अफगानिस्तान में दो आत्मघाती हमलावरों और बंदूकधारियों द्वारा काबुल हवाई अड्डे के पास किए गए हमलों में कम से कम 60 अफगान नागरिकों और 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई। अफगानिस्तान से अमेरिकी लोगों की वापसी के अभियान की निगरानी कर रहे जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने कहा कि इन हमलों के बाद भी अमेरिका अपने नागरिकों एवं अन्य को अफगानिस्तान से निकालना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि हवाईअड्डे पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं और अफगानिस्तान से बाहर जाने के इच्छुक लोगों को लाने के लिए वैकल्पिक मार्ग इस्तेमाल किए जा रहे हैं। करीब 5,000 लोग हवाई अड्डे पर उड़ानों का इंतजार कर रहे हैं।
इस्लामिक स्टेट ने ली हमले की जिम्मेदारी
काबुल हवाई अड्डे से बड़े स्तर पर लोगों की निकासी के अभियान के बीच पश्चिमी देशों के अधिकारियों ने हमले की आशंका जतायी थी और लोगों से हवाई अड्डे से दूर रहने की अपील की थी, लेकिन अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से तालिबान के क्रूर शासन की आशंका के चलते देश छोड़ने को आतुर लोगों ने इस परामर्श को नजरअंदाज किया। इस बारे में सतर्क किए जाने के कुछ ही घंटों बाद हमला हुआ। इस्लामिक स्टेट समूह ने अपने ‘अमाक’ समाचार चैनल पर इस हमले की जिम्मेदारी ली है। आईएस से संबद्ध इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। यह समूह तालिबान से कहीं अधिक कट्टरपंथी है। ऐसा माना जा रहा है कि तालिबान इन हमलों में शामिल नहीं है और उसने हमलों की निंदा की है।
हम भूलेंगे नहीं, पकड़ेंगे और सजा देंगे: बायडेन
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन ने काबुल में हुए हमलों में मारे गए लागों की जान का बदला लेने का संकल्प लेते हुए कहा, ‘‘ हम तुम्हें (हमलावरों को) पकड़कर इसकी सजा देंगे।’’ बायडेन ने बृहस्पतिवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, ‘‘ इस हमले को अंजाम देने वाले और अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की मंशा रखने वाले ध्यान रखें कि हम तुम्हें बख्शेंगे नहीं। हम यह भूलेंगे नहीं। हम तुम्हें पकड़कर इसकी सजा देंगे। मैं अपने देश के हितों और लोगों की रक्षा करूंगा। ’’ बाइडन ने कहा, ‘‘ जैसा कि आप सभी जानते हैं, जिन आतंकवादी हमलों के बारे में हम बात कर रहे थे और जिनके बारे में खुफिया तंत्र चिंतित था, उसे आईएसआईएस-के नामक संगठन ने अंजाम दिया। उन्होंने हवाईअड्डे पर तैनात अमेरिकी सेवा के सदस्यों की जान ली और कई को गंभीर रूप से घायल भी कर दिया। उन्होंने कई असैन्य लोगों की भी जान ली और कई को घायल भी किया।’’ बायडेन ने कहा कि उन्होंने अपने कमांडरों को आईएसआईएस-के के ठिकानों, नेतृत्व और केंद्रों पर हमला करने की योजना तैयार करने के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि काबुल में निकासी अभियान को 31 अगस्त तक पूरा करने के लिए वह अब भी प्रतिबद्ध हैं।
हम निकासी अभियान जारी रखेंगे: बायडेन
बायडेन ने कहा, ‘‘ हम अभियान पूरा कर सकते हैं और जरूर करेंगे। मैंने उन्हें यही आदेश भी दिया है। हम आतंकवादियों के आगे घुटने नहीं टेकेंगे। हम उन्हें हमारा अभियान रोकने नहीं देंगे। हम निकासी अभियान जारी रखेंगे।’’ राष्ट्रपति ने कहा कि यह तालिबान के हित में है कि वह आईएसआईएस-के को अफगानिस्तान में और पैर ना पसारने दे। बाइडन ने कहा, ‘‘ यह तालिबान के हित में है कि वह आईएसआईएस-के को अफगानिस्तान में और पैर ना पसारने दे।’’ उन्होंने साथ ही कहा कि हवाईअड्डे पर हमले को अंजाम देने में तालिबान और आईएसआईएस की मिलीभगत का अब तक कोई सबूत नहीं मिला है। काबुल हवाई अड्डे के बाहर हमलों के बाद बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति बायडेनऔर इजराइल के नए प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट की पहली बैठक का कार्यक्रम टाल दिया गया। बायडेन, इजराइल के नए प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट के कार्यभार संभालने के बाद उनसे पहली बार मुलाकात करने वाले थे। बायडेन का उन गवर्नरों के एक समूह के साथ डिजिटल माध्यम से बैठक करने का भी कार्यक्रम था, जिन्होंने कहा था कि वे अफगान शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए सहायता करने के इच्छुक हैं। गर्वनरों के साथ बैठक को भी स्थगित कर दिया गया है।
140 से ज्यादा लोग घायल
अफगानिस्तान के एक अधिकारी ने अपनी पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि हवाई अड्डे पर हुए हमले में कम से कम 60 अफगान मारे गए तथा 140 से अधिक अन्य लोग घायल हुए हैं। अमेरिका के अधिकारियों ने शुरुआत में बताया था कि हमले में नौसेना का एक चिकित्साकर्मी और 11 अमेरिकी नौसैनिक मारे गए हैं। एक और अमेरिकी सैन्यकर्मी ने बाद में दम तोड़ दिया। अधिकारियों ने बताया कि हमले में 18 और सेवारत कर्मी घायल हुए हैं और मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। जानकारी के मुताबिक, एक हमलावर ने उन लोगों को निशाना बनाकर हमला किया जो गर्मी से बचने के लिए घुटनों तक पानी वाली नहर में खड़े थे और इस दौरान शव पानी में बिखर गए। ऐसे लोग जोकि कुछ देर पहले तक विमान में सवार होकर निकलने की उम्मीद कर रहे थे वो घायलों को एंबुलेंस में ले जाते देखे गए। उनके कपड़े खून से सन गए थे। वहीं अफगानिस्तान में अस्पतालों का संचालन करने वाली इटली की एक परमार्थ संस्था ‘इमरजेंसी’ ने कहा कि वे हवाईअड्डे पर हमले में घायल 60 लोगों का उपचार कर रहे हैं जबकि 10 घायल ऐसे थे जिन्होंने अस्पताल लाने के दौरान दम तोड़ दिया।
ऐसे और हमले की आशंका
वहीं अफगानिस्तान से अमेरिकी लोगों की वापसी का काम देख रहे जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने कहा कि अमेरिका काबुल हवाईअड्डे के साजिशकर्ताओं का पता लगाएगा। उन्होंने कहा कि माना जा रहा है कि यह हमला इस्लामिक स्टेट समूह से अफगानिस्तान में संबद्ध लोगों ने अंजाम दिया है। उन्होने आशंका जताई कि ऐसे और हमले हो सकते हैं। वहीं अफगानिस्तान में अस्पतालों का संचालन करने वाली इटली की एक संस्था ने कहा कि वे हवाईअड्डे पर हमले में घायल 60 लोगों का उपचार कर रहे हैं जबकि 10 घायल ऐसे थे जिन्होंने अस्पताल लाने के दौरान दम तोड़ दिया। अफगानिस्तान में संस्था के प्रबंधक मार्को पुनतिन ने कहा कि सर्जन रात में भी सेवा देंगे। उन्होंने कहा कि घायलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने हमले की निंदा की
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने काबुल हवाईअड्डे पर हुए आतंकवादी हमले की निंदा की है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने हमले को बर्बर करार देते हुए कहा कि निकासी अभियान तेजी से जारी रखने की जरूरत है। जानकारी के मुताबिक, एक हमलावर ने उन लोगों को निशाना बनाकर हमला किया जो गर्मी से बचने के लिए घुटनों तक पानी वाली नहर में खड़े थे और इस दौरान शव पानी में बिखर गए। ऐसे लोग जोकि कुछ देर पहले तक विमान में सवार होकर निकलने की उम्मीद कर रहे थे वो घायलों को एंबुलेंस में ले जाते देखे गए। उनके कपड़े खून से सन गए थे।
हवाईअड्डे के प्रवेश द्वार, होटल के पास ब्लास्ट
पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि एक धमाका हवाईअड्डे के प्रवेश द्वार के पास हुआ जबकि दूसरा एक होटल से कुछ दूरी पर हुआ। उन्होंने कहा कि हमले में सैनिकों समेत कई लोग हताहत हुए हैं लेकिन कोई आंकड़ा नहीं दिया। एक अफगानिस्तानी व्यक्ति ने कहा कि काबुल हवाई अड्डे के एक द्वार के बाहर इंतजार कर रही भीड़ के बीच हुए धमाके के बाद उसे कुछ लोग मृत या घायल नजर आए। घटनास्थल के पास मौजूद अदम खान ने कहा कि धमाके के बाद कुछ लोग मृत और घायल नजर आ रहे थे तथा कुछ लोगों के अंगभंग हो गए थे। दूसरा धमाका होटल बारोन के पास हुआ जहां अफगान, ब्रिटिश और अमेरिकी नागरिकों समेत अन्य लोग एकत्र थे जिन्हें देश छोड़ने के लिए हवाईअड्डे पर जाने से पहले हाल के दिनों में यहां ठहराया गया था।
31 अगस्त अफगानिस्तान छोड़ने की डेडलाइन
पिछले सप्ताह के दौरान इस युद्धग्रस्त देश से निकलने के लिए हवाई अड्डे पर अफरा-तफरी जैसा माहौल देखने को मिला था। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से तालिबान के क्रूर शासन की आशंका के चलते तमाम लोग देश छोड़ने को आतुर नजर आ रहे हैं। कुछ देश पहले ही अफगानिस्तान से लोगों को निकालने का अभियान समाप्त कर चुके हैं और अपने सैनिकों और राजनयिकों को निकालना शुरू कर चुके हैं। तालिबान ने तय समयसीमा में निकासी अभियान के दौरान पश्चिमी बलों पर हमला नहीं करने का संकल्प जताया था। हालांकि, यह भी दोहराया है कि अमेरिका द्वारा 31 अगस्त की तय समयसीमा में सभी विदेशी सैनिकों को देश छोड़ना होगा।
खुफिया एजेंसी ने किया था अलर्ट
इस घटनाक्रम से पहले, ब्रिटिश सरकार ने बृहस्पतिवार को चेतावनी दी थी कि इस्लामिक स्टेट (आईएस या आईएसआईएस) के आतंकवादियों द्वारा अफगानिस्तान में काबुल हवाई अड्डे पर जमा लोगों को निशाना बनाकर हमला किए जाने की ‘बहुत विश्वसनीय’ खुफिया रिपोर्ट है। ब्रिटिश सशस्त्र बल मंत्री जेम्स हेप्पी ने दिन की शुरुआत में बीबीसी से कहा कि ‘बहुत विश्वसनीय’ खुफिया सूचना है कि अफगानिस्तान छोड़ने की कोशिश में काबुल हवाई अड्डे पर जमा हुए लोगों पर इस्लामिक स्ट्टेट जल्द ही हमला करने की योजना बना रहा है। पश्चिमी देशों की तरफ से हमले की आशंका जताए जाने के कुछ ही घंटे बाद धमाके की यह जानकारी सामने आई है।