लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बड़े लाल तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) बगावत के मूड में हैं। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) से अदावत का मामला बढ़कर अब बगावत तक पहुंच चुका है। इस लड़ाई में खुद को अपने अर्जुन (तेजस्वी यादव) का कृष्ण कहते रहे तेज प्रताप उनके खिलाफ खड़े नजर आ रहे हैं। आरजेडी में वे धीरे-धीरे किनारे लगा दिए गए दिख रहे हैं। इस बीच पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी (Shivanand Tiwari) द्वारा उन्हें पार्टी से अलग हो चुका बताने के बावजूद लालू परिवार (Lalu Family) ने चुप्पी साध ली है। तेज प्रताप यादव ने तारापुर विधानसभा उपचुनाव में अपने निर्दलीय उम्मीदवार संजय कुमार के पक्ष में चुनाव प्रचार करने की बात कही तो इसी बीच संजय ने तेजस्वी यादव की उपस्थिति में आरजेडी ज्वाइन करते हुए नामांकन वापस लेने की घोषणा कर दी है।
विधानसभा उपचुनाव में तेज प्रताप के बगावती तेवर
विधानसभा उपचुनाव में महागठबंधन (Mahagathbandhan) के दोनों घटक दलों आरजेडी व कांग्रेस (Congress) ने अपने-अपने प्रत्याशी दिए हैं। इस कारण महागठबंधन टूट की कगार पर पहुंच चुका है। इस बीच आरजेडी में बगावती तेवर अपनाए तेज प्रताप यादव ने तारापुर के निर्दलीय प्रत्याशी संजय कुमार (Sanjay Kumar) के लिए चुनाव प्रचार करने का एलान कर दिया। उधर, कांग्रेस नेता अशोक राम (Ashok Ram) ने कहा कि तेज प्रताप ने उनसे कुशेश्वरस्थान में कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार करने का वादा किया है। कुशेश्वरस्थान और तारापुर की सीटों को लेकर महागठबंधन में छि़ड़े विवाद के बीच तेज प्रताप आरजेडी की मुश्किलें बढ़ाते दिख रहे हैं। हालांकि, इस बीच बड़े घटनाक्रम में तारापुर के निर्दलीय प्रत्याशी संजय कुमार को तेजस्वी ने आरजेडी में शामिल कर तेज प्रताप की मंशा पर पानी फेर दिया है। संजय अब नामांकन वापस लेकर तारापुर से आरजेडी प्रत्याशी अरुण कुमार साह (Arun Kumar Shah) के पक्ष में प्रचार करेंगे।

दोनों भाइयों में शह-मात के खेल का पहला मामला नहीं
तेज प्रताप यादव तारापुर के निर्दलीय प्रत्याशी संजय को चुनाव प्रचार का आश्वासन देने से इनकार करते हुए इसे तेजस्वी के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव (Sanjay Yadav) की ‘फालतू सी ग्रेड स्टोरी’ करार दिया है, लेकिन इस मामले को तारापुर में तेज प्रताप यादव की बड़ी मात के रूप में देखा जा रहा है। दोनों भाइयों में शह-मात के खेल का यह पहला मामला नहीं है।
हाल हीं में लगाया था लालू को बंधक बनाने का आरोप
हाल हीं में तेज प्रताप यादव ने ‘कुछ लोगों’ द्वारा लालू प्रसाद यादव को बंधक बना लिए जाने का आरोप (Lalu Prasad Yadav Kept Hostage) लगाया था। लालू इन दिनों बेटी मीसा भारती (Misa Bharti) के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर हैं। तेज प्रताप का इशारा मीसा व तेजस्वी की ओर माना गया। जवाब में तेजस्वी ने भी सफाई दी कि लालू जैसे बड़े व्यक्तित्व के नेता को कोई बंधक कैसे बना सकता है।
स्टार प्रचारकों की सूची पर पार्टी के खिलाफ बयान
विधानसभा उपचुनाव की हीं बात करें तो इसके स्टार प्रचारकों की सूची से तेज प्रताप यादव का नाम गायब है। सूची में राबड़ी देवी (Rabri Devi) व मीसा भारती (Misa Bharti) के नाम भी नहीं हैं। पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में तेज प्रताप को नहीं रखे जाने में तेजस्वी की अहम भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है। इससे भड़के तेज प्रताप यादव ने फिर हमला किया। उन्होंने राबड़ी व मीसा को सूची में जगह नहीं देने को लेकर नारी शक्ति के अपमान का आरोप भी लगा दिया।
विवादों में नहीं मिल रहा अपने परिवार का साथ
तेज प्रताप को लेकर आरजेडी में लंबे समय से बवाल खड़े होते रहे हैं। आरजेडी के बड़े नेता रहे चंद्रिका राय (Chandrika Rai) की बेटी व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा राय (Daroga Prasad Rai) की पौत्री ऐश्वर्या राय (Aishwarya Rai) से विवाह के छह महीने के अंदर हीं तेज प्रताप ने तलाक का मुकदमा (Tej Pratap Yadav Divorce Case) दायर कर दिया। इसका परिणाम पार्टी से चंद्रिका राय की विदाई के रूप में सामने आया। आगे पार्टी के कद्दावर नेता रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) को आरजेडी के समंदर में एक लोटा जल बातकर विवाद खड़ा कर दिया था। फिर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) से शुरू हुई उनकी जंग अभी चरम पर दिख रही है। इस सियासी महाभारत (Political Mahabharata) में खुद को कृष्ण (Krishna) व भाई तेजस्वी को अपना अर्जुन (Arjuna) बताते रहे तेज प्रताप को अपने हीं परिवार का साथ मिलता नहीं दिख रहा है।
सवाल यह कि आखिर क्या चाहते हैं तेज प्रताप?
सवाल यह कि आखिर क्या चाहते हैं तेज प्रताप? तेज प्रताप अपनी शर्तों के साथ रहना चाहते हैं, जो पार्टी लाइन के खिलाफ जाती रही है। वे खुद में पिता लालू यादव का अक्स देखते हैं और इसे जाहिर करने से भी परहेज नहीं करते। कुछ दिन पहले हीं उन्होंने खुद को सेकेंड लालू (Second Lalu) घोषित कर दिया है। इसके लिए बनाए गए फेसबुक पेज पर वे दिखते भी रहते हैं। छात्र आरजेडी से अपने करीबी आकाश यादव (Aakash Yadav) को चलता किए जाने के बाद उन्होंने अपना संगठन छात्र जनशक्ति परिषद (Chhatra Janshakti Parishad) खड़ा कर उसके बैनर तले जयप्रकाश आदोलन (JP Movement) की तर्ज पर लालू यादव आंदोलन (LP Movement) खड़ा करने की घोषणा की है। जयप्रकाश नारायण की जयंती (JP Birth Anniversary) के अवसर पर पटना में जनशक्ति यात्रा के बहाने वे अपनी ताकत दिखाने जा रहे हैं।