बिहार में कोरोना जांच में हुई गडबडियों की खबर सामने आने के बाद सरकार हरकत में आई है। प्रधान स्वास्थ्य सचिव प्रत्यय अमृत का कहना है कि २६ जिलों में जांच कराई जा रही है। विभाग से १० टीमें बनाई गइ हैं‚ जो अलग–अलग जिलों में जाकर रैंडम जांच कर रही है।
उन्होंने जमुई के बरहट और सिकंदरा में हुई गडबडी की पुष्टि की है। जमुई और शेखपुरा के जिलाधिकारी को जांच कर पूरी रिपोर्ट देने को कहा गया है। विभाग की जांच में अररिया के फारबिसगंजमें भी कुछ मामले सामने आए हैं। सिविल सर्जन से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया है। जमुई के सिविल सर्जन और प्रतिरक्षण पदाधिकारी समेत चार को पहले ही सस्पेंड कर दिया गया है। प्रत्यय अमृत ने कहा कि अररिया के फारबिसगंज में जांच कराई गई है। २–४ प्रखंडों में रैंडम जांच में ०००० मोबाइल नंबर वाले कई केस मिले हैं। कई जगह एएनएम और आईटीकर्मी का नंबर मिला है। मेडिकल ऑफिसर और सिविल सर्जन से स्पष्टीकरण मांगा गया है। शिवहर के पुरनहिया में ४० मामले ऐसे मिले हैं। १०० की रैंडम जाच में तीन का नंबर ऑफ मिला है। एक नम्बर परिवार के ही सदस्य का मिला है। जमुई जैसी स्थिति यहां नहीं है। आगे जहां भी जांच में गडबडी सामने आएगी‚ वहां कार्रवाई करेंगे।
उन्होंने कहा कि जून–जुलाई में हमारी क्षमता एक हजार टेस्टिंग की भी नहीं थी। फिर एंटीजन किट आने के बाद टेस्टिंग में तेजी आई। बीच में चुनाव था‚ त्यौहार थे‚ फिर भी टेस्टिंग में कोई ढिलाई नहीं हुई। राज्यसभा के सवाल का जवाब भेज दिया गया है। इस पूरे काम में हमारे स्वास्थ्यकर्मियों ने जान की बाजी लगाई है। एक अधिकारी–कर्मी की गडबडी की वजह से सबके काम पर दाग नहीं लगना चाहिए। मालूम हो कि शुक्रवार की शाम दिल्ली यात्रा से लौटे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पटना एयरपोर्ट पर इस मामले में पूछे जाने पर कहा था कि हमको आज ही पता चला है। ‘
इसपर तत्काल कार्रवाई कर रहे हैं। पूरी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भी भेजी गई है। मेरे पास तो शुरू से हर चीज का डाटा है। किस दिन कितना जांच हुआ। लेकिन ऐसी कोई बात हुई कि बिना जांच किये किसी के बारे में लिख दिया जाए। यह गलत है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होगी
प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या बोले प्रधान सचिव
शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रत्यय अमृत ने बताया सिकंदरा और बरहट में जो मामले मिले हैं, वो पूरे राज्य में नहीं हैं. कुछ कर्मचारियों की गलती के चलते पूरे अभियान पर सवाल खड़ा करना गलत है. शुक्रवार को जमुई जिले में कोरोना जांच को लेकर जिस प्रकार के सवाल राज्यसभा में उठाए गए हैं. उससे जुड़ी विस्तृत रिपोर्ट शुक्रवार शाम को ही भेज दी गई है. केंद्र को सवालों का जवाब और पूरी जानकारी दी गयी है.
कई प्रखंडों की कराई गई रैंडम जांच
प्रधान सचिव ने बताया कि जमुई और शेखपुरा जिले की घटना के सामने आने के बाद 10 जिलों में स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजी गई. 26 जिलों के डीएम के स्तर पर जिले के दो-चार प्रखंडों की रैंडम जांच कराई गई है. जांच के प्रारंभिक नतीजों से मालूम चला है मोबाइल नंबर 00000 दिया गया है. अररिया जिले के फारबिसगंज और अररिया की रिपोर्ट से पता चलता है कि जांच कराने वाले सही हैं. जबकि, मोबाइल नंबर 0000000000 पाया गया है. इसके बाद अररिया जिले के सिविल सर्जन, अनुमंडलीय पदाधिकारी और जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी से मोबाइल नंबर को लेकर स्पष्टीकरण पूछा गया है.
कोरोना वॉरियर्स पर सवाल उठाना गलत
शिवहर के पूरनहिया प्रखंड में भी 30-40 लोगों का मामला सामने आया है. आमतौर पर शारीरिक जांच में लोग सही पाए गए हैं. अभी उनमें से कई लोगों को मोबाइल नंबर बंद है. कुछ में पूरे परिवार का एक ही नंबर है. उन्होंने बताया कि आनेवाले दिनों में इस प्रकार के मामले आते हैं तो पूरी सख्ती से कार्रवाई की जाएगी. बरहट और सिकंदरा में प्रोसेस गलत और रिजल्ट भी गलत पाया गया है. समूचे मामले को लेकर कोरोना वॉरियर्स की कार्यशैली पर किसी तरह का सवाल खड़ा नहीं किया जा सकता.