लेकिन वोट बैंक की राजनीति में लगातार राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ किया जा रहा है. जिसके बाद बिहार जैसे प्रदेश से आतंकी कनेक्शन सामने आने लगे हैं और धीरे-धीरे इसकी लिस्ट लंबी होती जा रही है.
बिहार से पकड़े गए ये आतंकी
2009 दिल्ली ब्लास्ट में मधुबनी का आतंकवादी मदनी.
2008 रामपुर CRPF कैंप में विस्फोट मामले मधुबनी के सकरी सबाऊद्दीन को गिरफ्तार किया था.
2011 में मधुबनी के ही अफजल और गुल अहमद जमाली को पकड़ा गया था.
2011 में ही दरभंगा के केवटी अंतर्गत बाढ़ समैला के कतील सिद्दीकी उर्फ साजन की दिल्ली में गिरफ्तारी हुई थी.
2012 में दरभंगा के नदीम और नक्की को गिरफ्तार किया गया था.
2012 में ATS ने अहमद को पकड़ा था. बताया जाता है कि वह इंडियन मुजाहिदीन का मेंटर था.
2012 में ही दरभंगा के समैला गांव से कर्नाटक पुलिस ने संदिग्ध आतंकी मो. कफील अख्तर को गिरफ्तार किया था.
2012 में सऊदी अरब में केवटी के बाढ़ समैला गांव के फसीह महमूद को भारतीय सुरक्षा एजेंसी ने पुलिस के सहयोग से पकड़ा था. ये वही फसीह महमूद था जो 2008 में बटला हाउस मुठभेड़ के बाद सऊदी अरब भाग गया था.
फरवरी 2021 में सारण के देव बहुआरा निवासी जावेद को गिरफ्तार किया गया था. रिटायर्ड शिक्षक के बेटे जावेद ने कश्मीरी आतंकी मुश्ताक को 7 पिस्टल उपल्बध कराई थीं.