भाकपा–माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि बिहार सरकार के तमाम दावों के विपरीत राज्य में जहरीली शराब से लगातार मौतें हो रही हैं जो बेहद चिंताजनक है। गोपालगंज के विजयीपुर में लगातार कई मौतों से इलाके में दहशत का माहौल है लेकिन जिला प्रशासन हकीकत छुपाने में लगा हुआ है। वहां के डीएम ने बयान दिया कि मजदूरों की मौत जहरीली शराब से नहीं बल्कि उनकी स्वभाविक मृत्यु हुई है। यह वक्तव्य सरासर गलत है। हमारी मांग है कि विजयीपुर जहरीली शराब कांड की घटना की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच होनी चाहिए। माले विधायक दल जल्द ही घटनास्थल का दौरा करेगा और सच्चाई को सामने लाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार उसी इलाके के विधायक हैं। लेकिन अब तक वे घटनास्थल पर नहीं पहुंचे हैं। जब उनके अपने इलाके का यह हाल है तो पूरे राज्य में स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसा प्रतीत होता है कि शराब का यह पूरा धंधा सरकार व प्रशासन की मिलीभगत से चलाया जा रहा है। वहीं भाकपा–माले के गोपालगंज जिला सचिव इंद्रजीत चौरसिया ने घटना की जांच–पड़़ताल के दौरान ग्रामीणों से बातचीत के बाद कहा कि ये मौतें जहीरीली शराब के कारण ही हुई है। मामला गोपालगंज में हुई मौत की घटना पर चिंता जताते हुए पार्टी ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग॥
राज्यपाल का अभिभाषण दिशाहीनः महबूब आलम
भाकपा–माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने शुक्रवार को बिहार विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पूरा अभिभाषण दिशाहीन और झूठ का पुलिंदा है। आज पूरे राज्य में सरकार जल–जीवन–हरियाली योजना की डींगे हांक रही है लेकिन इस नाम पर कितने गरीबों को उजाड दिया गया‚ उसपर पूरी तरह से पर्दा डाल दिया गया है। आज भूख व कुपोषण का दायरा बिहार में लगातार बढता जा रहा है। बेरोजगारी चरम पर है। युवाओं को रोजगार देने के प्रति सरकार कहीं से भी इच्छुक नहीं दिखती। विधानसभा के पहले दिन माले विधायकों ने तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ बिहार विधानसभा से प्रस्ताव पारित करने‚ एमएसपी को कानूनी दर्जा देने‚ एपीएमसी ऐक्ट पुनर्बहाल करने‚ न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान सहित सभी फसलों की खरीद की गारंटी करने‚ धान खरीद की तिथि बढाने आदि मुद्ो को उठाया॥