JDU की प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक रविवार 11 बजे से शुरू हो चुकी है। यह बैठक सिर्फ पदाधिकारियों की बैठक नहीं है, बल्कि दो नेताओं को एक मंच पर लाने की कवायद भी है। पिछले 4 महीनों से JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष RCP सिंह और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा चल रहे विवाद को समेटने की कोशिश है। इस मीटिंग के माध्यम से CM नीतीश कुमार यह संदेश देना चाहते हैं कि पार्टी में सबकुछ ‘ऑल इज वेल’ है। इस बैठक को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और RCP सिंह वर्चुअल संबोधित करने वाले हैं। इस दौरान पार्टी कार्यालय में नव मनोनीत सभी 211 प्रदेश पदाधिकारी मौजूद हैं।
बैठक में पहुंचे संसदीय दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी द्वारा आज बंद के विरोध को नौटंकी बताया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता जनता के लिए एक-दो दिन बाद कर नौटंकी करते रहते हें। उपेद्र कुशवाहा ने IAS सुधीर कुमार को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि IAS अधिकारियों को इस तरह के सार्वजनिक बयानबाजी से बचना चाहिए।
वहीं JDU प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने बताया कि यह बैठक पार्टी को मजबूती और आगामी कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए आयोजित की गई है। जिसमें सभी नव मनोनीत उपाध्यक्ष ,महासचिव, सचिव, प्रवक्ता शामिल हुए हैं। बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह, विजेंद्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चौधरी, अशोक चौधरी और संजय कुमार झा समेत कई नेता मौजूद हैं।
JDU के अंदर ऑल इज वेल नहीं
RCP सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के बीच विवाद अब भी कायम है। 10 और 15 जुलाई को पार्टी की बैठक से संबंधित जो पत्र जारी हुए, वह इस बात की तस्दीक कर रहे हैं। 18 जुलाई को होने वाली बैठक से संबंधित जो पत्र 10 जुलाई को जारी हुआ, उसमें मुख्य वक्ता RCP सिंह को बताया गया। वहीं 15 जुलाई को संशोधित पत्र जारी कर RCP सिंह का नाम ही हटा दिया गया है। ऐसे में बिहार में चर्चा तेज हो गई है कि अब पार्टी से RCP को किनारे लगा दिया गया है।
लोग सवाल पूछ रहे हैं कि दूसरी चिट्ठी निकालने की जरूरत क्यों पड़ी? उपेंद्र कुशवाहा की शर्तों पर पार्टी ने ऑनलाइन बैठक कैंसिल कर दिया। अब बताया जा रहा कि केवल आरसीपी सिंह ही बैठक में वर्चुअली शामिल होंगे। जो दूसरी चिट्ठी जारी कि गई उसमें किसी भी नेता के संबोधन का जिक्र नहीं किया गया है। ऐसे में तय हो गया कि JDU के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।