फेसबुक पोस्ट के जरिये विरोधी दलों को निशाने पर लेते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने आज लिखा कि अब राजनीतिक तौर पर पटना शहर का नाम बदलकर विरोधी नेता सेवा शहर कर देना चाहिए‚ क्योंकि राजनीति भी अजीब चीज है। बिना नाम लिए तेजस्वी को घेरते हुए उन्होंने लिखा कि राघोपुर की जनता आपको विधायक बनाती है‚ फिर भी अस्पताल पटना में ही खोलेंगे। भाई के मंत्री रहते एक मेडिकल कॉलेज ही राघोपुर में खोल देते या खुद मंत्री रहते एक पुल ही बना देते तो पीपा पुल पर लोगों की मौतें नहीं होतीं। डॉ. जायसवाल ने आगे लिखा कि यहां तो मूल उदेश्य सेवा नहीं‚ छपास है। छपास के लिए तो सेवा पटना में ही करना पडेगा। परिवार के पद चिह्नों पर चल रहे हैं‚ मुख्यमंत्री रहते परिवार का सिद्धांत था कि विकास से कभी वोट नहीं मिलता है और महोदय ने भी मंत्री रहते इसका ईमानदारी से पालन किया। इनका उदेश्य अगर अस्पताल खोलना होता तो सिविल सर्जन एवं जिलाधिकारी को सूचना देते‚ पर असली उदेश्य तो छपना है‚ इसलिए यह सीधा मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को ही सूचित करेंगें। पप्पू यादव को अप्रत्यक्ष रूप से निशाने पर लेते हुए भाजपा प्रदेाध्यक्ष ने आगे लिखा कि हमारे दूसरे नेता विधायक और सांसद पूर्णिया और मधेपुरा से रहे‚ पर समाज सेवा तो पटना में ही करेंगे नहीं तो रोज छपास कैसे होगा। ड़ॉ. जायसवाल ने लिखा कि सारा कमाल उस ३० फीसद वोट का है जो बिना कुछ किए एक को मिल जाता है और दूसरा उसके लिए लप–लपा रहा है। मैंने प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अपने सभी विधायक‚ सांसद और मंत्रियों को निर्देशित किया है कि अपने गृह जिले की चिंता करें और प्रभारी जिले का ध्यान रखें। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष होने के बावजूद मैं खुद भी अपने लोकसभा क्षेत्र में हूं। आगे लिखा कि वैसे इन नेताओं में एक और जबरदस्त समानता है। तीन साल से एक नेताजी जेल में थे‚ तब बीमार थे लेकिन बेल मिलते ही घर आ गए। दूसरे नेता जी कल तक कैमरे के साथ कोरोना वार्डों में घूमते थे और बाढ में कमर तक पानी में फोटो भी खिंचाते थे‚ पर जेल जाते ही बीमार हो गए।
बिहार में हुई जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट जारी ,पिछड़ा वर्ग 27.13%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01%, सामान्य वर्ग 15.52% है
बिहार की नीतीश सरकार ने जातीय गणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं। सोमवार को मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारियों...