बिहार विधानसभा में रविवार को आयोजित शताब्दी समारोह में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को भी शामिल होना था। उम्मीद थी कि वे 7 फरवरी को दिल्ली से पटना लौट आएंगे। लेकिन लौटने का कार्यक्रम दो दिनों के लिए बढ़ा दिया गया। अब वे 8 जनवरी की रात या उसके बाद ही पटना आएंगे। इसका कारण यह है कि लालू प्रसाद की तबीयत कुछ ज्यादा बिगड़ गई है। अभी लालू प्रसाद का परिवार दिल्ली में ही है।
पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की तबीयत अभी ऐसी नहीं है कि उन्हें छोड़कर आया जा सके। तेजस्वी यादव के साथ ही उनके बड़े बेटे तेजप्रताप यादव भी दिल्ली में ही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और बड़ी बेटी मीसा भारती भी वहीं हैं। लालू प्रसाद पहले से हर्ट और किडनी की बीमारी से ग्रस्त हैं। निमोनिया होने के बाद उनकी स्थिति ज्यादा बिगड़ गई थी। उन्हें रांची से दिल्ली AIIMS रेफर किया गया था।
जानकारी के अनुसार लालू प्रसाद की अभी स्थिति यह है कि निमोनिया की दवा तो चल रही है लेकिन जिस तेजी से सुधार की उम्मीद डॉक्टरों को है उस तेजी से सुधार नहीं हो पा रहा है। दवाओं का असर कम हो रहा है। इससे पूरे परिवार कि चिंता बढ़ी हुई है और परिवार उनको छोड़ कर पटना आने की स्थिति में नहीं है। 30 जनवरी को किसान आंदोलन के समर्थन में आयोजित मानव श्रृंखला में भाग लेने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पटना आए थे। वे शामिल भी हुए, लेकिन जल्दी ही उन्हें फिर से दिल्ली वापस लौटना पड़ा।
बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने पिता के जल्द स्वस्थ होने के लिए सात दिवसीय भागवत यज्ञ का आयोजन पटना में करवाया था। उसके बाद वे वृंदावन गए और वहां भी पूजा-अर्चना की। वृंदावन के बाद वे दिल्ली गए। तब से वे भी दिल्ली में ही हैं। तेजप्रताप यादव ने लालू प्रसाद यादव को रिहा करने के लिए आजादी पत्र लिखने का अभियान पटना में शुरू किया था। आगे लिखे गए पत्रों को राष्ट्रपति को भेजने के लिए वे आने वाले थे लेकिन पिता की खराब तबीयत की वजह से वे भी पटना नहीं आ पा रहे हैं।