सोमवार को ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के बाद पत्रकारों द्वारा जनसंख्या नीति पर शिवसेना के संजय राउत द्वारा बिहार सरकार में शामिल भाजपा से समर्थन वापस लेने की मांग को लेकर पूछे गये सवाल पर मुख्यमंत्री ने तल्ख अंदाज में कहा कि मैं उसकी बातों पर नोटिस भी नहीं लेता हूं। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच करने का जिम्मा जब सीबीआई को दिया गया था‚ उस समय भी ये लोग ऐसी ही बात करते थे। इसलिए ऐसे लोगों की बात पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछली बार भी हमने कहा था कि जनसंख्या नीति को लेकर क्या करना चाहिए‚ जो सबसे इफेक्टिव होगा। कौन राज्य इसको लेकर क्या करेगा‚ इस पर हमें कुछ नहीं कहना है। मुख्यमंत्री ने नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर चल रहे आंदोलन को एक क्षेत्र विशेष के किसानों की समस्या बताया। उन्होंने कहा कि बिहार में इस नये कानून से कोई परेशानी नहीं है। यहां के किसान पूरी तरह संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि कुछ इलाकों में इस कानून को लेकर विरोध है। इसको लेकर आपस में कई बार बातचीत भी हुई है। कोरोना के दौर में निरंतर आंदोलन करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की कृषि नीति किसी के खिलाफ नहीं है‚ लेकिन कई इलाकों के लोगों के मन में इसको लेकर अलग–अलग भावना है तो फिर से बातचीत कर इसका समाधान निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार में कृषि के क्षेत्र में काफी काम किया गया है। यहां किसानों से प्रोक्योरमेंट काफी ज्यादा किया जा रहा है। इस बार बिहार में गेंहू का भी बेहतर ढंग से प्रोक्योरमेंट किया गया है। बिहार में किसानों की उत्पादकता बढी है और हमलोगों ने उसका प्रोक्योरमेंट शुरू किया है। यहां पर हमलोगों ने शुरू से ही काम किया है। सभी लोगों को आजाद कर दिया गया है कि कोई भी अपना उत्पादन जहां चाहे‚ वहां बेचे। सबको पता है कि हमलोग कितनी तेजी से प्रोक्योरमेंट कराते हैं और लोगों को इसका लाभ मिलता है। यहां हर चीज पर नजर रखी जाती है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे १०६ लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निदश दिए। जनता के दरबार में खगडिया के परबत्ता से आये सतीश कुमार ने बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है। वे बहुत ही गरीब हैं और झोपडी में रहते हैं। उनके आवेदन को रिजेक्ट कर दिया गया है। कारण बताया गया है कि मेरे यहां लैंडलाइन नंबर मौजूद है‚ जबकि इस तरह की कोई बात नहीं है। शिकायत सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव को कहा कि पूरे मामले को देखिए और इन्हें जल्द इन्हें लाभ दिलाएं। मुजफरपुर के मुसहरी प्रखंड के प्रमोद कुमार ने कोरोना से हुई मौत पर अब तक मुआवजा राशि नहीं मिलने की शिकायत की। मुजफरपुर के औराई प्रखंड के सुधीर कुमार ने बाढ में हुई फसल की क्षति पूर्ति की मांग की। मुजफरपुर के बोचहां प्रखंड की मीना देवी ने कहा कि राशन कार्ड खो जाने के कारण अंत्योदय योजना का उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा है। जहानाबाद के मोदनगंज प्रखंड के आलोक कुमार ने अपने गांव के पास सडक निर्माण को पूरा कराने की मांग की। जहानाबाद के रतनीफरीदपुर प्रखंड के अजय कुमार ने अपने गांव में अधूरे पडे विकास कार्य को शीघ्र पूरा कराने की मांग की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने तो पहले ही कह दिया है कि सभी गांवों को सडक से जोडना है। पहले भी कई ऐसी शिकायत आई तो हमने इस पर कार्रवाई करने को कहा था। इसके बाद भी इस तरह की शिकायत मिल रही है। कटिहार की तनुजा विश्वास ने फैमिली पेंशन नहीं मिलने की शिकायत की। बेगूसराय जिले के बखरी प्रखंड की सुशीला देवी ने प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं दिए जाने के संबंध में अपनी शिकायत की। दरभंगा सदर प्रखंड के राजू राज ने शिकायत की कि नल–जल योजना और पक्की सडक सह नाली योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाने के कारण मोहल्ले को जलजमाव एवं शुद्ध पेयजल से वंचित रहना पड रहा है। वहीं पूर्णिया जिले के श्री सतुल्ला ने वार्ड में नल–जल योजना के तहत शुद्ध पेयजल नहीं मिलने की शिकायत की।
वैशाली जिले के राघोपुर प्रखंड के रजनीश कुमार ने शिकायत करते हुए कहा कि एक सडक के निर्माण में दो विधान पार्षदों का फंड लगने के बावजूद आज तक सडक का कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। रोहतास से आए युवक ने कहा कि खेतों के ऊपर से जर्जर तार गया है। यहां पर लगाया गया ट्रांसफर्मर भी काफी पुराना है। तार के लटके होने की वजह से फसल काटने में डर भी लगता है। कई बार बिजली विभाग से इसकी शिकायत की गई लेकिन ठीक नहीं कराया गया। सभी शिकायतकर्ताओं की बात सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को संज्ञान लेने का निदश दिया।
जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद‚ उप मुख्यमंत्री रेणु देवी‚ ऊर्जा सह योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव‚ उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन‚ जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा‚ भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी‚ ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार‚ कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह‚ खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह‚ लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री रामप्रीत पासवान‚ पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी‚ सहकारिता मंत्री सुबाष सिंह‚ गन्ना उद्योग मंत्री प्रमोद कुमार‚ पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन‚ पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी‚ ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत चौधरी‚ लघु जल संसाधन मंत्री संतोष कुमार सुमन‚ परिवहन मंत्री शीला कुमारी‚ पर्यावरण‚ वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज कुमार सिंह‚ पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद उपस्थित थे।