बिहार हर साल की तरह इस बार भी बाढ़ की विभीषिका झेल रहा है. मॉनसून की शुरुआत में ही अत्यधिक वर्षा होने की वजह से इस बार समय से पहले ही बाढ़ आ गयी है. राज्य के 10 से भी अधिक जिले बाढ़ प्रभावित हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बाढ़ की स्थिति को लेकर अलर्ट हैं. साथ ही उन्होंने आपदा प्रबंधन विभाग और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को भी अलर्ट रहने का निर्देश दिया है. ताकि किसी भी तरह की स्थिति से निपटा जा सके. इसी क्रम में गुरुवार को उन्होंने बिहार के बेगूसराय, भागलपुर, खगड़िया और मधेपुरा जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया. मालूम हो कि दिल्ली से आंखों का ऑपरेशन कराकर लौटे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, समस्तीपुर समेत अन्य बाढ़ प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया था.
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण कर लौटे नीतीश कुमार काफी हैरान हुए थे. उन्होंने जून महीने में ही आई बाढ़ को आश्चर्यचकित करने वाली बात कहा था. उन्होंने कहा था, ” बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण कर मैं हैरान हूं. पहले कभी ऐसी स्थिति नहीं उत्पन्न हुई थी. जून में बाढ़ का आना चौंकाने वाला है. बहुत पहले कभी ऐसा हुआ होगा.”
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिलाधिकारियों को बाढ प्रभावित इलाकों का जायजा लेने और आकलन कर तत्काल सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने बाढ़ प्रभावित जिलों के ड़ीएम को वर्षापात और बाढ़ की स्थिति को लेकर अलर्ट रहने को कहा है। मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को बेगूसराय‚ खगडि़या‚ भागलपुर‚ मधेपुरा‚ नालंदा‚ नवादा एवं पटना जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद एक‚ अणे मार्ग स्थित संकल्प में आपदा प्रबंधन विभाग एवं जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि इस वर्ष जून में ज्यादा वर्षा हुई है‚ लेकिन जुलाई में अब तक ज्यादा वर्षा नहीं हुई है। पिछले माह में वर्षा के कारण कुछ जिलों में बाढ़ की भी स्थिति बनी। मैंने कुछ दिनों पहले भी कुछ जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया था। आज भी सात जिलों के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर जायजा लिया और वस्तुस्थिति से अवगत हुआ। मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि सभी जिलाधिकारी अपने–अपने जिलों के बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लें। उसके आधार पर आंकलन करें और जहां भी सहायता की जरुरत हो तत्काल उपलब्ध करायें। सभी चीजों का सही से आकलन होने पर आपदा पीडि़तों को सहायता पहुंचाने में सहूलियत होती है। उन्होंने कहा कि किसानों को कृषि कार्य में काफी नुकसान हुआ है। इसका ठीक से आकलन करें‚ ताकि उन्हें सहायता पहुंचाई जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलों में वर्षापात की स्थिति के साथ–साथ बाढ़ की संभावित स्थिति के अन्य कारकों पर भी पूरी नजर बनाये रखें और पूरी तरह से सतर्क रहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों के राहत के लिए हम सबको काम करना है‚ उन्हें हर प्रकार से मदद करनी है। जो राहत शिविर बनाये गये हैं‚ वहां पर कोरोना जांच और टीकाकरण कार्य अवश्य करायें। उन्होंने कहा कि जो कोरोना पॉजिटिव पाये जाते हैं‚ उनके रहने एवं देखभाल की अलग से व्यवस्था करायें।