कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मंगलवार को कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के एक वर्चुअल प्रोग्राम में शामिल हुए. इस प्रोग्राम में संवाद के दौरान कांग्रेस में मचे कलह पर राहुल का दर्द छलका. राहुल गांधी ने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी में अंदरुनी लोकतंत्र को बढ़ावा देने की बात कई सालों से कर रहा हूं. इसके लिए मेरी ही पार्टी के लोगों ने मेरी आलोचना की थी. मैंने अपनी पार्टी के लोगों से कहा कि पार्टी में अंदरुनी लोकतंत्र लाना निश्चित तौर पर जरूरी है.
राहुल गांधी ने कहा कि मैं एक दशक से कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र का पक्षधर रहा हूं. मैंने युवा और छात्र संगठन में चुनाव को बढ़ावा दिया है. मैं पहला व्यक्ति हूं, जिसने पार्टी में लोकतांत्रिक चुनावों को महत्वपूर्ण माना है. हमारे लिए कांग्रेस का मतलब आजादी के लिए लड़ने वाली संस्था, जिसने भारत को संविधान दिया है. हमारे लिए लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं बरकरार रखना महत्वपूर्ण है.
प्रोफेसर कौशिक बसु के साथ संवाद में राहुल गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाए जाने पर अपनी भी बातें रखीं. 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि हां, वो गलती थी, लेकिन तब जो हुआ और आज जो हो रहा, उसमें फर्क है. अपनी गलती मान लेना साहस का काम होता है.
राहुल गांधी ने कहा कि हमें संसद में बोलने की अनुमति नहीं है, न्यायपालिका से उम्मीद नहीं है, आरएसएस-भाजपा के पास बेतहाशा आर्थिक ताकत है. व्यवसायों को विपक्ष के पक्ष में खड़े होने की इजाजत नहीं है. लोकतांत्रिक अवधारणा पर ये सोचा-समझा हमला है. मणिपुर में राज्यपाल BJP की मदद कर रहे हैं, पुडुचेरी में उपराज्यपाल ने कई बिल को पास नहीं होने दिया, क्योंकि वो RSS से जुड़ी थीं. कांग्रेस ने कभी भी संस्थानों का फायदा उठाने की कोशिश नहीं की. वर्तमान सरकार भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचा रही है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि उनकी दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाया गया आपातकाल एक ‘गलती’ थी। उन्होंने कहा कि उस दौरान जो भी हुआ वह ‘गलत’ था लेकिन वर्तमान परिप्रेक्ष्य से बिलकुल अलग था क्योंकि कांग्रेस ने कभी भी देश के संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का प्रयास नहीं किया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि मुझे लगता है कि आपातकाल एक गलती थी और मेरी दादी (इंदिरा गांधी) ने भी ऐसा कहा था।
‘कांग्रेस ने देश को उसका संविधान दिया’
अमेरिका के कॉर्नेल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु के साथ हुई बातचीत में गांधी ने कहा कि वह कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र के पक्षधर हैं। केरल के वायनाड से सांसद राहुल ने कहा कि कांग्रेस ने भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी, देश को उसका संविधान दिया और समानता के लिए खड़ी हुई। आपातकाल पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि वह एक गलती थी। बिलकुल, वह एक गलती थी। और मेरी दादी (इंदिरा गांधी) ने भी ऐसा कहा था।’
‘आपातकाल में जो हुआ वह गलत था’
आपातकाल के अंत में इंदिरा गांधी ने चुनाव की घोषणा की थी इस बाबत प्रणब मुखर्जी ने बसु से कहा था कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उन्हें हारने का डर था। इस संबंध में पूछे गए सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि आपातकाल में जो भी हुआ वह ‘गलत’ था और उसमें तथा आज की परिस्थिति में मूलभूत अंतर है। बता दें कि इंदिरा गांधी द्वारा 1975 से 1977 तक 21 महीने की अवधि के लिए आपातकाल लागू किया गया था। इस दौरान देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर अंकुश लगाया गया था।
राहुल को याद आई कमलनाथ के साथ हुई बातचीत
बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ उनकी सरकार गिरने से पहले हुई एक बातचीत को याद किया। कमलनाथ ने उनसे कहा था कि उनकी सरकार में वरिष्ठ नौकरशाह उनकी बात नहीं मानते थे क्योंकि वे आरएसएस के लोग थे और उनसे जो भी करने के लिए कहा जाता था वे नहीं करते थे।