भाजपा व जदयू की दोस्ती के बीच जातीय जनगणना एक बड़़ी चुनौती बनकर सामने खड़़ी हो रही है। जातीय जनगणना के मसले पर दोनों दलों के शीर्ष नेताओं की अलग राय है। भाजपा के नेता मौजूदा हालात में जातीय जनगणना को तकनीकी रूप से व्यवहारिक नहीं बता रहे हैं जबकि जदयू अब भी जातीय जनगणना को फायदेमंद बता रहा है। ऐसे में भाजपा व जदयू की दोस्ती की खातिर दोनों दलों के रणनीतिकारों के लिए रास्ता निकालना किसी परीक्षा से कम नहीं है॥। जदयू व भाजपा की दोस्ती के बीच पहले भी कई अग्निपरीक्षाएं हुइ हैं पर दोनों दलों के शीर्ष नेता इसमें पास हुए हैं। चाहे तीन तालाक का मामला हो या ३७० का या एनआरसी मामला। जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने के मसले पर भी भाजपा व जदयू की अलग राय है। भाजपा व जदयू की दोस्ती को देखते हुए विरोधी दलों में बेचैनी रही है। महागठबंधन के नेता जानते हैं कि भाजपा व जदयू में दरार होगी तो उनके लिए सत्ता की राह आसान हो जाएगी।
केन्द्र में एनड़ीए की सरकर बनने के बाद से ही जदयू व भाजपा के बीच कई मुद्ों को लेकर अनबन रही है। २०१९ में केन्द्र में नयी सरकार गठन के समय केन्द्रीय मंत्रिमंड़ल में शामिल होने के मामले में जदयू व भाजपा के बीच तकरार हुआ। इसके बाद राजधानी में जलजमाव के मामले में दोनों सहयोगी दलों के बीच आरोप–प्रत्यारोप होते रहे। भाजपा के विधान पार्षद ड़ा. संजय पासवान ने एक समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को केन्द्र की राजनीति में जाने की सलाह दे दी थी। भाजपा से एक वरिष्ठ केन्द्रीय मंत्री ने पिछले वर्ष जलजमाव के लिए राज्य सरकार में शामिल जदयू व भाजपा के शीर्ष नेता पर प्रहार किया था। विधानसभा चुनाव के समय सीटों के बंटवारे को लेकर भी तनातनी रही। हालांकि भाजपा व जदयू दोनों को एहसास हो गया है कि संयुक्त टीम महागठबंधन पर हर समय कहर ढाएगी। दोनों एक दूसरे को स्वभाविक दोस्त भी मानते हैं। साथ रहने पर दोनों को फायदा भी है। २०१४ में जब जदयू अकेले चुनाव लड़ा था तो उसे मात्र दो सीटें हाथ लगी थी‚ किंतु २०१९ के चुनाव में भाजपा से हाथ मिलाने पर उसे १६ सीटें मिलीं। २०२० के विधानसभा चुनाव में साथ–साथ चलने पर नीतीश की अगुवाई में एनड़ीए की सरकार बनी जबकि जदयू से भाजपा के विधायकों की संख्या काफी अधिक है। विषम परिस्थितियों में भाजपा व जदयू के नेता हमेशा कोई न कोई रास्ता निकालने में सफल होते रहे हैं। पहले की हुई कई परीक्षाओं में दोनों दलों के रणनीतिकारों ने निकाला है बीच का रास्ता॥
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