कांग्रेस की छत्तीसगढ़ इकाई में लंबे समय से चल रही गुटबाजी को खत्म करने के प्रयास के तहत पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव के साथ बैठक की.
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि बघेल और सिंहदेव मंगलवार को सुबह राहुल गांधी के आवास 12 तुगलक लेन पहुंचे. इस बैठक के दौरान कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और पार्टी के छत्तीसगढ़ मामलों के प्रभारी पीएल पूनिया भी मौजूद थे.
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस आलाकमान छत्तीसगढ़ में पार्टी के भीतर चल रही गुटबाजी को जल्द खत्म करना चाहता है और यह बैठक इसी प्रयास के तहत हुई है. उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में दिसंबर, 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं रहे.
सिंहदेव के समर्थकों का कहना है कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री को लेकर सहमति बनी थी और ऐसे में अब सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए, हालांकि कांग्रेस आलाकमान ने बघेल को मुख्यमंत्री पद से हटाने का कोई संकेत नहीं दिया है.
पिछले दिनों बघेल गुट और सिंहदेव गुट के बीच मतभेद उस वक्त और बढ़ गये जब कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर आरोप लगाया था कि वह उनकी हत्या करवाकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. बृहस्पति सिंह को मुख्यमंत्री बघेल का करीबी माना जाता है.
भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद टीएस सिंह देव के लोग अंदरखाने के हवाले से यह दावा करते रहे कि नेतृत्व यहां ढाई साल बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाएगा. ऐसे में ढाई साल हो चुके हैं और अभी तक मुख्यमंत्री नहीं बदला गया है. नेतृत्व के इस फैसले से टीएस सिंहदेव नाराज भी नजर आ रहे हैं. प्रभारी पीएल पुनिया ने टीएस सिंहदेव को मनाने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी. सूत्रों के मुताबिक टीएस सिंहदेव ने आलाकमान को संदेश दे दिया कि वह दो महीने से ज्यादा इंतजार नहीं कर सकते हैं. ऐसे में अगर नेतृत्व अपना वादा नहीं निभाता है तो वह इस्तीफा दे सकते हैं. वहीं भूपेश बघेल सीएम बदलने की बात को खारिज कर चुके हैं. हालांकि, कुछ हफ्ते पहले कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद सीएम बघेल ने बयान दिया था कि आलाकमान जो तय करेगा मैं वैसा ही करुंगा. ऐसे में अब मामला राहुल गांधी के समक्ष आ चुका है. बता दें कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को अभूत्वपूर्व सफलता मिली थी. राज्य की कुल 90 सीटों में से कांग्रेस ने 68 सीटों पर प्रचंड जीत दर्ज की थी. वहीं राज्य में बीजेपी 15 सीटों पर सिमट गई थी. वहीं जेसीसी को पांच सीटें और बीएसपी ने दो सीटों पर कब्जा जमाया था.