कंगाली और आतंकियों के कब्जे की आशंका से जूझ रहे पाकिस्तान के हुक्मरान अभी भी शुतुरमुर्ग बने हुए हैं. साथ ही भारत खासकर जम्मू-कश्मीर को लेकर प्रोपेगंडा फैलाने से बाज नहीं आ रहे हैं. इस कड़ी में उम्मीद के अनुरूप पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार तड़के संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर का राग अलापा और शांति के लिए भारत को जिम्मेदार करार देते हुए कहा कि यह भारत की जिम्मेदारी है कि वह सार्थक रूप से जुड़े. इसके बाद राइट टू रिप्लाई अधिकार का इस्तेमाल करते हुए भारत की यूएनजीए में फर्स्ट सेक्रेटरी स्नेहा दुबे ने पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम को जमकर फटकार लगाई. स्नेहा दुबे ने पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद की शरणस्थली करार देते हुए भारत के अंदरूनी मामलों में बेजा हस्तक्षेप बताया.
कश्मीर पर कब्जे का आरोप लगाया भारतीय मुसलमानों को बरगलाया
इमरान खान ने अपने संबोधन के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाया और कहा कि दक्षिण एशिया में स्थायी शांति जम्मू-कश्मीर विवाद के समाधान पर निर्भर करती है. यही नहीं, शांति स्थापित करने का ठिकरा भारत पर फोड़ते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ सार्थक और परिणामोन्मुखी जुड़ाव के लिए अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी भारत की है. भारत के खिलाफ भरे जहर को उगलते हुए पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार को ‘फासीवादी’ करार दिया. कहा कि आरएसएस और भाजपा मुस्लिमों को निशाना बना रहे हैं. मुस्लिमों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. इमरान ने यह भी आरोप लगाया कि भारत ने कश्मीर पर जबरन कब्जा कर रखा है.
अफगानिस्तान में तालिबान के लिए उड़ेला प्रेम
करेला वह भी नीम चढ़ा की तर्ज पर अपने भाषण में तालिबान की वकालत करते हुए इमरान खान ने य़ह बेबसी भी जाहिर की कि वहां के बिगड़े हालात के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, लेकिन इसकी सबसे बड़ी कीमत हमने चुकाई है. 80 हजार लोग मारे गए, 120 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ. हमने अमेरिका के लिए जंग लड़ी. 1983 में राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने मुजाहिदीन को हीरो बताया था. इसके बाद जब सोवियत सेनाएं वहां से चली गईं तो अमेरिका ने अफगानिस्तान को अकेला छोड़ दिया. अमेरिका पर बरसते हुए इमरान ने कहा, हम पर प्रतिबंध लगाए गए. बाद में यही मुजाहिदीन, जिन्हें हमने ट्रेंड किया था, वो हमारे खिलाफ ही खड़े हो गए.
भारत ने आतंक की शरणस्थली बताया पाक को
इमरान खान के इस अनर्गल प्रलाप का जवाब देते हुए स्नेहा दुबे ने इमरान खान को जमकर खरी-खोटी सुनाई. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के सभी सदस्य देश भली-भांती जानते हैं कि आतंकियों की मदद और शरण देने का पाकिस्तान का इतिहास रहा है. आतंकियों को पल्लवित पोषित करना उसकी कूटनीति बन चुकी है. स्नेहा दुबे ने आतंकवाद के लिए पाकिस्तान को सीधे तौर पर कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि यह एक ऐसा देश है, जो खुलेआम आतंकियों को न सिर्फ वित्तीय मदद देता है, बल्कि उन्हें हथियार मुहैया कर प्रशिक्षण भी देता है.
पाकिस्तान कब्जे वाला कश्मीर तुरंत सौंपे
इमरान खान के कश्मीर और मुसलमानों के अनर्गल प्रलाप पर स्नेहा दुबे ने कहा, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अंग हैं. इसमें वह इलाका भी शामिल है, जिस पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा कर रखा है. भारत चाहता है कि पाकिस्तान अविलंब अपने कब्जे को खाली कर दे. स्नेहा दुबे ने राइट टू रिप्लाई अधिकार का प्रयोग करते हुए यूएनजीए जैसे प्रतिष्ठित मंच का दुरुपयोग करने के लिए पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि भारत के अंदरूनी मामलों को इस मंच से उठाकर पाकिस्तान झूठ बोलकर विश्व को बरगलाने की कोशिश कर रहा है. सच तो यह है कि आतंकी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे हैं और उसके वजीर-ए-आजम इस पर से दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए झूठ का सहारा ले प्रोपेगेंडा फैला रहे हैं.
UN में इमरान ने भारत को दी युद्ध की धमकी
UNGA में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने न सिर्फ तालिबान की वकालत की बल्कि भारत को युद्ध की धमकी तक दे डाली। UN जनरल असेंबली में रिकॉर्डेड भाषण में इमरान खान ने धमकी दी कि अगर भारत ने बातचीत का माहौल नहीं बनाया तो दोनों देशों के बीच फिर एक युद्ध हो सकता है। इमरान खान ने अपने भाषण में कश्मीर का राग तो अलापा ही, तालिबान की भी जमकर वकालत की। इमरान खान ने गिड़गिड़ाने वाले अंदाज में पूरी दुनिया से अपील की कि वो तालिबान को मान्यता दें दें। इमरान खान ने दुनिया को ये कहकर भी डराया कि अगर तालिबान को मान्यता नहीं मिली तो अफगानिस्तान पूरी दुनिया के आंतकियों का अड्डा बन जाएगा।