अवैध बालू खनन मामले में सख्ती दिखाते हुए राज्य सरकार ने बडी कार्रवाई करते हुए भोजपुर और औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी सहित चार ड़ीएसपी‚ एक एसड़ीओ को निलंबित कर दिया। यही नहीं बालू की अवैध कमाई की जद में तीन अंचलाधिकारी‚ एक एमवीआई के अलावा खनन विभाग के सात अधिकारियों पर भी निलंबन की गाज गिरी है।
भोजपुर के तत्कालीन एसपी राकेश कुमार दुबे‚ औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी सुधीर पोरिका को निलंबित कर दिया गया। निलंबन की अवधि में दोनों अधिकारियों का कार्यालय मुख्यालय पुलिस महानिरीक्षक‚ केंद्रीय क्षेत्र पटना होगा। वहीं सरकार ने तत्कालीन पालीगंज डीएसपी तनवीर अहमद‚ तत्कालीन ड़ीएसपी भोजपुर पंकज कुमार रावत‚ तत्कालीन ड़ीएसपी सदर औरंगाबाद अनूप कुमार‚ तत्कालीन डि़हरी ड़ीएसपी संजय कुमार को भी निलंबित कर दिया है। निलंबन की अवधि में इन लोगों का कार्यालय बिहार पुलिस मुख्यालय होगा। वहीं रोहतास डि़हरी के एसडीएम रहे सुनील कुमार पर निलंबन की गाज गिरी है। खनन विभाग के सात अधिकारी भी निलंबित किये गये हैं। इसमें खनन विभाग के सहायक निदेशक संजय कुमार‚ एमडीओ प्रमोद कुमार‚ सुरेन्द्र सिन्हा‚ राजेश कुशवाहा‚ मुकेश कुमार और खनन निरीक्षक मधुसुदन चतुवदी और रंजित कुमार शामिल हैं। वहीं इस मामले में अनुज कुमार तत्कालीन प्रभारी अंचल अधिकारी कोईलवर‚ राकेश कुमार तत्कालीन प्रभारी अंचल अधिकारी पालीगंज और बसंतराय तत्कालीन प्रभारी अंचल अधिकारी‚वारुण औरंगाबाद को निलंबित किया गया है। जबकि अवैध बालू खनन मामले में तत्कालीन एमवीआई भोजपुर विनोद कुमार को भी निलंबित कर दिया गया है।
गौरतलब है कि उपरोक्त सभी अधिकारियों को सरकार द्वारा १४ जुलाई को ही उनके पद से बालू माफिया के साथ सांठगांठ के आरोप में हटा दिया गया था। ईओयू द्वारा इस पूरे मामले की जांच कराई गई थी। पांच जिलों में जांच के बाद ईओयू ने सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी। जिसमें दो आईपीएस समेत ४१ अधिकारियों पर कार्रवाई की अनुशंसा की थी। पद से हटाने के बाद सरकार ने ईओयू को इनकी संपत्ति की जांच करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद मंगलवार को इन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। माना जा रहा है कि ईओयू द्वारा दी गयी रिपोर्ट पर ही निलंबन की कार्रवाई की गई है।
बालू खनन के साथ परिवहन में भी शामिल थे एसपी
भोजपुर के तत्कालीन एसपी राकेश दुबे और औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी सुधीर कुमार पोरिका पर गृह विभाग ने अवैध बालू खनन व ढुलाई में शामिल रहने का आरोप लगाया है। दोनों अफसरों पर बालू के अवैध उत्खनन, भंडारण एवं परिवहन में अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं करने, इसमें संलग्न लोगों को मदद पहुंचाने, अवैध उत्खनन व परिवहन में संलिप्त रहने, अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं रखने एवं संदिग्ध आचरण से संबंधित आरोप लगाया गया है. निलंबन अवधि में दोनों एसपी का मुख्यालय पटना रेंज के आइजी का कार्यालय रखा गया है. दोनों एसपी समेत सभी 17 पदाधिकारियों को निलंबन अवधि में सिर्फ जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा. विभागीय कार्रवाई के लिए आदेश अलग से निर्गत किया जाएगा.
तीन जगहों के CO सस्पेंड
सरकार ने तीन जिलों के प्रमुख स्थानों पर पदस्थापित अंचल अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इनमें पटना के पालीगंज, भोजपुर के कोईलवर और औरंगाबाद के बारुण के अंचलाधिकारी शामिल हैं। इन सभी पर अवैध तौर पर जारी बालू खनन में संलिप्त रहने के आरोप लगे हैं। सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। पालीगंज के CO राकेश कुमार, बारुण के बसंत राय और कोईलवर के अनुज कुमार को सस्पेंड किया गया है। सस्पेंशन अवधि में इनका मुख्यालय पटना प्रमंडल का आयुक्त कार्यालय होगा।
आज ही विधानसभा में उठा था मसला
आज बालू मामले पर विधानसभा में भी जमकर हंगामा हुआ था। कई विधायकों ने अवैध बालू खनन और भंडारण को लेकर सवाल उठाए थे। इसके बाद शाम होते-होते यह बड़ी कार्रवाई हो गई है।
सरकार कर रही थी पड़ताल
गौरतलब है कि बिहार में भारी पैमाने पर होने वाले अवैध बालू खनन के मामले में सरकार पिछले कुछ समय से पड़ताल कर रही थी और प्राथमिक जांच में इन सभी अधिकारियों को दोषी पाया गया. प्राथमिक जांच में दोषी पाए जाने के बाद ही इन सभी को 14 जुलाई के दिन उनके पद से हटा दिया गया था और वापस पुलिस मुख्यालय बुला लिया गया था.
सरकार की ओर से इस संबंध में जारी आदेश में कहा गया है कि आर्थिक अपराध इकाई की जांच में इन सभी अधिकारियों को अवैध बालू खनन, भंडारण और परिवहन के दौरान ड्यूटी में लापरवाही दिखाने का दोषी पाया गया है. आदेश में यह भी कहा गया है कि ये सभी अधिकारी अवैध बालू खनन माफिया को लगातार मदद पहुंचा रहे थे और इसी वजह से इन सभी को निलंबित किया गया है.