पश्चिम बंगाल में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में टीएमसी (TMC) ने जबरदस्त जीत की हैट्रिक लगाई. चुनावों में जीत हासिल करके ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं. इस चुनाव में टीएमसी ने ना सिर्फ बीजेपी (BJP) को करारी शिकस्त दी बल्कि मोदी-शाह की जोड़ी को बता दिया कि बंगाल फतह का सपना अभी पूरा नहीं हो सकता है. हालांकि इस चुनाव में टीएमसी की नेता ममता बनर्जी खुद चुनाव हार गईं. नंदीग्राम से बीजेपी नेता शुभेंदू अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने ममता को मात दे दिया.
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) भले ही मुख्यमंत्री बन गई हों, लेकिन हार की टीस उन्हें चुभ रही है. इसीलिए पार्टी ने अब उन्हें सुरक्षित सीट से उतारने का फैसला लिया है. जानकारी के मुताबिक ममता अब भवानीपुर (Bhawanipore) विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव लड़ेंगी और विधानसभा की सदस्यता हासिल करेंगी.
अभी भवानीपुर (Bhawanipore) विधानसभा क्षेत्र से टीएमसी नेता शोभनदेव चट्टोपाध्याय (Shovandeb Chattopadhyay) विधायक हैं. ममता सरकार में उन्हें कृषि मंत्री भी बनाया गया है. जानकारी के अनुसार शोभनदेव चट्टोपाध्याय विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देंगे, ताकि इस सीट से ममता बनर्जी चुनाव लड़ सकें. वहीं पार्टी शोभनदेव चट्टोपाध्याय को इस त्याग का बड़ा इनाम देगी. पार्टी की ओर से उन्हें राज्यसभा में भेजे जाने की संभावना है.
बता दें कि भवानीपुर सीट से ममता दो बार विधायक बन चुकी हैं. साल 2011 में सुब्रत बक्शी ने ममता के लिए भवानीपुर सीट खाली कर दी थी. उप-चुनाव में ममता ने 77.46 फीसदी वोट पाया. 2016 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी को इस सीट पर 47.67 फीसदी वोट मिला था. 29.79 फीसदी की गिरावट के बाद भी वो चुनाव जीत गई थीं. इस बार उन्होंने नंदीग्राम से चुनाव लड़ना स्वीकार किया.
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शुभेंदु अधिकारी ने टीएमसी को छोड़कर बीजेपी ज्वॉइन की थी. और नंदीग्राम से ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ा. इस चुनाव में उन्होंने ममता को 1953 वोटों से हराया. इससे पहले साल 2016 के चुनावों में शुभेंदु अधिकारी ने इस सीट पर लेफ्ट के उम्मीदवार को बड़े अंतर से हराया था.