डबल इंजन की सरकार में एक केन्द्रीय मंत्री, 2 सांसद और 1 डिप्टी CM का अनुरोध भी काम नहीं आया। बिहार की तरफ से केन्द्र सरकार को भेजी गई हर आवाज बेअसर साबित हो रही है। ESIC बिहटा अब भी 50 बेड का ही अस्पताल बना हुआ है। बीते 12 दिनों से बिहार के स्वास्थ्य विभाग से लेकर केन्द्र सरकार के मंत्री तक इस अस्पताल में सेना के 50 डॉक्टरों को भेजने की मांग कर चुके हैं।
सेना से सबसे पहले मदद की गुहार बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने लगाई थी। कोरोना को लेकर पिछले साल के अनुभवों को देखते हुए बेकाबू होती स्थिति का आकलन कर स्वास्थ्य विभाग ने ये मांग की थी। इसके बाद हालात बिगड़ते ही गए और इस मांग को लेकर आवाज तेज होने लगी। सांसद रामकृपाल यादव, केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ,सांसद सुशील मोदी और उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने अनुरोध किया। तारीख और बिहार के हालात के जरिए भास्कर आपको पूरे मामले से रू-ब-रू करा रहा है।
14 अप्रैल: बिहार में इस समय तक सक्रिय कोरोना मरीजों की संख्या 20 हजार 148 थी। कोरोना के मामले दुगुनी रफ्तार से बढ़ रहे थे। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने सेना को पत्र लिख कर अनुरोध किया कि वे बिहार को 50 डॉक्टरों की सेवा उपलब्ध कराए, ताकि राजधानी पटना के समीप स्थित बिहटा में 500 बेड के कोविड अस्पताल का संचालन किया जा सके।
16 अप्रैल : बिहार में इस समय तक सक्रिय कोरोना मरीजों की संख्या 39 हजार 497 हो चुकी थी। पाटलिपुत्र सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर उनके संसदीय क्षेत्र स्थित ESIC अस्पताल में बनी कोविड केयर यूनिट को जल्द से जल्द चालू कराने की मांग की। रामकृपाल यादव के मुताबिक पत्र, इमेल करने के बाद सांसद के मोबाइल पर गृह मंत्री अमित शाह से बात हुई। गृह मंत्री ने बिहटा के ESIC अस्पताल में DRDO द्वारा 500 बेड का कोराना अस्पताल खोलने की अनुमति प्रदान की।
20 अप्रैल : केंद्र सरकार की ओर से आश्वासन मिलने के 4 दिन बाद भी जब सेना नहीं पहुंची तो इसका जिम्मा केन्द्रीय मंत्री ने उठाया। मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मदद की गुहार लगाई। उन्होंने ESIC अस्पताल बिहटा में सेना के डॉक्टरों को भेजे जाने की मांग की। बिहार में इस समय तक सक्रिय कोरोना मरीजों की संख्या 49 हजार 527 हो चुकी थी।
20 अप्रैल : 20 अप्रैल को ही राज्यसभा सांसद और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बिहार में बढ़ते संक्रमण को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिले आश्वासन की जानकारी सार्वजनिक की।अपने सोशल मीडिया के माध्यम से सुशील मोदी ने कहा कि केन्द्रीय रक्षामंत्री ने जल्द ESIC अस्पताल में डॉक्टर भेजने का आश्वासन दिया है।
25 अप्रैल : बिहार में इस समय तक सक्रिय कोरोना मरीजों की संख्या 81 हजार 960 हो गई। बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को चिट्ठी लिख कर पटना के समीप स्थित ESIC अस्पताल, बिहटा में संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए सैन्य बल चिकित्सा सेवा से डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति का अनुरोध किया है।
मांग थी 50 डॉक्टरों की, मिले 8 डॉक्टर
20 हजार 148 से 81 हजार 960 ,ये रफ्तार है कोरोना की, जो 14 अप्रैल से 25 अप्रैल के बीच 4 गुना बढ़ गई, लेकिन इतनी सारी मांग,अनुरोध और गुहार के बाद बिहार को 23 अप्रैल को 8 डॉक्टर मिले। ये वही 8 डॉक्टर हैं, जो फिलहाल 21 मेडिकल स्टाफ के साथ मिलकर बिहटा में 50 बेड का ESICअस्पताल चला रहे हैं। पिछले साल जब कोरोना का प्रकोप बढ़ा था इसी अस्पताल में 500 बेड का कोरोना अस्पताल चलाया गया था।
विपक्ष भी उठा चुकी है सवाल
केन्द्र से मिल रही मदद की ये रफ्तार जाहिर तौर पर बहुत धीमी है। यही वजह है कि विपक्षी पार्टियां भी इसको लेकर सवाल उठा रही हैं। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने तो पिछले दिनों सोशल मीडिया पर सवाल खड़े किये थे। तेजस्वी यादव ने कहा था , “क्या बिहार के मुख्यमंत्री, दो-दो उपमुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों और किसी भी सांसद की हैसियत नहीं कि इस अस्पताल को यथाशीघ्र शुरू करवा सके?क्या बिहार और केंद्र सरकार मिल कर कुछ डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों की यहां नियुक्ति नहीं कर सकती, ताकि मरीज़ों को वापस लौटना और मरना ना पड़े।”