मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जातीय जनगणना के मुद्दे पर सर्वदलीय शिष्टमंड़ल के साथ उनसे मिलने का समय मांगा है। पटना‚ नालंदा‚ गया और जहानाबाद जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद पटना हवाईअड्ड़े पर पत्रकारों से बातचीत में नीतीश से जातीय जनगणना के संबंध में सवाल करने पर उन्होंने कहा‚‘हमने पत्र भेज दिया है।’ प्रधानमंत्री से मुलाकात के लिए जदयू सांसदों को वक्त नहीं मिलने और जबकि बिहार सरकार में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा से मंत्री संतोष कुमार सुमन के प्रधानमंत्री से मिलने के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा‚ ‘हमारी पार्टी के सांसदों ने अमित शाह से मिलकर भी अपनी बातें रखी हैं।’ गौरतलब है कि जदयू सांसदों की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भेंट हुई थी। फोन टैपिंग से जुड़़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है और उसके फैसले का इंतजार है।
जातीय जनगणना को लेकर एक ओर जहां बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बाबत एक पत्र लिखा है और बुलावे का इंतजार कर रहे हैं. वहीं, यह मुद्दा अब एक नया मोड़ लेता दिख रहा है. दरअसल जेडीयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने जातीय जनगणना पर बड़ा बयान देते हुए सीएम नीतीश कुमार के हवाले से कहा है कि अगर भारत सरकार जाति आधारित जनगणना के लिए तैयार है तो ठीक है नहीं तो हम बिहार में जातीय जनगणना करवाएंगे. जदयू सांसद ने साफ तौर पर कहा कि यह फैसला बिहार के सीएम का है कि सूबे में जातीय जनगणना करवाई जाएगी.
जेडीयू सांसद ने आगे बताया कि अगर भारत सरकार मान जाती है और राज्यों को जातीय जनगणना कराने के अधिकार देने का बिल लाती है तो अच्छी बात है नहीं तो बिहार सरकार अपने स्तर से जातीय जनगणना कराने की तैयारी में है. बता दें कि गुरुवार को नीतीश कुमार ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र भेज दिया है. समय मिलने के बाद मिलेंगे. नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि हमारी पार्टी के सांसदों ने जातीय जनगणना कराने के लिए लिखकर दिया है और गृहमंत्री अमित शाह से भी सांसदों ने बात की है.
सीएम नीतीश ने यह भी कहा कि जाति आधारित जनगणना के लिए प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेगा. बता दें कि बीते 30 जुलाई को तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार से कहा था कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर इस पर बात करें. विधानसभा स्थित सीएम कक्ष में मुख्यमंत्री नीतीश और महागठबंधन के सभी दलों के नेताओं के साथ मीटिंग में तेजस्वी ने मांग की थी कि बिहार की ओर से केंद्र सरकार पर यह दबाव डाला जाए कि सरकार जातीय जनगणना कराए. अगर यह संभव नहीं है तो कर्नाटक की तर्ज पर बिहार सरकार खुद इसकी पहल करे और सूबे में जाति आधारित गिनती का कार्य करे.
बता दें कि जातीय जनगणना की मांग को लेकर 7 अगस्त को बिहार के सभी जिला मुख्यालयों पर आरजेडी के कार्यकर्ता धरना प्रदर्शन करेंगे. इसमें जातीय जनगणना कराने, आरक्षित कोटे से बैकलॉग के लाखों रिक्त पद भरने और मंडल आयोग की शेष रिपोर्ट लागू करने की मांग होगी. राजद के महासचिव आलोक कुमार मेहता के अनुसार जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने के बाद जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इन मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा जाएगा. इसकी सूचना सभी सांसदों, विधायकों, सभी जिलाध्यक्षों और पार्टी के अन्य अधिकारियों को भेज दी गई है.