प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में विस्तार की चर्चाओं ने ज़ोर पकड़ लिया है, जब एक के बाद एक कई संभावित मंत्रियों के दिल्ली पहुंचने की ख़बरें मिलने लगीं. सूत्रों के अनुसार, ज्योतिरादित्य सिंधिया इंदौर से दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं, और जनता दल नेता सी.पी. सिंह भी दिल्ली पहुंच चुके हैं.
मंगलवार सुबह ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी (BJP) प्रमुख जे.पी. नड्डा और शीर्ष मंत्रियों के साथ मंगलवार शाम को होने वाली बैठक को रद्द किया गया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल में 81 सदस्य हो सकते हैं, लेकिन इस वक्त मंत्रिमंडल में सिर्फ 53 सदस्य हैं. इसका अर्थ यह हुआ कि 28 सदस्य जोड़े जा सकते हैं. अपने दूसरे कार्यकाल में PM नरेंद्र मोदी पहली बार मंत्रिमंडल विस्तार करने जा रहे हैं, तो वह अगले वर्ष पांच राज्यों में होने जा रहे चुनाव तथा वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को ज़रूर ध्यान में रखेंगे.
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के गिरने में निमित्त बने ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्य में BJP की सत्ता में वापसी का इनाम मिल ससकता है. असम के पूर्व मुख्यमत्री सर्बानंद सोनोवाल, जिन्होंने राज्य में BJP की दोबारा जीत के बाद स्वेच्छा से मुख्यमंत्री पद हिमंत बिस्वा सरमा के लिए त्याग दिया था, को भी केंद्रीय सरकार में शामिल किए जाने की संभावना है.
इसी तरह, पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान के विरुद्ध लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में बगावत करने वाले पशुपति कुार पारस को भी कैबिनेट की गद्दी के इनाम से नवाज़ा जा सकता है. कुर्ता खरीदने के लिए बाज़ार में मौजूद पारस से जब दिल्ली से मिले आमंत्रण के बारे में सवाल किया गया, तो वह बस इतना ही बोले, “राज़ को राज़ रहने दो…”
तीन साल पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल में सिर्फ एक पद की पेशकश ठुकरा देने के बाद अब नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) भी अंततः केंद्रीय कैबिनेट का हिस्सा बन सकती है.
दो साल पहले, 2019 में दूसरा कार्यकाल हासिल करने के बाद पहली बार मंत्रिमंडल विस्तार करने जा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों के कामकाज की एक माह तक समीक्षा की, जिसमें कोरोनावायरस की दूसरी लहर के दौरान अप्रैल-मई में किए गए कामकाज की खासतौर से समीक्षा की गई, क्योंकि इसी दौरान सरकार को देश-विदेश में अभूतपूर्व स्तर पर आलोचना का सामना करना पड़ा था.
ख़बरें हैं कि कुछ मंत्रियों को उन्हें दिए गए अतिरिक्त मंत्रालयों से वंचित होना पड़ेगा. ख़बरों के मुताबिक, कुछ मंत्रियों को पोर्टफोलियो के लिहाज़ से तरक्की भी हासिल हो सकती है.
इन नेताओं को गया नड्डा का फोन
बीजेपी सांसद नारायण राणे और सर्वदानंद सोनेवाल दिल्ली पहुंच रहे हैं. केंद्रीय कैबिनेट विस्तार को लेकर महाराष्ट्र से नारायण राणे, कपिल पाटिल, डॉ भागवत कराड, रणजीत सिंह निंबालकर के नाम की चर्चा है. सूत्रों के मुताबिक, इन्हें बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के दफ्तर से फोन आया है. इसके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया भी आज दोपहर 3.30 बजे की फ्लाइट से इंदौर से दिल्ली रवाना होंगे. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह भी दिल्ली रवाना हो चुके हैं. पशुपति पारस कल रात ही दिल्ली पहुंच गए हैं.
कैबिनेट में इन्हें मिल सकती है जगह
ज्योतिरादित्य सिंधिया, सर्बानंद सोनोवाल, सुशील मोदी या संजय जयसवाल, वरुण गांधी, दिलीप घोष, मीनाक्षी लेखी, लद्दाख़ के सांसद जमयांग सेरिंग नामग्याल, भूपेंद्र यादव, विनय सहस्त्रबुद्द्हे, बिजयंत पांडा जैसे अनेक बीजेपी नेताओं की चर्चा चल रही है. इनके अलावा अपना दल की अनुप्रिया पटेल और बीजेपी के दूसरे सहयोगी प्रवीण निषाद और जदयू के नेताओं के भी सरकार में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है.
कुछ मंत्रियों के भार को कम किया जा सकता है
सूत्र बताते हैं कि कुछ मंत्रियों के पास जरूरत से ज्यादा मंत्रालय हैं, उनके भार को भी कम किया जाएगा. मसलन रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, प्रकाश जवाडेकर, नरेंद्र सिंह तोमर जैसे मंत्रियों के पास कई विभाग है, जिसको कम किया जाएगा. क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण को भी संतुलित किया जाएगा. साथ ही उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में होने वाले चुनाव का भी असर मंत्रिमंडल विस्तार में दिखेगा.
कैबिनेट विस्तार के लिए 7 और 8 जुलाई की तारीख
पहले 4 जुलाई को कैबिनेट विस्तार की चर्चा थी, लेकिन उत्तराखंड के परिवर्तन और शपथ ग्रहण की वजह से ये टल गया था. लेकिन अब केंद्र के कैबिनेट विस्तार के लिए 7 और 8 जुलाई की तारीख बताई जा रही है. वैसे भी 19 जुलाई से शुरू होने वाले मॉनसून सत्र से पहले अगर मोदी, सरकार का विस्तार करना चाहते हैं तो फिर 7 या 7 तारीख मुफीद है. मंत्री बनने वाले संभावित नेता भी दिल्ली में डटे हैं और शुभ मुहूर्त का इंतजार कर रहे हैं.