नीतीश कुमार ने पिछले कुछ महीनों में पेगासस जासूसी, जनसंख्या नियंत्रण क़ानून और जातिगत जनगणना जैसे मुद्दों पर अपने सहयोगी बीजेपी से अलग बात की है. दो दिनों पहले ही जेडीयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में उन्हें पीएम पद के लिए उपयुक्त क़रार दिया गया. क्या बीजेपी और कांग्रेस से अलग भी कोई राजनीतिक मोर्चा बनाने की तैयारी हो रही है ?
ये सवाल खड़ा हो रहा है सितम्बर में होने वाली एक सम्भावित राजनीतिक रैली से. देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री और इंडियन नेशनल लोकदल के संस्थापक चौधरी देवी लाल की 107वीं जयंती के अवसर पर एक रैली आयोजित करने की योजना बनाई जा रही है. 25 सितंबर को चौधरी देवीलाल की जयंती मनाई जाती है और सूत्रों के मुताबिक़ उस दिन हरियाणा के जींद शहर में एक रैली आयोजित किए जाने की योजना बनाई जा रही है.
सबसे बड़ी उत्सुकता इस बात की है कि आख़िर इस रैली में किन किन नेताओं के शामिल होने की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक़ अभी तक जिन नेताओं ने इस रैली में आने को लेकर अपनी सहमति जता दी है उनमें चौधरी देवीलाल के पुत्र और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के अलावा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, अकाली दल के अध्यक्ष और पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और टीडीपी अध्यक्ष एवं आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू शामिल हैं.
पिछले महीने दिल्ली में हुई जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लेने आए नीतीश कुमार ने पार्टी के प्रधान महासचिव के सी त्यागी के साथ ओम प्रकाश चौटाला से मुलाक़ात की थी.
दिलचस्प बात ये है कि अबतक जिन नेताओं के रैली में आने की पुष्टि हो चुकी है उनमें से सुखबीर बादल को छोड़कर सभी जनता दल से ही निकली हुई पार्टियों के नेता हैं. रैली के आयोजन को अंतिम रूप दिया जा रहा है और अगर रैली आयोजित होती है तो इससे सियासी अटकलों का बाजार गर्म होना तय है. बिहार में एनडीए के भीतर बीजेपी और जेडीयू के बीच जो शाह मात का खेल चल रहा है उसके बीच इस सम्भावित रैली से और सवाल खड़े होना भी तय है.