राज्य में कोरोना मामलों में सरकारी व्यवस्था की मॉनिटरिंग कर रही पटना हाईकोर्ट में सरकार की ओर से सोमवार को दो रिपोर्ट पेश की गई। एक मुख्य सचिव की और एक पटना के प्रमंडलीय आयुक्त की ओर से। मुख्य सचिव की रिपोर्ट राज्य में कोविड-19 के आंकड़े थे तो प्रमंडलीय आयुक्त की रिपोर्ट में बक्सर में गंगा में मिली लाशों का ब्योरा था।
चीफ सेक्रेटरी की रिपोर्ट में बताया गया है कि 1 मार्च से 13 मई के बीच बक्सर में कोविड से केवल छह मौतें हुई हैं। जबकि पटना के प्रमंडलीय आयुक्त की रिपोर्ट में दर्ज है कि 5 से 14 मई के बीच बक्सर के श्मशान घाट पर 789 लाशें जलाई गईं। चीफ जस्टिस संजय करोल एवं जस्टिस एस कुमार की खण्डपीठ ने शिवानी कौशिक की जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दोनों रिपोर्ट में बक्सर में हुई मौतों के आंकड़ों को विरोधाभासी पाया।
कोर्ट के सवाल पर महाधिवक्ता ने जवाब के लिए मांगा समय
कोर्ट ने महाधिवक्ता ललित किशोर से पूछा कि कोविड की दूसरी लहर में जहां मात्र 6 मौतें ही रिपोर्ट में हैं, वहां के श्मशान में पिछले 10 दिनों में 789 लाशें कैसे जलाई गई हैं? महाधिवक्ता ने इस मामले में स्वास्थ्य महकमे से दोबारा आंकड़े मांगने की बात कहते हुए समय मांगा। इसके बाद खंडपीठ ने राज्य सरकार से कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण भी तलब किया । कोर्ट ने पूछा है कि बक्सर जिले में गत 1 मार्च से 13 मई तक कोविड के कितने एक्टिव मरीज रहे? जिन छह कोरोना मरीजों की मौत की बात सरकार ने बताई है वो कहां के हैं? इन सभी बिंदुओं पर सरकार को 19 मई तक जवाब देना है।
सामान्य तौर पर रोज 35 अंतिम संस्कार लेकिन 10 मई को ही 106
पटना के प्रमंडलीय आयुक्त के हलफनामे के अनुसार बक्सर में पांच मई से 14 मई 2021 के बीच कुल 789 शव जलाए गए हैं। सबसे अधिक 106 शव 10 मई को जले। 5 मई को 102 शव जलाए गए। इस दौरान हर दिन 50 से अधिक शव बक्सर में जलाए गए हैं। उपरोक्त सभी दाह संस्कार बक्सर के मुक्ति धाम, चरित्रवन में हुए हैं। बक्सर में स्थानीय और अगल बगल के जिलों से रोजाना अमूमन 30-35 शव दाह संस्कार के लिए आते रहे हैं।
बक्सर में तैरते हुए शव उत्तर प्रदेश से आये थे
गत 10 मई को कुल 71 शव मिले, जिसमें अधिकांश सड़े गले अवस्था में थे। तब बिहार और यूपी के गाजीपुर सीमा पर गंगा की ऊपर से आती धार में “महाजाल” बिछाया गया। नतीजतन 11 और 12 मई को क्रमशः 6 और 4 शव जाल में फंसे मिले जिससे पुष्टि हुई कि सारे शव यूपी से बह कर आये हैं। सारे शवों के आने की वीडियो रिकार्डिंग भी हुई है और पोस्ट मार्टम करवा कर डीएनए सैम्पल भी इकट्ठा किया गया है।
कोर्ट ने पूछा कि बक्सर में पहली मार्च, 2021 से लेकर 18 मई तक कितनी लाशों का दाह संस्कार किया गया, उसकी विस्तृत जानकारी कोर्ट को दी जाये.कोर्ट में पटना के प्रमंडलीय आयुक्त के द्वारा जो शपथ पत्र दायर किया गया उसमें कहा गया है कि पिछले दस दिनों में बक्सर में करीब 900 लाश को जलाया गया है.
900 लाश के आंकड़े पर कोर्ट ने पूछा कि जो लाशें पिछले दस दिनों में जलाई गई है, उसमें कोरोना से मरने वालों की संख्या कितनी है. मरने वालों में किस उम्र वर्ग के कितने लोग थे.इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि ऐसी बात नही है कि सभी लाशें हिन्दू की ही होगी.उसमे मुस्लिम भी होंगे और उसे दफनाया भी गया होगा. इसकी पहचान की गई या नही. इस संबंध में विस्तृत शपथ पत्र कोर्ट को तीन दिनों के अंदर दें.