कोविड की दूसरी लहर पर नियंत्रणों के संकेतों के बाद सरकार ने आज अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और कोविड से प्रभावित क्षेत्रों को राहत देने के लिये नये कदमों का ऐलान किया। वित्त मंत्री ने आज कई राहत उपायों की घोषणा की जिसमें हेल्थ केयर सेक्टर से लेकर टूरिज्म सेक्टर तक शामिल हैं।
लोन गारंटी योजना: कोविड-प्रभावित क्षेत्र के लिये 1.1 लाख करोड़ रुपये की लोन गारंटी योजना का ऐलान। इसमें स्वास्थ्य क्षेत्र को 100 करोड़ रुपये तक का कर्ज 7.95 प्रतिशत की ब्याज दर पर दिया जायेगा। इस रकम का इस्तेमाल दूरदराज के इलाकों में मेडिकल इंफ्रा स्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिये किया जायेगा।
सी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना: योजना के तहत अतिरिक्त 1.5 लाख करोड़ रुपयों का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना का दायरा बढ़ाया जा रहा है, इस योजना के तहत एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम), अन्य क्षेत्रों को बिना किसी गारंटी के कर्ज उपलब्ध कराया गया है।
क्रेडिट गारंटी स्कीम: 25 लाख से ज्यादा लोगों को आर्थिक राहत के लिये माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशन के जरिये कर्ज देने की योजना। स्कीम 31 मार्च 2022 तक या फिर 7500 करोड़ रुपये की सीमा पूरे होने तक जारी रहेगी।
टूरिज्म को मिलेगा सहारा: वित्त मंत्री ने पर्यटन क्षेत्र को राहत देने के उपायों की घोषणा की। ट्रैवल एजेंसियों को 10 लाख रुपये तक का कर्ज, पर्यटक गाइड को एक लाख रुपये तक का ऋण मिलेगा। इससे 11 हजार से ज्यादा रजिस्टर्ड गाइड और टूरिज्म सेक्टर से जुड़े लोगों को फायदा मिलने का अनुमान है। टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिये वीजा दिये जाने की शुरुआत के साथ पहले 5 लाख टूरिस्ट वीजा बिना शुल्क लिये जारी होंगे।
भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम ने कुछ दिनों पहले संकेत दिए थे कि सरकार जल्द ही आर्थिक राहतों की घोषणा कर सकती है. मार्च, 2020 में ही जबसे कोविड-19 महामारी की शुरुआत हुई थी, तबसे ही वित्त मंत्रालय और केंद्रीय रिजर्व बैंक ने कई आर्थिक राहत उपायों की घोषणा की है.
क्या हैं घोषणाएं और अहम बातें
– वित्त मंत्री ने कोविड से प्रभावित सेक्टरों के लिए 1.1 लाख करोड़ की लोन गारंटी स्कीम की घोषणा की है. इस स्कीम में अकेले 50,000 करोड़ हेल्थ सेक्टर के लिए दिया जा रहा है, बाकी 60,000 करोड़ अन्य सेक्टरों में दिया जाएगा.
– हेल्थ सेक्टर के लिए 100 करोड़ का अधितकम लोन अमाउंट रखा गया है. अधिकतम ब्याज दर 7.95 फीसदी पर होगा. दूसरे सेक्टरों के लिए अधिकतम ब्याज दर 8.25% रखा गया है. कवरेज में जरूरत के हिसाब से बदलाव किया जाएगा.
– पब्लिक हेल्थ सिस्टम, खास कर बच्चों की स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए 23,220 करोड़ रुपए दिए जाएंगे.
– नई क्रेडिट गारंटी योजना का ऐलान. 25 लाख लोगों को माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस के जरिए मिलेगा फायदा. छोटे कर्जदाताओं-उधारकर्ताओं को मिलेगा फायदा.
– वित्त मंत्री ने इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत अतिरिक्त 1.5 लाख करोड़ जारी किया. यह योजना सबसे पहले मई, 2020 में आत्मनिर्भर पैकेज के तहत लाई गई थी.
– आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को 30 जून, 2021 की आखिरी तारीख से बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 तक कर दिया गया है. सरकार ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का लाभ जूता-चप्पल बनाने वाले नियोक्ताओं को भी दिया.
– निजी कंपनियों की नई नियुक्तियों के मामलों में भविष्य निधि कोष में कर्मचारियों के हिस्से की राशि सरकार वहन करेगी.
– टूरिज्म सेक्टर के लिए बड़ी योजना की घोषणा. इसके तहत 11,000 से ज्यादा रजिस्टर्ड टूरिस्ट गाइड्स, ट्रैवल और टूरिज्म के स्टेकहोल्डर्ड को वित्तीय सहायता मिलेगी. मान्यता प्राप्त गाइड्स को 1 लाख तक और मान्यता प्राप्त ट्रैवल और टूरिज्म के स्टेकहोल्डर्स को 10 लाख तक का 100 फीसदी गारंटीड लोन मिलेगा.
– 5 लाख टूरिस्ट्स को फ्री टूरिस्ट वीजा का ऐलान. विदेशी पर्यटकों को जब वीजा मिलना शुरू हो जाएगा, तब पहले 5 लाख टूरिस्ट जो भारत आएंगे, उन्हें फ्री वीजा मिलेगा. यह योजना पहले पांच लाख पर्यटकों तक सीमित रहेगी या फिर 31 मार्च, 2021 तक लागू रहेगी, इनमें से जो भी पहले हो.
– प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत NFSA लाभार्थियों को नवंबर, 2021 तक 5 किलो मुफ्त अनाज दिया जाता रहेगा. योजना के तहत नवंबर 2021 तक मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराये जाने पर 93,869 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. पिछले साल भी मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया था, इस प्रकार योजना के तहत कुल 2.27 लाख करोड़ रुपये का खर्च होगा.
– वित्त मंत्री ने 85,413 करोड़ रुपये के बजट आवंटन के ऊपर 14,775 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उर्वरक सब्सिडी उपलब्ध कराने की घोषणा की.
– नॉर्थ ईस्टर्न रीजनल एग्रीकल्चरल मार्केटिंग कॉर्पोरेशन के फाइनेंशियल रीस्ट्रक्चरिंग के लिए 77.45 करोड़ का रिवाइवल पैकेज दिया गया.
– निर्यात के प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देने के लिए नेशनल एक्सपोर्ट इंश्योरेंस अकाउंट के जरिए 33,000 करोड़ की योजना.